के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth पर 7 अक्तू॰ 2025 टिप्पणि (3)
जब Euro Pratik Sales Limited ने अपने IPOभारत के लिए बुक‑बिल्ड प्रक्रिया शुरू की, तो निवेशकों की दिलचस्पी अभी भी मापक रही। 18 सितंबर 2025 को सब्सक्रिप्शन बंद होने के बाद, कुल 1.41 गुना सब्सक्रिप्शन दर्ज हुआ, जबकि मार्केज़ निवेशक Ashish Kacholia का समर्थन होने के बावजूद ग्रे मार्केट प्रीमियम केवल ₹1 रहा। यह खबर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दर्शाती है कि भारत के डेकोरेटिव वॉल पैनल और लैमिनेट्स सेक्टर में सार्वजनिक निवेशकों की वास्तविक अपेक्षाएँ क्या हैं।
IPO का समग्र दृश्य और प्रमुख आंकड़े
IPO की कीमत सीमा ₹235‑₹247 प्रति शेयर तय की गई थी, प्रत्येक लॉट 60 शेयरों का था और न्यूनतम खुदरा निवेश ₹14,820 निर्धारित किया गया। कुल 1.83 crore शेयरों में से 6,37,5314 शेयर सार्वजनिक निवेशकों को ऑफर किए गए। सब्सक्रिप्शन के प्रमुख आँकड़े इस प्रकार हैं:
- रिटेल कोटेशन: 1.31 × सब्सक्राइब्ड
- नॉन‑इंस्टीट्यूशनल (NII): 2.02 × सब्सक्राइब्ड
- क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल (QIB): 1.10 × सब्सक्राइब्ड
- कर्मचारी कोटेशन (₹13 डिस्काउंट): 4.09 × सब्सक्राइब्ड
अलॉटमेंट 19 सितंबर 2025 को अंतिम रूप दिया गया और शेयर 23 सितंबर 2025 को BSE और NSE दोनों में लिस्ट हुए।
कंपनी की पृष्ठभूमि और व्यापार मॉडल
Euro Pratik Sales Limited भारत में डेकोरेटिव वॉल पैनल और लैमिनेट्स के प्रमुख वितरक के रूप में जानी जाती है। कंपनी का मॉडल ‘एसेट‑लेस’ है; सभी उत्पाद बाहरी निर्माताओं से आउटसोर्स किए जाते हैं, जबकि डिज़ाइन, गुणवत्ता नियंत्रण और ब्रांडिंग इन‑हाउस रहती है। 2024‑25 वित्तीय वर्ष में कंपनी ने 27 % की राजस्व वृद्धि के साथ ₹291.52 crore का टॉपलाइन हासिल किया, और PAT 22 % बढ़कर ₹76.44 crore रहा।
मुख्य जोखिम में यह शामिल है कि ‘Euro Pratik’ ब्रांड स्वयं कंपनी के स्वामित्व में नहीं है, बल्कि यह एक लाइसेंस‑बेस्ड नाम है। इससे ब्रांड मूल्य के संरक्षण में चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
सब्सक्रिप्शन प्रतिक्रिया और निवेशकों की रुचि
मार्केट में आशा थी कि Ashish Kacholia जैसे मार्केज़ निवेशकों के समर्थन से सब्सक्रिप्शन में आश्चर्यजनक उछाल आएगा, पर वास्तविकता कुछ और रही। ग्रे मार्केट प्री‑मियम केवल ₹1 रहा, जो बाजार में सावधानी का संकेत देता है। एक अनाम रिटेल निवेशक ने कहा, "आकाशीय सपने तो देखे, पर असली कीमत देखने के बाद रूके।"
इंस्टीट्यूशनल साइड में, QIB ने थोड़ा कम सब्सक्राइब्ड किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बड़े फंड अभी भी डेकोरेटिव पैनल सेक्टर को ‘निचले‑मार्जिन’ वाला मानते हैं। दूसरी ओर, NII कोटेशन का 2.02 × सब्सक्राइब्ड स्तर यह दिखाता है कि मध्यम आकार के फंड और एंजल निवेशक इस क्षेत्र में अवसर देख रहे हैं।
विशेषज्ञों की राय और जोखिम कारक
मार्केट एन्हांसमेंट फर्म Axis Capital Ltd के एनीटा गुप्ता, बुक‑रनिंग लीड मैनेजर, ने इस IPO को "इंडस्ट्री की विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला पर आधारित, पर ब्रांड निर्भरता के कारण जोखिमयुक्त" कहना चाहा। उन्होंने आगे कहा, "यदि कंपनी अपने ब्रांड को स्वामित्व में ले लेती है, तो दीर्घकालिक मूल्य निर्माण तेज़ हो सकता है।"
