के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth    पर 24 सित॰ 2025    टिप्पणि (0)

GK Energy IPO पर 89.62 गुना ओवरसब्सक्रिप्शन - सोलर वाटर पंप कंपनी ने जुटाए 464 करोड़

पुणे स्थित सोलर‑पावर्ड कृषि जल पंप निर्माता GK Energy IPO ने भारतीय स्टॉक मार्केट में एक जबरदस्त धूम मचा दी। तीन दिन चलने वाली बिडिंग प्रक्रिया के दौरान निवेशकों ने 1,98,77,78,982 शेयरों की माँग की, जबकि केवल 2,21,80,828 शेयर ही जारी किए गए थे। इस वजह से कुल ओवरसब्सक्रिप्शन 89.62 गुना दर्ज हुआ, जो देश के सबसे सफल वैकल्पिक‑ऊर्जा IPOs में से एक बन गया।

IPO का विस्तृत विवरण

इस सार्वजनिक ऑफर की संरचना दो भागों में बाँटी गई थी – 400 करोड़ रुपये का फ़्रेश इश्यू और 42 लाख शेयरों का ऑफर‑फ़र‑सेल (OFS) जो लगभग 64.26 करोड़ रुपये की कीमत पर था। शेयरों की मूल्य सीमा 145 से 153 रुपये तय की गई थी, और अधिकांश बिड्स इस रेंज के ऊपर की तरफ केंद्रित रहे।

सभी निवेशक वर्गों ने बड़ी संख्या में हिस्सेदारी ली। क्वालिफ़ाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) ने अपने अलॉटमेंट को 186.29 गुना सब्सक्राइब किया, जिससे संस्थागत निवेशकों का भरोसा साफ दिखा। नॉन‑इंस्टीट्यूशनल निवेशकों ने 122.73 गुना ओवरसब्सक्रिप्शन किया, जबकि खुदरा निवेशकों ने 20.79 गुना भागीदारी दर्ज की – जो आमतौर पर अपेक्षाकृत सतर्क वर्ग माना जाता है।

सार्वजनिक निष्कर्षण से पहले, GK Energy ने एंकर निवेशकों से 139 करोड़ रुपये से अधिक की पूँजी जुटा ली। यह मजबूती कंपनी की बिज़नेस मॉडल और भविष्य की ग्रोथ संभावनाओं पर संस्थागत भरोसे को दर्शाता है।

उपलब्ध फ़ंड में से 322 करोड़ रुपये का उपयोग दीर्घकालिक वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने में होगा। शेष राशि कंपनी के सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए रखी जाएगी, जिससे नई प्रोजेक्ट्स और बाजार विस्तार के लिए लचीलापन मिलेगा।

भविष्य की संभावनाएँ और बाजार दृष्टिकोण

भविष्य की संभावनाएँ और बाजार दृष्टिकोण

सौर‑पावर्ड कृषि जल पंप का बाजार भारत में तेज़ी से बढ़ रहा है। जल संरक्षण, ऊर्जा बचत और सरकारी सब्सिडी जैसे कारक इस सेक्टर को आकर्षक बनाते हैं। GK Energy ने अपनी तकनीकी क्षमताओं को इस लाभकारी माहौल में स्थापित किया है और अब वह बड़े पैमाने पर विस्तार की योजना बना रहा है।

  • सरकारी ‘सोला उगाओ’ जैसी पहलें सोलर पंप की मांग को बढ़ा रही हैं।
  • कृषि क्षेत्र में जल‑कुशलता की जरूरत के कारण सोलर पंप पर निवेश में वृद्धि की उम्मीद है।
  • कंपनी के पास भारत के कई ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही नेटवर्क है, जिससे वितरण लागत कम होगी।
  • नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति बढ़ती नीति‑समर्थन से फाइनेंसिंग की शर्तें भी अनुकूल होंगी।

ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) ने प्रारम्भिक दौर में 46 रुपये तक पहुँचा, लेकिन बिडिंग के अंतिम दिन 20‑23 रुपये के आसपास स्थिर रहा। इससे लिस्टिंग पर लगभग 13% प्रीमियम की संभावना बनी, जो निवेशकों के बीच भरोसे को फिर से पुष्ट करता है।

समग्र रूप से, GK Energy की IPO सफलता न सिर्फ कंपनी की तरफ से एक माइलस्टोन है, बल्कि यह भारत में नवीकरणीय ऊर्जा और स्मार्ट कृषि तकनीकों के मिलन बिंदु पर निवेशकों के उत्साह को भी दर्शाती है। आगे चलकर इस कंपनी की प्रगति को देखना रोचक रहेगा, खासकर जब वह अपनी उत्पाद लाइन को विस्तार देगा और नई तकनीकी नवाचारों को अपनाएगा।