वोटर आईडी यानी मतदाता पहचान पत्र आपके वोट देने का प्रमुख सबूत है। अगर आपने अभी तक बनवाया नहीं है या इसमें बदलाव करना है तो यह पेज आपकी मदद करेगा। छोटे-छोटे स्टेप्स में समझेंगे कि ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से कैसे काम होता है, कौन से दस्तावेज चाहिए और सामान्य गलतियों से कैसे बचे।
ऑनलाइन आवेदन सबसे तेज़ तरीका है। राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (NVSP) या राज्य के CEO की वेबसाइट पर जाएँ। नया कार्ड बनवाने के लिए सामान्यतः Form 6 भरना होता है। आपके पास ये चीज़ें होनी चाहिए: आधार कार्ड या कोई पहचान प्रूफ, पते का प्रमाण (बिल, बैंक पासबुक आदि) और हालिया पासपोर्ट साइज फोटो।
स्टेप-बाय-स्टेप: NVSP पर अकाउंट बनाइए → Form 6 चुनिए → व्यक्तिगत जानकारी और पते की जानकारी दर्ज कीजिए → डॉक्यूमेंट अपलोड करें → सबमिट और reference नंबर नोट कर लें। सबमिशन के बाद स्थानीय अधिकारी सत्यापन के लिए आ सकता है। आमतौर पर 30–45 दिन में प्रक्रिया पूरी होती है, पर समय अलग-अलग जगह बदल सकता है।
अगर आपके वोटर कार्ड में नाम, पता या फोटो बदलना है तो Form 8 (सुधार) भरें। पता बदलने पर कभी-कभी नया नामांकन (Form 6) करना पड़ता है। मृतक या अनुपस्थित मतदाताओं के नाम हटवाने के लिए Form 7 का उपयोग होता है।
e-EPIC यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटर आईडी PDF के रूप में डाउनलोड किया जा सकता है। Voter Helpline ऐप या NVSP पर जाकर EPIC नंबर या मोबाइल नंबर से लॉगिन करके e-EPIC निकाल लें। इसे मोबाइल पर सेव कर लेना सुविधाजनक रहता है और यह वैध पहचान मान्य है।
स्टेटस ट्रैक करने के लिए आपने जब आवेदन किया तो जो reference number मिला, उसे NVSP की Track Application में डालें। सत्यापन के लिए Booth Level Officer (BLO) से संपर्क करें अगर देरी हो रही है।
कुछ सामान्य गलतियां जिनसे बचें: दस्तावेज़ में नाम और आधार में मेल नहीं होना, खराब फोटो, गलत पता और अधूरी जानकारी। आवेदन से पहले सब डॉक्यूमेंट्स एक बार जरूर चेक कर लें।
एक छोटी टिप: अगर आप अक्सर जगह बदलते हैं तो वोटर रजिस्ट्री अपडेट समय पर कर दें—न केवल वोट डालने के लिए जरूरी है बल्कि कई सरकारी कामों में पहचान और पते के लिए भी काम आता है।
प्रेम वशीकरण न्यूज़ पर वोटर आईडी और चुनाव से जुड़ी ताज़ा खबरें भी मिलती हैं। कोई सवाल हो तो बताइए — मैं आसान तरीके से मदद कर दूँगा।
Posted By Krishna Prasanth पर 9 अग॰ 2025 टिप्पणि (17)
चुनाव आयोग ने बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया गया वोटर आईडी नंबर फर्जी बताया है। आयोग ने उन्हें 16 अगस्त तक असली वोटर आईडी दिखाने का आदेश दिया है। विवाद के चलते यादव और प्रशासन दोनों सवालों के घेरे में हैं।
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