LTCG टैक्स — सरल भाषा में क्या है और कैसे काम करता है
LTCG यानी Long-Term Capital Gains, जब आप कोई संपत्ति लंबी अवधि रखने के बाद बेचते हैं और उस पर मुनाफा होता है तो उसे LTCG कहा जाता है। हर संपत्ति के लिए "लंबी अवधि" अलग हो सकती है और टैक्स की दरें भी अलग लगती हैं। यहाँ पर मैं आसान उदाहरण और प्रैक्टिकल टिप्स दूंगा ताकि आप समझ कर बेहतर फैसले ले सकें।
किस पर क्या मानता है: होल्डिंग पीरियड और दरें
Equity (लिस्टेड शेयर्स) और Equity mutual funds: लंबी अवधि = 12 महीने से अधिक। 2018 के बाद से इन पर LTCG दर 10% है, पर पहले के कुल लाभ में से पहले ₹1,00,000 की सालाना छूट मिलती है। यानी साल में अगर कुल LTCG ₹1,20,000 है तो टैक्स 10% सिर्फ ₹20,000 पर लगेगा।
दूसरी संपत्तियाँ (जैसे डेब्ट फंड, अचल संपत्ति, अनलिस्टेड शेयर): लंबी अवधि आमतौर पर 36 महीने से ऊपर मानी जाती है (कुछ मामलों में नियम अलग हो सकते हैं)। इन पर LTCG की दर 20% होती है और आप इंडेक्सेशन का लाभ ले सकते हैं — यह महंगाई के कारण अर्जित करने वाली लागत बढ़ा देता है, जिससे टैक्स कम हो सकता है।
प्रैक्टिकल उदाहरण और बचत के तरीके
उदाहरण 1 — शेयर्स: आपने साल 2021 में ₹2,00,000 में शेयर खरीदे और 2024 में ₹3,50,000 में बेचा। लाभ = ₹1,50,000। सालाना ₹1,00,000 की छूट के बाद टैक्स योग्य LTCG = ₹50,000। टैक्स = 10% of ₹50,000 = ₹5,000।
उदाहरण 2 — संपत्ति (प्रॉपर्टी): आपने ₹20,00,000 में खरीदी, 6 साल बाद ₹50,00,000 में बेची। लाभ = ₹30,00,000। इंडेक्सेशन लागू करके लागत बढ़ेगी और उस नीचे 20% दर से टैक्स लगेगा।
बचने के तरीके: अगर प्रॉपर्टी की LTCG है तो आप सेक्शन 54/54F के तहत नया घर खरीद कर या 54EC बॉण्ड (रेडिम्प्शन बंदी अवधि के साथ, सीमा लागू) में पैसा लगाकर टैक्स से छूट पा सकते हैं। Equity LTCG पर ये छूट सामान्यतः लागू नहीं होती।
अन्य जरूरी बातें: कैपिटल लॉस को ऑफसेट कर सकते हैं — शॉर्ट या लॉन्ग टर्म कैपिटल लॉस को नियमों के अनुसार सेट ऑफ करें। अगर रिटर्न डेडलाइन के अंदर ITR फाइल कर देते हैं तो लॉस 8 वर्षों तक कैरी फॉरवर्ड कर सकते हैं। Stt और अन्य कटौतियों का हिसाब सही रखें।
अक्सर होने वाली गलतियाँ: खरीद की वास्तविक लागत, ब्रोकरेज और ट्रांजैक्शन शुल्क न जोड़ना; इंडेक्सेशन भूल जाना; रिटर्न समय पर न भरना जिससे लॉस कैरी फॉरवर्ड नहीं हो पाता।
अगर आप नियमित ट्रेडर नहीं हैं तो योजनाबद्ध होल्डिंग और छोटे-छोटे रिव्यू आपको टैक्स कम करने में मदद करेंगे। जटिल मामलों में टैक्स सलाहकार से मिलकर दस्तावेज़ और तारीखें जांच लें।
और हाँ — LTCG के नियम बदलते रहते हैं। बड़े ट्रांजैक्शन से पहले ताज़ा नियम देख लें या सलाह लें ताकि अनपेक्षित टैक्स बिल से बच सकें।
शेयर बाजार अपडेट: LTCG टैक्स बढ़ाने के बावजूद बाजार पर बड़े असर की कमी
Posted By Krishna Prasanth पर 23 जुल॰ 2024 टिप्पणि (0)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई, 2024 को मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट पेश किया। बजट में पूंजीगत लाभ कर में महत्वपूर्ण बदलाव शामिल किए गए। STT कर को 0.02% किया गया, जबकि कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई। निफ्टी 50 और बीएसई सेंसेक्स पर असर पड़ा लेकिन प्रमुख सेक्टरों में भी वृद्धि हुई।
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