के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth    पर 1 मार्च 2025    टिप्पणि (13)

आरबीआई के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास की पीएम नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्ति

शक्तिकांत दास की भूमिका और अनुभव

आरबीआई के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्त किया गया है। तमिलनाडु कैडर के इस अनुभवी आईएएस अधिकारी के पास 42 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने दिसंबर 2018 से दिसंबर 2023 तक आरबीआई के गवर्नर के रूप में सेवा की और इस दौरान कई महत्वपूर्ण मापदंड अपनाए।

दास ने अपने कार्यकाल में कोविड-19 महामारी जैसी बड़ी आर्थिक चुनौतियों का सामना किया और भारत की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए पारंपरिक और नवाचारपूर्ण उपायों का प्रयोग किया। उनका अनुभव वित्त, कराधान, बुनियादी ढांचा और शासन के क्षेत्रों में फैला है।

प्रधान सचिव-2 के रूप में नई जिम्मेदारियाँ

प्रधान सचिव-2 के रूप में नई जिम्मेदारियाँ

शक्तिकांत दास की यह नियुक्ति सीधे प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल से जुड़ी है। उनकी विशेषज्ञता के चलते वे अब उच्च स्तरीय आर्थिक नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। जब वे इस नए पद पर कार्यभार संभालेंगे, तो उनकी नियुक्ति प्रभावी हो जाएगी।

दास की यह नियुक्ति बताती है कि उन्हें भारत की अर्थव्यवस्था में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए समर्पित किया जा रहा है। यह सुनिश्चित करता है कि उन्होंने अतीत में जिस कुशलता से वित्तीय संकटों का प्रबंधन किया है, उसका लाभ देश को मिले।

13 Comments

  • Image placeholder

    gouri panda

    मार्च 1, 2025 AT 19:21

    अरे ओह! इससे बड़ा सरप्राइज़ कभी नहीं देखा! इतनी बड़ी जिम्मेदारी पर शाक्तिकांत दास का नाम आ पहुँचा तो जोश ही जल उठता है। अब प्रधानमंत्री की टीम में उनका नया रोल देखना तो एकदम ब्लॉकबस्टर जैसा होगा। हमें बस उम्मीद है कि वह अपने एतिहासिक कार्यों को फिर से झलकाएगा।

  • Image placeholder

    Harmeet Singh

    मार्च 1, 2025 AT 19:31

    व्यवस्था के जटिल पहियों को समझने वाले दास जी ने हमेशा संतुलन बनाए रखा है। उनका अनुभव हमारे आर्थिक स्थिरता के लिए एक उज्ज्वल मार्ग दिखाता है। आशा है कि उनका योगदान इस बार भी देश को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा।

  • Image placeholder

    patil sharan

    मार्च 1, 2025 AT 19:41

    ओह, फिर से एक बड़े नाम को ओवरहेड में जोड़ दिया गया। देखेंगे अब कैसे नई नीतियों की रचनाओं में इन्क्लूड होते हैं।

  • Image placeholder

    Nitin Talwar

    मार्च 1, 2025 AT 19:51

    यह तो स्पष्ट है कि देश का भविष्य भरोसेमंद हाथों में है 😊। शाक्तिकांत दास जैसी सच्ची जानकार को प्रधान सचिव-2 बनाकर लोकतांत्रिक शक्ति को सुदृढ़ किया गया है। हमें यह देखना होगा कि क्या वह राजनैतिक झंझटों को भी संभाल पाएगा।

  • Image placeholder

    onpriya sriyahan

    मार्च 1, 2025 AT 20:01

    वाह क्या बात है दास जी को फिर से नई जिम्मेदारी मिल गई देखो अब वो आर्थिक नीतियों को लेकर टिप्स देंगे और हम सबको सीखने को मिलेगा

  • Image placeholder

    Govind Reddy

    मार्च 1, 2025 AT 20:11

    हर प्रशासनिक बदलाव के पीछे गुप्त तंत्र होते हैं; शाक्तिकांत दास का चयन शायद वित्तीय सिद्धांतों के पुनर्संयोजन का संकेत है। ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में इस कदम को देखना आवश्यक होगा।

  • Image placeholder

    KRS R

    मार्च 1, 2025 AT 20:21

    आप बिल्कुल सही कह रहे हैं, यह नियुक्ति सिर्फ एक पद नहीं बल्कि वित्तीय दिशा को पुनः निर्धारित करने की कोशिश है।

  • Image placeholder

    Uday Kiran Maloth

    मार्च 1, 2025 AT 20:31

    ऐतिहासिक दृष्टिकोण से देखें तो RBI गवर्नर की यह नियुक्ति आर्थिक नीति निर्धारण में विशेषज्ञता को प्राथमिकता देती है। यह कदम संभावित वित्तीय सुधारों के लिए एक ठोस आधार प्रदान कर सकता है।

