आजकल हर दिन कुछ न कुछ फर्जी निकल आता है। कभी वोटर‑आईडी का आरोप, तो कभी वायरल वीडियो की गलत कहानी। इस टैग पर हम ऐसे मामलों की सटीक खबरें, जांच के संकेत और रिपोर्ट करने के आसान कदम देते हैं। पढ़कर आप पहचान सकेंगे कि खबर असली है या कन्फ्यूज़न फैलाने वाली फर्जी सुचना।
उदाहरण के तौर पर तेजस्वी यादव के वोटर आईडी मामले को चुनाव आयोग ने फर्जी बताया और असली कार्ड 16 अगस्त तक जमा करने को कहा गया — यह सीधे फर्जीवाड़े की शक की तरह दिखता है। इसी तरह सोशल मीडिया पर घूमने वाले कुछ वायरल वीडियो या अफवाहें, जैसे किसी से जुड़ी निजी कहानी या सेलिब्रिटी के बारे में छपी खबरें, अक्सर आधी‑अधूरी होती हैं। ऐसे पोस्ट्स पर जल्दी राय बनाना खतरनाक हो सकता है।
अगर आपने कोई खबर पढ़ी है — जैसे कोई वायरल शादी का वीडियो या किसी सार्वजनिक शख्स के बारे में खबरे — तो सवाल पूछिए: स्रोत कौन है? आधिकारिक बयान है या सिर्फ सोशल लिंक? कोई सरकारी आदेश या डॉक्यूमेंट दिख रहा है या बस स्क्रीनशॉट और कैप्शन?
1) स्रोत चेक करें: क्या खबर किसी भरोसेमंद न्यूज़ एजेंसी या आधिकारिक खाते से आई है? अगर नहीं, संभलकर पढ़ें।
2) तारीख और समय देखें: कई बार पुरानी खबरें नए संदर्भ में साझा की जाती हैं।
3) स्क्रीनशॉट पर भरोसा मत कीजिए: फोटो या स्क्रीनशॉट को एडिट करना आसान है।
4) आधिकारिक बयान ढूँढें: चुनाव आयोग, पुलिस, बैंक या कंपनी के आधिकारिक बयान मौजूद हैं तो वही मानें।
5) स्रोतों की पारदर्शिता: क्या रिपोर्ट में स्रोत बताए गए हैं या सिर्फ ‘स्रोतों ने बताया’ जैसी अस्पष्ट बातें हैं?
6) द्वितीय राय लें: उसी विषय पर दूसरी विश्वसनीय साइटें क्या लिख रही हैं, देखें।
अगर किसी खबर से आपको लगे कि यह फर्जीवाड़ा है, तो उसे बिना जाँचे शेयर मत कीजिए। एक रिट्वीट या शेयर गलत जानकारी को और फैलाता है।
रिपोर्ट कैसे करें? साइबरक्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं या स्थानीय पुलिस/ईमेल के जरिए संबंधित विभाग को सूचना दें। चुनाव संबंधी दस्तावेज़ों के फर्जी होने पर सीधे चुनाव आयोग को सूचित करें।
यहाँ हम टैग से जुड़ी मुख्य खबरों का कलेक्शन अपडेट रखते हैं — वोटर‑आईडी विवाद, वायरल अफवाहें, और जहां ज़रूरी हो, सत्यापन रिपोर्ट। अगर आप किसी खबर के बारे में पूछना चाहें या प्रमाण साझा करना चाहें, नीचे दिए गए कमेंट या रिपोर्ट बटन का इस्तेमाल करें।
रोकथाम आसान है: थोड़ी सावधानी, आधिकारिक पुष्टि और शेयर करने से पहले सोचें। यही सबसे तेज़ और असरदार तरीका है फर्जीवाड़े से बचने का।
Posted By Krishna Prasanth पर 22 मार्च 2025 टिप्पणि (7)
झारखंड हाई कोर्ट में पांच उम्मीदवार नकली इंटरव्यू लेटर के साथ पकड़े गए। इन लेटर्स में फर्जी हस्ताक्षर पाए गए जिनकी पहचान के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस ने एक वकील पर नकली दस्तावेज भेजने का शक जताया है। उम्मीदवारों को पीआर बॉन्ड पर छोड़ा गया और आगे की पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। पुलिस द्वारा वकील की खोज और नेटवर्क के खुलासे की जांच जारी है।
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