के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth    पर 31 मई 2025    टिप्पणि (13)

IMD Weather Alert: दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर में भारी बारिश का अलर्ट, मानसून ने केरल में दस्तक दी तय तारीख से पहले

देशभर में IMD का मौसम अलर्ट: कहां-कहां मूसलधार बारिश

मौसम विभाग (IMD) ने देश के अलग-अलग हिस्सों के लिए ताजा अलर्ट जारी किया है। पूर्वोत्तर भारत, केरल, तटीय कर्नाटक, तमिलनाडु के घाट इलाकों में पिछले 24 घंटे से लगातार तेज बारिश हो रही है। मेघालय में तो हालात कुछ ज्यादा ही गंभीर हैं—यहां बारिश का रिकॉर्ड 30 सेमी से भी ऊपर पहुंच गया है। स्थानीय लोग बाढ़ और पानी भराव से परेशान हैं, कई जगह सड़क परिवहन भी ठप है।

केरल की बात करें तो मानसून यहां साल के सामान्य समय, यानी 1 जून के मुकाबले 25 मई को ही पहुंच गया। ये सात दिन पहले की दस्तक है, जिसने राज्य की खेती और आम जनजीवन दोनों को राहत भरी ठंडक दी है, हालांकि स्थानीय प्रशासन को बाढ़ जैसे हालात के लिए पूरी सतर्कता बरतनी पड़ रही है। IMD के अनुसार केरल में आज भी कुछ जगहों पर भारी बारिश होने की पूरी संभावना है।

कर्नाटक और तमिलनाडु के घाटी इलाकों में भी बादल ऐसे बरस रहे हैं कि बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। बच्चों की स्कूल छुट्टी कर दी गई है और कई छोटी नदियां उफान पर हैं।

उत्तर भारत में आंधी-बिजली, हीटवेव और मानसून की तेजी

उत्तर भारत में आंधी-बिजली, हीटवेव और मानसून की तेजी

पूर्वी भारत, यानी दक्षिणी तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा और यानम में आज तेज हवाओं (50 km/h तक) के साथ बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। IMD ने मछुआरों को बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों में समुद्र में ना जाने की चेतावनी दी है क्योंकि समुद्र में लहरे काफी उंची और खतरनाक हैं।

अब आते हैं दिल्ली और राजस्थान की ओर। गुरुवार को दिल्ली में शाम होते-होते हल्की बारिश और गरज-चमक शुरू हो गई थी। शुक्रवार और शनिवार को हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, साथ में तेज आंधी भी चल सकती है। IMD ने दिल्ली के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। राजस्थान, उत्तर-पश्चिम भारत के अन्य इलाकों में भी हल्की से मध्यम बारिश के साथ बादल गरजने, तेज हवा चलने और बिजली गिरने की संभावना है।

हालांकि, इन सबके बीच एक और परेशानी सामने है—हीटवेव। पश्चिमी, मध्य और पूर्वी भारत में हीटवेव का दौर अभी भी जारी है। राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गंगा के मैदान (बंगाल) में दिन का तापमान रोज़ टूटते रिकॉर्ड के पास पहुंच रहा है। खेतों में पानी कम हो गया है और बिजली की मांग भी खूब बढ़ गई है।

IMD का कहना है कि अगले दो दिन देश के कई राज्य भारी बारिश, तूफान, और लू के बीच झूलते दिखेंगे। ऐसे में बचाव के उपायों पर ध्यान देना जरूरी है—खासकर बाढ़ या बिजली गिरने के दौरान। अगर आप समुद्र किनारे या पहाड़ी इलाके में हैं, तो मौसम अपडेट पर नजर रखें।

13 Comments

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    Anushka Madan

    मई 31, 2025 AT 20:20

    वह लोग जो लगातार पर्यावरण को नष्ट कर रहे हैं, उनका दायित्व केवल उनके पास ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर है। अगर हम अभी कदम नहीं उठाएंगे तो अगली सालों में बाढ़ और जलवायु आपदाएँ हमारे लिए रोज़ की सच्चाई बन जाएँगी। यह सिर्फ कुछ ही प्रदेशों की समस्या नहीं, यह एक राष्ट्रीय संकट है। इसलिए हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।