  • Image placeholder

    Deepak Rajbhar

    मार्च 1, 2025 AT 20:41

    शाक्तिकांत दास के प्रधान सचिव-2 बनने की खबर ने राजनीतिक और आर्थिक वर्गों में हलचल मचा दी है। उनके 42 साल के करियर को देखते हुए यह चयन कोई आकस्मिक नहीं बल्कि रणनीतिक कदम है। पहले उन्होंने RBI के गवर्नर के रूप में मौद्रिक नीति को सँभाला और वर्तमान में आर्थिक अस्थिरता के कई पहलों को जन्म दिया। COVID-19 जैसी महा आपदा में उनके निर्णयों ने बाजार को स्थिर रखने में मदद की। अब प्रधानमंत्री कार्यालय में उनका प्रवेश यह संकेत देता है कि वित्तीय नीति का दायरा केवल मौद्रिक नहीं बल्कि समग्र आर्थिक संरचना तक विस्तारित होगा। दास जी की विशेषज्ञता कराधान, बुनियादी ढांचा और शासन सुधार में भी गहरी है, जिससे वह विविध क्षेत्रों में नई पहल कर सकते हैं। कई लोग आशावादी हैं कि यह बदलाव भारत की जीडीपी वृद्धि को दो अंकों तक ले जा सकता है। वहीं कुछ आलोचक तर्क देते हैं कि यह नियुक्ति केवल राजनैतिक गठजोड़ को मजबूत करने के लिए की गई है। परन्तु इतिहास ने दिखाया है कि जब योग्य तकनीशियन को नीति स्तर पर स्थान दिया जाता है तो परिणाम अक्सर सकारात्मक होते हैं। वित्तीय संकट के समय में दास जी की चतुर रणनीतियों ने कई बार बाजार के डर को कम किया। उनके पास अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं के साथ काम करने का भी व्यापक अनुभव है, जो वैश्विक जुड़ाव की दृष्टि से लाभदायक हो सकता है। भविष्य में हम देखेंगे कि क्या वह नई आर्थिक नीतियों को लागू करने में वही दृढ़ता और तत्परता दिखाएंगे। अगर वह इस भूमिका को सफलतापूर्वक निभाते हैं तो यह भारत के विकास मॉडल को विश्व स्तर पर पुनः परिभाषित कर सकता है। वहीं अगर नीति‑निर्माण में घर्षण बढ़ता है तो यह एक बड़ी निराशा बन सकती है। मेरी राय में, यह समय है कि हम सभी विशेषज्ञों को खुलकर चर्चा करने दें, ताकि कोई भी गलती दोहराई न जाए। आखिरकार, शाक्तिकांत दास जैसे अनुभवी प्रबंधक की नियुक्ति का मतलब है कि भारत की आर्थिक राह में एक नया मोड़ आया है। 😊

  • Image placeholder

    Hitesh Engg.

    मार्च 1, 2025 AT 20:51

    Deepak साहब ने बहुत विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया, और मैं इसके कई बिंदुओं से पूरी तरह सहमत हूँ। उनकी बातों में यह स्पष्ट होता है कि दास जी की नियुक्ति को केवल एक प्रशासनिक बदलाव के रूप में नहीं, बल्कि एक गहन रणनीतिक परिवर्तन के रूप में देखना चाहिए। आर्थिक स्थिति की जटिलताओं को समझने के लिए हमें विभिन्न पहलुओं-जैसे कर नीति, निवेश आकर्षण, और बैंकों की तरलता-पर गौर करना होगा। दास जी का RBI से जुड़ा अनुभव निस्संदेह उन्हें इस नई भूमिका में एक अनूठा लाभ देता है। साथ ही, उनके पास अंतरराष्ट्रीय सहयोग के मजबूत नेटवर्क भी हैं, जो विदेशी निवेश को आकर्षित करने में सहायक हो सकता है। यह भी सच है कि राजनीति में कभी‑कभी तकनीकी विशेषज्ञों की आवाज़ दबाई जा सकती है, परंतु इतिहास ने हमें सिखाया है कि जब तकनीकी विशेषज्ञ नीतियों में शामिल होते हैं तो परिणाम अक्सर सकारात्मक होते हैं। इसलिए, हमें यह देखना चाहिए कि नीति निर्णयों में उनका योगदान किस हद तक उपयोगी होगा और क्या यह सार्वजनिक हित में है। अंत में, मैं यह जोड़ना चाहूँगा कि दास जी की इस नई जिम्मेदारी को सफल बनाने के लिए एक समन्वित टीम और स्पष्ट लक्ष्य आवश्यक हैं।

  • Image placeholder

    Zubita John

    मार्च 1, 2025 AT 21:01

    डैड, दास सर का प्रीमियर के पास जाना एक बिंग बांग वाला कदम है। उनके पास जो क्रिएटिव आईडिया हैं, वो नयी इकोनॉमी को रिफ्रेश कर सकते हैं। आशा है सब मिलजुल के एक शानदार मूव बनाएं।

  • Image placeholder

    Sunil Kunders

    मार्च 1, 2025 AT 21:11

    नयी नियुक्ति का असर समय ही बताएगा।

  • Image placeholder

    suraj jadhao

    मार्च 1, 2025 AT 21:21

    सही बात है, चलो देखते हैं क्या ये बदलाव एक ज़बरदस्त बूस्ट लाएगा 🎉

एक टिप्पणी लिखें