के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth    पर 9 अग॰ 2025    टिप्पणि (0)

तेजस्वी यादव का वोटर आईडी फर्जी घोषित, 16 अगस्त तक मूल कार्ड जमा करने का आदेश

चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव की वोटर आईडी को फर्जी बताया

बिहार की राजनीति में भूचाल तब आ गया जब तेजस्वी यादव द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाए गए वोटर आईडी नंबर पर सवाल खड़े हो गए। चुनाव आयोग ने जिस EPIC नंबर RAB2916120 को वो दिखा रहे थे, उसे अपने रिकॉर्ड में न होने की बात कही और इसे पूरी तरह फर्जी घोषित कर दिया। आयोग के निर्देश पर तेजस्वी को 16 अगस्त शाम 5 बजे तक असली वोटर आईडी प्रस्तुत करने का अल्टीमेटम दिया गया है।

यह नोटिस बिहार की दीघा विधानसभा के निर्वाचक पंजीकरण पदाधिकारी (ERO) की तरफ से आया, जो पटना सदर के सब-डिविजनल अफसर भी हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि आयोग के डेटा में ऐसा कोई नंबर ही नहीं है और ऐसा फर्जी दस्तावेज बनाना या इस्तेमाल करना कानूनी अपराध है।

कैसे उठा विवाद और क्या बोले चुनाव अधिकारी?

गड़बड़ की शुरुआत तब हुई जब तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उनका नाम नए ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से गायब है और उनका EPIC नंबर बिना वजह बदल दिया गया है। उन्होंने मीडिया में जो कार्ड दिखाया, उसका नंबर ECI की वेबसाइट पर दर्ज ही नहीं था। जब ERO ने अपनी जांच शुरू की तो पाया कि तेजस्वी यादव का असली EPIC नंबर RAB0456228 ही पिछले कई सालों से रिकॉर्ड में है। 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव नामांकन पत्रों में भी यही नंबर दिखा है और 2025 की ताजा वोटर लिस्ट में भी यही दर्ज है।

तेजस्वी के नाम की मौजूदा लोकेशन पटना के बिहार एनिमल सायंसेज यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी बिल्डिंग के पोलिंग बूथ नं. 204 की सीरियल नंबर 416 है। उनका नाम पहले पोलिंग स्टेशन नं. 171 (सीरियल 481) में जारी था, जिसे अब बदल दिया गया है। प्रशासन ने ड्राफ्ट लिस्ट की स्क्रीनशॉट भी सार्वजनिक कर दी है, जिसमें उनका असली ID नंबर साफ नजर आ रहा है।

  • 1 अगस्त को तेजस्वी ने कहा था, उनका नाम लिस्ट में नहीं है।
  • 2 अगस्त को प्रेस के सामने विवादित EPIC नंबर RAB2916120 पेश किया।
  • चुनाव आयोग ने जांच में पाया यह नंबर देशभर के किसी वोटर का नहीं है।
  • तीन बार तेजस्वी को अलग-अलग तारीख पर नोटिस भेजा गया।

पूरे मामले में तेजस्वी यादव का कहना है कि वह समय आने पर आयोग को जवाब देंगे। वहीं, चुनाव आयोग प्रशासनिक पारदर्शिता बनाए रखने की बात कर रहा है। इस घमासान के बीच एक सवाल और खड़ा हो रहा है—क्या कोई बड़ा राजनीतिक खेल चल रहा है या फिर ये सब महज एक प्रशासनिक चूक है?