स्टील्थ जहाज: कम दिखने वाले युद्धपोत क्या होते हैं?
सोचते हैं—किसी जहाज को छुपाया कैसे जा सकता है? स्टील्थ जहाज यानी ऐसे युद्धपोत जिनका लक्ष्य है विरोधी के रडार, इंफ्रारेड और सोनार पर नजर कम से कम पड़ना। ये जहाज खास डिजाइन, स्पेशल कोटिंग और शोर कम करने वाली तकनीक से बने होते हैं ताकि उन्हें ढूँढना कठिन हो जाए।
स्टील्थ तकनीक के मुख्य तत्व
सबसे पहले डिजाइन: जहाज की शेप ऐसी होती है कि रडार की किरणें बिखर जाएँ और वापस नहीं लौटें। यह सीधा असर करता है कि रडार पर उसका सिग्नेचर छोटा दिखे।
दूसरा, रडार-अब्जॉर्बिंग मटेरियल (RAM): विशेष पेंट और कोटिंग्स रडार सिग्नल को सोख लेते हैं। इसका मतलब—रडार से कम ऊर्जा वापस जाती है और पता लगाना मुश्किल होता है।
तीसरा, इंफ्रारेड और गर्मी प्रबंधन: इंजन और निकास से निकलने वाली गर्मी को कम करने के उपाय होते हैं ताकि थर्मल कैमरों में भी निशान धुँधला दिखे।
चौथा, अकूस्टिक साइलेंसिंग: प्रोपेलर और मशीनरी को ऐसा डिजाइन किया जाता है कि पानी में कम शोर हो। यह सोनार से पकड़े जाने की संभावना घटाता है।
आखिर में इलेक्ट्रॉनिक एमिशन कंट्रोल: जहाज अपने रडियो और रडार सिग्नल्स को नियंत्रित रखता है ताकि खुद ही खोज को न बुलाए।
लाभ और चुनौतियाँ
लाभ सीधे हैं—पहले पता न चलना और आश्चर्य element। दुश्मन पर पहले हमला करने का फायदा मिलता है और बचने की संभावना बढ़ती है। छोटे आकार और कम सिग्नेचर वाली नौकाएँ लिटरल वॉरफेयर में खास काम आती हैं।
लेकिन चुनौतियाँ भी हैं। स्टील्थ डिजाइन महंगा होता है और रख-रखाव जटिल होता है—विशेष कोटिंग्स और सेंसर निगरानी की जरूरत रहती है। कुछ रडार फ्रीक्वेंसी या मल्टीस्टेटिक सेंसिंग से स्टील्थ का पता चल सकता है—यानी यह बार-बार साबित हो गया है कि स्टील्थ "अदृश्यता" नहीं बल्कि "कम दिखाई देना" है।
कौन-कौन से देश इस्तेमाल करते हैं? दुनिया में कुछ क्लासिक उदाहरण हैं: स्वीडिश Visby-क्लास कॉर्वेट और अमेरिकी Zumwalt-क्लास डिस्ट्रॉयर जैसे डिजाइन स्टील्थ सिद्धांतों पर बने हैं। कई देश अपनी नौसेनाओं में स्टील्थ तत्व जोड़ रहे हैं—चाहे वह बड़े फ्रिगेट हों या छोटे मिसाइल कोरवेट।
भविष्य में क्या बदल रहा है? अनमैंड सतह वाहन (USV), बेहतर कंपोजिट मटेरियल और AI-आधारित सेंसिंग स्टील्थ रणनीति को बदलेगा। साथ ही सस्ते और स्मार्ट सेंसर से स्टील्थ चुनौतियों का सामना भी बढ़ेगा।
अगर आप नौसेना तकनीक में रुचि रखते हैं तो स्टील्थ जहाज आज के नौसैनिक युद्ध में एक बड़ा हिस्सा बनते जा रहे हैं—पर पूरी तरह छुपना असल में मुमकिन नहीं। समझदारी यही है कि डिजाइन, ऑपरेशन और इंटेलिजेंस का संतुलन बनाया जाए।
किसी खास स्टील्थ जहाज के बारे में जानकारी चाहिए—जैसे Visby या Zumwalt की विशेषताएँ? बताइए, मैं और डिटेल दे दूँगा।
भारतीय नौसेना ने स्वदेशी मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन का सफल परीक्षण कर स्टील्थ जहाजों पर कसा शिकंजा
Posted By Krishna Prasanth पर 10 मई 2025 टिप्पणि (0)

भारतीय नौसेना और DRDO ने अत्याधुनिक मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन का सफल परीक्षण किया। 1,000 किलो वजनी यह माइन स्टील्थ जहाजों व पनडुब्बियों का पता लगाकर उन्हें निष्क्रिय करने में सक्षम है। इसका परीक्षण भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच हुआ। यह भारत की समुद्री सुरक्षा को नई ताकत देगा।
और पढ़ें