के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth    पर 27 जुल॰ 2024    टिप्पणि (7)

पेरिस 2024 ओलिंपिक: भारत का कार्यक्रम और प्रमुख तिथियां

भारत का सबसे बड़ा दल

पेरिस 2024 ओलिंपिक खेलों का आयोजन 25 जुलाई से 16 अगस्त तक चलेगा, जिसमें भारत का अब तक का सबसे बड़ा दल शामिल होगा। भारत इस बार 112 एथलीट्स को भेज रहा है, जो 69 पदक इवेंट्स में 16 विभिन्न खेलों में हिस्सा लेंगे। यह पहली बार है जब भारत ने इतने बड़े पैमाने पर एथलीट्स को ओलिंपिक में भाग लेने का मौका दिया है।

प्रमुख तिथियां और उद्घाटन कार्यक्रम

इन खेलों की शुरुआत 25 जुलाई को होगी, और उसी दिन तीरंदाजी के इवेंट्स भी होंगे। इस बार भारत की तीरंदाजी टीम में दीपिका कुमारी और तरुंडीप राय शामिल हैं, जो व्यक्तिगत रैंकिंग राउंड में हिस्सा लेंगे। इसके अलावा, 27 जुलाई को मिक्स्ड टीम 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में भारत की पहली पदक की उम्मीद होगी। इस इवेंट में संदीप सिंह, इलावेनिल वलारिवन, अर्जुन बबूता और रमीता जिंदल भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

प्रमुख एथलीट्स और इवेंट्स

प्रमुख एथलीट्स और इवेंट्स

इस बार भारत के कुछ प्रमुख एथलीट्स में नीरज चोपड़ा, पीवी सिंधु, मीराबाई चानू और लवलीना बोरगोहाइन शामिल हैं। नीरज चोपड़ा, जो कि टोक्यो 2020 में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं, इस बार फिर से पुरुषों की जैवलिन थ्रो में भारत की उमीदों को मजबूत करेंगे। पीवी सिंधु, जो कि विश्व की शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक हैं, भी महिला बैडमिंटन में हिस्सा लेंगी। मीराबाई चानू, जो कि रिकॉर्ड तोड़ वेटलिफ्टर हैं, इस बार भी वेटलिफ्टिंग में अपनी शानदार प्रदर्शन को दोहराने की कोशिश करेंगी। लवलीना बोरगोहाइन, जो कि एक मैडल विनिंग बॉक्सर हैं, बॉक्सिंग रिंग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।

लाइव प्रसारण और स्ट्रीमिंग

इन खेलों का लाइव प्रसारण और स्ट्रीमिंग भारत में विभिन्न टीवी चैनलों और ऑनलाइन प्लेटफार्म्स पर उपलब्ध होगी। दर्शक इन सभी इवेंट्स को लाइव देख सकते हैं और अपनी पसंदीदा टीम और एथलीट्स को प्रोत्साहित कर सकते हैं।

उम्मीदें और चुनौतियाँ

उम्मीदें और चुनौतियाँ

भारत इस बार की ओलिंपिक में अपने सबसे बड़े दल के साथ कई पदक जीतने की उम्मीद कर रहा है। जहां एक ओर एथलीट्स अपनी तैयारी में जुटे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हें एक उच्चस्तरीय प्रतियोगिता का सामना करना पड़ेगा। सभी एथलीट्स ने अपनी तैयारियों में कोई भी कसर नहीं छोड़ी है और वे पूरी मेहनत के साथ अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे।

उम्मीद है कि भारत का यह ओलिंपिक अभियान सफल रहेगा और हमारे एथलीट्स देश का नाम रोशन करेंगे।

7 Comments

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    Piyusha Shukla

    जुलाई 27, 2024 AT 03:25

    इतनी बड़ी टीम का मतलब यह नहीं कि हम स्वर्ण लहर में कूदेंगे बस क्योंकि संख्या बढ़ी है योग्यता अभी भी सवाल उठाती है.

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    Shivam Kuchhal

    जुलाई 27, 2024 AT 07:35

    इनफ़ॉर्मल नहीं बल्कि औपचारिक स्वर में कहना चाहूँगा कि इस वार्षिक अधिवेशन में भारतीय एथलीटों का प्रतिभा एवं परिश्रम उल्लेखनीय है, हम सभी को उनका समर्थन करना चाहिए और उनके सफलतम प्रदर्शन की कामना करनी चाहिए.

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    Adrija Maitra

    जुलाई 27, 2024 AT 11:45

    वाह यह निराला अनुभूति है जब देखो हमारे नीरज चोपड़ा फिर से जैवलिन थ्रो में जज्बा दिखाते हैं, पूरा मंच धड़कता है, दिल भी साथ धड़कता.
    इसे देख कर सभी का मन उत्साहित हो जाता है.

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    RISHAB SINGH

    जुलाई 27, 2024 AT 15:05

    देखिए, टीम का आकार सिर्फ एक आँकड़ा नहीं, बल्कि अधिक लोगों के साथ विविध रणनीतियों का मौका देता है, कोचिंग स्टाफ भी हर एथलीट को व्यक्तिगत ध्यान दे रहा है, यही जीत की नींव बनती है.

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    Deepak Sonawane

    जुलाई 27, 2024 AT 18:25

    व्यावसायिक दृष्टिकोण से यदि हम मेट्रिक‑ड्रिवेन KPI‑आधारित विश्लेषण को लागू न करें तो इस बौछार‑से‑पदकों की आशा केवल तर्कहीन स्पेकुलेशन रहेगी, डेटा‑साइंस की अनुपस्थिति में प्रदर्शन‑वक्र अविश्वसनीय रहेगा.

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    Suresh Chandra Sharma

    जुलाई 27, 2024 AT 21:45

    याद रखो, लाइव स्ट्रीमिंग के लिये सही प्लेटफॉर्म चुनना बहुत इम्पोर्टेंट है, अगर आप यूट्यूब या डोलवाइज पर देख रहे हो तो बैकग्राउंड में कब‑कभी बफ़रिंग हो सकती है, जुड़े रहो और एथलीट्स को अप्लॉड करो.

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    sakshi singh

    जुलाई 28, 2024 AT 01:05

    आपकी बात बिलकुल सही है और मैं इस पर जोड़ना चाहूँगा कि भारतीय दर्शकों के लिए यह भी आवश्यक है कि हम केवल स्ट्रीमिंग की तकनीकी पक्ष ही नहीं, बल्कि खेल की सांस्कृतिक महत्ता को भी समझें, क्योंकि प्रत्येक एथलीट अपने पीछे एक बड़ी कहानी, एक सामाजिक प्रेरणा और कई बार एक मातृभूमि के प्रति कर्तव्यनिष्ठा लेकर आता है, इस कारण हमारा समर्थन केवल टीवी स्क्रीन तक सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि सोशल मीडिया, स्थानीय सभा‑सम्मेलन और विद्यालयों में चर्चा के रूप में भी विस्तारित होना चाहिए, ताकि भविष्य की पीढ़ी को यह एहसास हो कि ओलिंपिक केवल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव और सामूहिक आत्मविश्वास का एक सशक्त मंच है.

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