रिंग ऑफ फायर: जानें क्या है और आप के लिए क्यों मायने रखता है
रिंग ऑफ फायर प्रशांत महासागर के चारों ओर मौजूद एक लंबा भूकंपीय और ज्वालामुखी इलाका है। यहाँ प्लेट्स की टक्कर और डुबकी की वजह से ज़्यादा भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट होते हैं। हालाँकि भारत सीधे रिंग ऑफ फायर में नहीं आता, पर इसका असर समुद्री भूचाल और वैश्विक मौसम पर पड़ता है। इसलिए इस पर नजर रखना जरूरी है।
रिंग ऑफ फायर से जुड़े खतरे क्या हैं?
सबसे बड़ा जोखिम भूकंप और उससे पैदा होने वाली सुनामी है। जब समुद्र के नीचे बड़ा भूकंपीय झटका आता है, तो पानी का बड़ा हिस्सा ऊपर-नीचे होकर विशाल लहरें बना देता है। ज्वालामुखी विस्फोट से राख, गैस और लावा निकलता है जो आसपास के देशों में हवा और समुंद्री मार्ग प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, बड़े भूकंप से इमारतें, सड़के और बुनियादी ढाँचे नष्ट होते हैं, जिससे जीवन और रोज़गार प्रभावित होते हैं।
तुरंत क्या करें — बुनियादी और आसान सुरक्षा टिप्स
अगर भूकंप आए तो सबसे पहले शांत रहें। मजबूत फर्नीचर के नीचे जाकर सिर बचाएँ, दरवाज़े के चौखट में खड़े रहें यह पुरानी पर पर भरोसा मत करें — आजकल मजबूत स्थान से ही काम चलता है। बाहर हैं तो खुले मैदान में रहें और बिजली लाइनों व पेड़ों से दूर रहें।
अगर सुनामी का अलर्ट आया है तो समुद्र की ओर न जाएँ। ऊँचे और सुरक्षित स्थान पर तुरंत चले जाएँ। स्थानीय रेडियो, फोन अलर्ट और प्रशासन की हिदायतें फॉलो करें। पानी वापस आने तक समुद्र तट पर मत जाएँ क्योंकि कई छोटी लहरें भी आ सकती हैं।
घर पर आप एक आपातकालीन किट रखें — पानी (कम से कम 3 दिन का), रेडियो, टॉर्च, अतिरिक्त बैटरी, प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, जरूरी दवाइयाँ, पहचान-पत्र और कुछ खाने-पीने की चीजें। बच्चों और बुजुर्गों के लिए प्लान पहले से बनायें कि मिलना कहाँ है।
क्या आप जानते हैं कि चेतावनी कैसे मिलती है? समुद्री भूचाल और सुनामी के लिए IMD और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) अपडेट देते हैं। भरोसेमंद खबरों के लिए स्थानीय आपदा ऐप और सरकारी चैनल्स पर नजर रखें।
छोटी तैयारियां बड़े नुकसान कम कर सकती हैं। अपने इलाके के भूकंपीय जोखिम के बारे में स्थानीय नगरपालिका से जानकारी लें और इमारत की मजबूती जांचें। स्कूल और काम की जगह पर भी इमरजेंसी ड्रिल में हिस्सा लें।
अगर आप यात्रा कर रहे हैं और रिंग ऑफ फायर वाले देशों (जैसे जापान, इंडोनेशिया, चिली) में जा रहे हैं तो वहां के एलर्ट सिस्टम और निकासी मार्ग पहले से देखें। होटल स्टाफ से संपर्क कर सुरक्षा निर्देश पूछें।
रिंग ऑफ फायर को रोक नहीं सकते, पर इससे प्रभावित होने के तरीके बदल सकते हैं। सही जानकारी, शांत रहना और छोटी-छोटी तैयारी आपको और आपके परिवार को बड़ा नुकसान होने से बचा सकती है। क्या आपने अपने घर के लिए कोई इमरजेंसी किट बनाई है? अभी तैयार कर लें, इससे फर्क पड़ेगा।
2 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण: तारीख, समय और भारत में दृश्यता की पूरी जानकारी
Posted By Krishna Prasanth पर 2 अक्तू॰ 2024 टिप्पणि (0)

2 अक्टूबर, 2024 को एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा, जहाँ चंद्रमा सूर्य से छोटा दिखाई देगा और 'रिंग ऑफ फायर' का दृश्य उत्पन्न करेगा। यह दुर्लभ घटना भारत में नहीं दिखेगी क्योंकि यह रात के समय होगी। भारतीय मानक समय (IST) के अनुसार, यह ग्रहण 9:13 बजे रात से शुरू होगा और 3:17 बजे सुबह तक चलेगा।
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