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    nayan lad

    मई 31, 2025 AT 22:33

    सभी लोग अपने घर और आस‑पास के क्षेत्रों में जल निकासी की जाँच कर लें। यदि किसी जगह पानी जमा हो रहा है तो तुरंत बनावटी नाली बनाएँ। बाढ़ के समय में आवश्यक दवाइयाँ और दस्ताने साथ रखें।

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    Govind Reddy

    जून 1, 2025 AT 00:46

    बारिश की तीव्रता हमें प्रकृति की अलौकिक शक्ति का अहसास कराती है। जब जल की धारा तेज़ होती है, तो मन में एक अनजानी शांति उत्पन्न होती है, जैसे जीवन के प्रवाह का प्रतिरूप। परन्तु यही प्रवाह कभी‑कभी विनाशकारी भी हो सकता है, जब हम उसके साथ ताल नहीं बिठा पाते। इस प्रकार के मौसमी बदलाव हमें हमारी अस्थिरता की याद दिलाते हैं। इसलिए हमें सतर्क रहना चाहिए, बिना किसी भावनात्मक प्रतिक्रियाओं के।

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    KRS R

    जून 1, 2025 AT 01:53

    ठीक कहा, लेकिन बस जाँच कर लेना पर्याप्त नहीं है; लोगों को जागरूक करना भी ज़रूरी है। कई बार छोटे‑छोटे उपायों से बड़ी बचाव हो सकती है, पर लोग अक्सर इन्हें नजरअंदाज़ कर देते हैं। इसलिए हर मोहल्ले में एक सामुदायिक जिम्मेदारी बनानी चाहिए।

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    Uday Kiran Maloth

    जून 1, 2025 AT 03:00

    स्थानीय जलवायु मॉडलिंग के विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि उच्चवायुस्थर में नमी की प्रसार दर में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। इसपर आधारित पूर्वानुमान संकेत करता है कि आगामी 72 घंटे में बौधिक क्षरण तथा जलभौतिकीय अस्थिरता का जोखिम उल्लेखनीय रूप से बढ़ेगा। अतः क्षेत्रीय प्रशासन को अल्पकालिक जल निकासी प्रोटोकॉल को अनुकूलित करने के साथ‑साथ दीर्घकालिक जल‑संकट प्रबंधन रणनीतियों को सुदृढ़ करना अनिवार्य है।

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    Deepak Rajbhar

    जून 1, 2025 AT 04:06

    ओह, मँजून का टाइम टेबल खुद ही बदल गया क्या? 😏 अब तो केरल में भी लोग पूछेंगे, 'बारिश कब रुकती?' वैसे भी, इधर-उधर इधर-उधर, जितनी नज़रें बारिश की ओर झुकेगी, उतनी ही पलकें बेस्ट सेंड ऑफ़ फोकस दिखाती हैं। 🤦‍♂️

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    Hitesh Engg.

