रीन्यूएबल ऊर्जा: आज क्या चल रहा है और क्यों महत्वपूर्ण है?

जब हम रीन्यूएबल ऊर्जा, वह ऊर्जा है जो प्राकृतिक स्रोतों से पुन: उत्पन्न होती है, जैसे सूर्य, हवा, जल और जैविक पदार्थ. इसे नवीकरणीय ऊर्जा भी कहा जाता है, जो पर्यावरण के लिए कम हानिकारक और दीर्घकालिक समाधान प्रदान करती है। भारत में ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु लक्ष्य और ग्रामीण विकास के लिए यही मुख्य चालिका बन गई है।

रीन्यूएबल ऊर्जा में सौर ऊर्जा, सूर्य के प्रकाश को सीधे फोटोवोल्टाइक पैनलों या सौर थर्मल सिस्टम से बिजली में बदलना सबसे तेज़ी से बढ़ रहा है। साथ ही, पवन ऊर्जा, हवा की गति को टर्बाइन से घुमाकर विद्युत उत्पन्न करना औद्योगिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर स्थापित हो रही है। बायोमास ऊर्जा, जैविक कचरे, फसल संबंधी अवशेष और लकड़ी को ईंधन या गैस में बदलना ग्रामीण सोंसाधन के लिए व्यवहारिक विकल्प दे रही है, जबकि हाइड्रो पावर, बिजली उत्पादन के लिए जल प्रवाह या गिरते पानी का उपयोग बड़े रिसॉर्ट क्षेत्रों में स्थिर आपूर्ति बनाती है। ये चार स्रोत एक-दूसरे को पूरक करते हुए, देश की कुल ऊर्जा मिश्रण में 40% से अधिक हिस्सेदारी बना रहे हैं।

मुख्य प्रवृत्तियाँ और नीति ढांचा

सरकार ने 2030 तक नवीकरणीय हिस्सेदारी को 50% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए "राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य (MNRE)" 2023‑2025 योजना में टैक्स छूट, सब्सिडी‑आधारित फाइनेंस और आसान लैंड एग्रीमेंट प्रदान किए गए हैं। साथ ही, राज्य स्तर पर कई प्रमुख प्रोजेक्ट चल रहे हैं – जैसे राजस्थान में 500 MW सोलर पार्क, गुजरात में 300 MW ऑफ‑शोर पवन फर्म, और तमिलनाडु में बायोमास‑आधारित गैसिफिकेशन प्लांट।

इन पहलों का असर केवल पर्यावरणीय नहीं, बल्कि आर्थिक भी है। सौर मॉड्यूल की लागत 2010 के मुकाबले 70 % घट गई, जिससे छोटे किसान भी अपने खेतों पर रूम‑टू‑रूम सोलर सिस्टम लगाकर बिजली बचा रहे हैं। पवन टरबाइन निर्माता अब स्थानीय सप्लाईチェन को विकसित कर रहे हैं, जिससे रोजगार के नए अवसर बन रहे हैं। बायोमास परियोजनाएँ कचरे को ऊर्जा में बदल कर स्वच्छता समस्याओं को भी हल कर रही हैं। हाइड्रो प्रोजेक्ट में जल संरक्षण के साथ ही टरबाइन की दक्षता बढ़ाने के लिए स्मार्ट ग्रिड तकनीक लागू की जा रही है।

इन सबके बीच, निजी क्षेत्र का योगदान भी तेज़ी से बढ़ रहा है। टाटा पावर, रेलेएंसी इन्डस्ट्रीज और अडानी ग्रूप जैसी कंपनियों ने बड़े पैमाने पर सौर‑पवन संयोग (हाइब्रिड) पार्क स्थापित किए हैं, जिससे ग्रिड पर लोड‑बैलेंसिंग आसान हुई है। फिनटेक स्टार्ट‑अप्स ने रियल‑टाइम प्रोडक्शन मॉनिटरिंग और वित्तीय मॉडलिंग को डिजिटल बनाकर निवेशकों की भागीदारी को आसान किया है।

इन विविध रक्तस्रावों को एक साथ जोड़ते हुए, रीन्यूएबल ऊर्जा का इको‑सिस्टम बनता है जो न केवल कार्बन उत्सर्जन को घटाता है, बल्कि ऊर्जा अभिक्रियाओं को सुदृढ़ भी करता है। इस प्रकार, "रीन्यूएबल ऊर्जा" सौर, पवन, बायोमास और हाइड्रो को मिलाकर एक सतत भविष्य की नींव रखती है। नीचे आप इस टैग से जुड़े नवीनतम समाचार, विश्लेषण और विशेषज्ञ राय पढ़ेंगे, जो आपको वर्तमान स्थितियों, नई परियोजनाओं और नीति बदलावों की स्पष्ट तस्वीर देंगे।

GK Energy IPO पर 89.62 गुना ओवरसब्सक्रिप्शन - सोलर वाटर पंप कंपनी ने जुटाए 464 करोड़

Posted By Krishna Prasanth    पर 24 सित॰ 2025    टिप्पणि (0)

GK Energy IPO पर 89.62 गुना ओवरसब्सक्रिप्शन - सोलर वाटर पंप कंपनी ने जुटाए 464 करोड़

पुणे स्थित सोलर वाटर पंप निर्माता GK Energy Ltd ने 464 करोड़ रुपये के IPO में 89.62 गुना ओवरसब्सक्रिप्शन दर्ज किया। QIBs ने 186.29 गुना, खुदरा निवेशकों ने 20.79 गुना भाग लिया। कंपनी ने सार्वजनिक मुद्दे से पहले एंकर निवेशकों से 139 करोड़ जुटाए। बिडिंग के बाद ग्रे मार्केट प्रीमियम 46 से घटकर 20‑23 रुपये रहा, जिससे लगभग 13% लिस्टिंग प्रीमियम की उम्मीद है।

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