एक स्वतंत्र विश्लेषक, मुंबई स्थित विकसित मेहता, ने टिप्पणी की, "डेकोरेटिव सेक्टर की बैक‑एंड प्रतिस्पर्धा काफ़ी तीव्र है। यूरो प्रिक के पास वितरण नेटवर्क है, पर उत्पादन नियंत्रण न होने से मार्जिन दबाव बढ़ सकता है।"
भविष्य की संभावनाएँ और अगले कदम
IPO के बाद, कंपनी को अपनी कैश‑फ्लो को स्थिर करने और ब्रांड इंटेग्रिटी को सुदृढ़ करने के लिए फंड का उपयोग करना होगा। प्रबंधन ने बताया कि फंड का एक बड़ा हिस्सा नवीन डिज़ाइन R&D, डिजिटल मार्केटिंग और नए राजस्त्रीय डीलर्स के विस्तार में लगाया जाएगा।
आगे देखते हुए, निवेशकों को 30 दिन (अक्टूबर 19 2025) और 90 दिन (दिसंबर 18 2025) के बाद एंकर शेयरों के लॉक‑इन समाप्ति की प्रतीक्षा है। यदि कंपनी अगले दो वित्तीय वर्षों में ट्रैफ़िक और मार्जिन में सुधार दिखा पाती है, तो शेयर मूल्य में सतत बढ़ोतरी की संभावना बनी रहती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
IPO की कीमत सीमा क्या थी और न्यूनतम निवेश कितना था?
शेयर की कीमत ₹235‑₹247 के बीच तय की गई थी, प्रत्येक लॉट में 60 शेयर होते हैं। न्यूनतम खुदरा निवेश ₹14,820 (60 शेयर × ₹247) निर्धारित किया गया था।
रिटेल और संस्थागत निवेशकों के सब्सक्राइब्ड स्तर में क्या अंतर था?
रिटेल कोटेशन 1.31 × सब्सक्राइब्ड रहा, जबकि संस्थागत (QIB) केवल 1.10 × सब्सक्राइब्ड था। नॉन‑इंस्टिट्यूशनल (NII) ने 2.02 × सब्सक्राइब्ड करके अधिक उत्साह दिखाया।
ग्रे मार्केट प्रीमियम इतना कम क्यों रहा?
बाजार ने कंपनी के एसेट‑लेस मॉडल और ब्रांड निर्भरता को जोखिम के रूप में मूल्यांकन किया। इसके अलावा, डेकोरेटिव पैनल सेक्टर में प्रतिस्पर्धा तीव्र है, इसलिए निवेशकों ने प्री‑मियम को सीमित रखा।
कंपनी के भविष्य के विकास के मुख्य बिंदु क्या हैं?
फंड का उपयोग नया डिज़ाइन R&D, डिजिटल बिक्री चैनल और अधिक राजस्थानी डीलर्स के नेटवर्क विस्तार में किया जाएगा। ब्रांड अनलीशिंग और उत्पादन नियंत्रण में सुधार से मार्जिन बढ़ाने की भी योजना है।
शेयरों की लिस्टिंग कब और किन एक्सचेंजों पर हुई?
शेयर 23 सितंबर 2025 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दोनों पर लिस्ट हुए।

Harmeet Singh
अक्तूबर 7, 2025 AT 22:48Euro Pratik Sales का IPO थोड़ा अलग देखा गया, पर इस 1.41× सब्सक्रिप्शन से पता चलता है कि बाजार अभी भी संभावनाओं को देख रहा है। रिटेल हिस्सेदारी का 1.31× होना यह सूचित करता है कि छोटे निवेशकों को अभी भी भरोसा है। एसेट‑लेस मॉडल और लाइसेंस‑बेस्ड ब्रांड पर थोड़ा सावधानी बरतनी चाहिए, पर दीर्घकाल में अगर कंपनी ब्रांड को अपने हाथ में ले ले तो लाभदायक हो सकता है। फंड का उपयोग R&D और डिजिटल मार्केटिंग में करना एक सही दिशा है। कुल मिलाकर, इस IPO को एक सीख के रूप में देख सकते हैं कि स्थिरता और नवाचार दोनों को संतुलित करना जरूरी है।
patil sharan
अक्तूबर 14, 2025 AT 21:28वाह, बहुत गहरा विश्लेषण, पर असली बात तो ग्रे मार्केट प्रीमियम में ही छुपी है, केवल ₹1 का प्रीमियम।
Nitin Talwar
अक्तूबर 21, 2025 AT 20:08यह सब विदेशी फंडों की चालों का हिस्सा है, देश के बड़े निवेशकों ने इसको एक मौका समझा, पर हमें सतर्क रहना चाहिए 😊।