    जून 1, 2025 AT 06:53

    भाई लोग, मौसम का अलर्ट देख कर तो मैं बस यही कहूँगा कि इस साल का मानसून बहुत ही ज़्यादा उदार रहा है। पहले तो सोचा था कि यह सिर्फ एक छोटी‑सी नज़रें है, पर अब देख रहे हैं कि बारिश दूर‑दूर तक फैल गई है। केरल में तो किसान भाईयों ने पहले से ही धान की बुआई कर ली, और अब अचानक तेज़ बारिश ने राहत दी लेकिन साथ ही जलभराव की समस्या भी बढ़ा दी। कर्नाटक और तमिलनाडु के घाटी इलाकों में सड़कें गीली‑गीली हो गई हैं, जिससे रोज़मर्रा की यात्रा कठिन हो रही है। बच्चों की स्कूल छुट्टी कर दी गई, तो माता‑पिता को घर में ही बच्चों की देखभाल के लिए अतिरिक्त समय मिल रहा है, जो एक तरफ़ अच्छा है तो दूसरी तरफ़ काम‑काज में व्यवधान पैदा कर रहा है। उत्तर भारत में भी आंधी‑बिजली की चेतावनी जारी की गई है, इसलिए जहाँ भी पावन-रात्रि के दौरान बाहर जाना है, सावधानी बरतें। दिल्ली में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, इसका मतलब है कि हल्की‑मध्यम बारिश के साथ-साथ तेज़ हवाएँ और बिजली गिरने की संभावना है। राजस्थान की गर्मी अब भी तीव्र है, गर्मी की लहरें अभी भी बहुत उग्र हैं, इसलिए पानी की कमी और ऊर्जा की मांग में इज़ाफ़ा देखा जा रहा है। इस सबके बीच, यदि आप समुद्र किनारे रहते हैं, तो लहरों की ऊँचाई को लेकर सतर्क रहें, क्योंकि बड़ी लहरें नौकायन को जोखिमपूर्ण बना सकती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जल निकासी की कमी और बाढ़ की संभावना को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन को तुरंत राहत उपायों की योजना बनानी चाहिए। अगर आपके पास बचाव किट है तो उसे तैयार रखें, जिसमें रबर के जूते, टॉर्च और प्राथमिक उपचार की किट शामिल हो। साथ ही, सोशल मीडिया और आधिकारीक मौसम पोर्टल पर अपडेट्स को लगातार फॉलो करें। यह भी जरूरी है कि आप अपने पड़ोसियों के साथ मिलकर सामुदायिक सहायता योजनाएँ बनाएं, ताकि बाढ़ के समय में एक-दूसरे की मदद हो सके। आखिरकार, प्रकृति का सम्मान करना ही सबसे बड़ा उपाय है, जिससे हम इस तरह की आपदाओं से कम से कम नुकसान कर सकें। अंत में, सभी को सुरक्षित रहने की शुभकामनाएँ और आशा है कि इस मौसम के बाद सब कुछ सामान्य हो जाएगा।

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    Zubita John

    जून 1, 2025 AT 09:40

    भाईयों, इस बारिश में तो वापिस कचु भी नहीं बचा-सड़कें एकदम स्लिपरी हो गईं, गाड़ियों को भी 2‑गियर में चलाना पड़ा 😂। यार, ट्रैफिक जाम इतना बड़ा कि साइकिल चलाने वाले भी हिचकिचा रहे हैं। मैं अभी भी सोच रहा हूँ कि काश हम सब ने पहले से ही बाढ़ के लिए 'छाता' का इंटेन्स फाइंडर रखा होता! चलो, एक लॉट टाइम हो गया, फिर भी सिंकनालीन्युपाय के बारे में सोचें।

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    Sandesh Athreya B D

    जून 1, 2025 AT 12:26

    बिलकुल, प्रकृति का रुख बदल गया है।

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    Jatin Kumar

    जून 1, 2025 AT 15:13

    अरे यार, इस मौसम की खबर पढ़के तो दिल थ्रिल से धड़कने लगा! 🌧️ अगर आप अभी भी बाहर हैं तो तुरंत सुरक्षित जगह ले जाएँ। बारिश का जल निकास ठीक से न करने से छोटे‑छोटे गड्ढे भी बड़े उलझन बन सकते हैं। इसलिए, अपने घर के आसपास की नालियों को साफ़ रखें और पड़ोसियों से बात करके एक सामुदायिक योजना बनाएं। याद रखें, सावधानी ही सबसे बड़ी बचाव है। 😊

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    onpriya sriyahan

    जून 1, 2025 AT 18:00

    अभी देखो मौसम का अलर्ट बहुत भारी लग रहा है गर्मी अभी भी पसीना पसीना है पर बारिश का इंतजार है क्या आपको लगता है इस बार कभी बरसात रुकगी नहीं देखो

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    Sunil Kunders

    जून 1, 2025 AT 20:46

    वर्तमान मौसम स्थितियों का विश्लेषण करके स्पष्ट होता है कि मौसमी व्यवधानों के प्रकोप में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग अपरिहार्य हो गए हैं। इस संदर्भ में, राष्ट्रीय मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए पूर्वसूचनात्मक संकेतकों को उचित रूप से व्याख्यायित करना आवश्यक है। अतः, निवारक उपायों को प्रभावी बनाने हेतु बहु‑स्तरीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

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    suraj jadhao

    जून 1, 2025 AT 23:33

    चलो दोस्तों, इस बरसात को अवसर मानें और अपने घर को सुरक्षित बनाएं! 🌂💪 सभी को सुरक्षित रहने की शुभकामनाएँ, मिलकर हम इस मौसम को पार करेंगे। 🙌

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