के द्वारा प्रकाशित किया गया Vivek Bandhopadhyay पर 23 जुल॰ 2024 टिप्पणि (0)
वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट और बाजार की प्रतिक्रिया
23 जुलाई, 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट पेश किया। बजट पेश करते हुए उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की, जिनमें पूंजीगत लाभ कर (Capital Gains Tax) में बदलाव मुख्य था। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स को बढ़ाकर 20% किया जाएगा, जबकि लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स सभी वित्तीय और गैर-वित्तीय संपत्तियों पर 12.5% होगा।
यह भी घोषणा की गई कि पूंजीगत लाभ के लिए छूट सीमा 1.25 लाख रुपये प्रति वर्ष होगी। इसके साथ ही, डेरिवेटिव्स पर सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) को 0.02% कर दिया गया। इन घोषणाओं के बाद शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल देखी गई।
निफ्टी 50 ने 353.10 अंकों की गिरावट दर्ज की, जो 1.44% की गिरावट है, और यह 24,156.15 पर बंद हुआ। बीएसई सेंसेक्स ने 1,058.98 अंकों की गिरावट दर्ज की, जो 1.32% की गिरावट है, और यह 79,443.10 पर बंद हुआ।
महत्वपूर्ण क्षेत्रों की स्थिति
रेलवे से संबंधित शेयरों पर विशेष ध्यान दिया गया, जैसे कि रेलवे विकास निगम लिमिटेड (RVNL), तितागढ़ रेल (Titagarh Rail), इरकॉन (Ircon), आईआरएफसी (IRFC), रिट्स (RITES), आईआरसीटीसी (IRCTC), रेलटेल (Railtel), और जुपिटर वैगन्स (Jupiter Wagons)। यह उम्मीद की जा रही थी कि बजट में रेलवे और मेट्रो इंफ्रास्ट्रक्चर को महत्वपूर्ण समर्थन मिलेगा।
ऊर्जा क्षेत्र के शेयरों में भी महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जिनमें अदानी पावर (Adani Power), कोल इंडिया (Coal India), जेएसडब्ल्यू एनर्जी (JSW Energy), एनटीपीसी (NTPC), और टाटा पावर (Tata Power) शामिल थे। इन कंपनियों के शेयरों में notable वृद्धि देखी गई, जो इस बात का संकेत है कि निवेशकों को ऊर्जा क्षेत्र में उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद है।
बाजार की संवेदनशीलता और निवेशकों की धारणा
शेयर बाजार की यह प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि वित्तीय बाजार नीति परिवर्तनों के प्रति कितने संवेदनशील होते हैं। बजट की घोषणाओं के बाद बाजार की यह गिरावट यह भी इंगित करती है कि निवेशकों की धारणा बाजार गतिविधियों पर कितना महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। निवेशकों की संवेदनशीलता और धारणा शेयर बाजार को सीधे प्रभावित करती है, और किसी भी बड़े नीति परिवर्तन का प्रभाव तुरंत दिखाई पड़ता है।
रेलवे और ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में वृद्धि से यह स्पष्ट होता है कि निवेशक अभी भी उन क्षेत्रों में संभावनाएं देख रहे हैं जो भविष्य में स्थिर रिटर्न दे सकते हैं।
हालांकि, यह भी ध्यान में रखना जरूरी है कि बजट में किए गए ये परिवर्तन न केवल वर्तमान आर्थिक स्थितियों को, बल्कि लंबी अवधि में आर्थिक स्थिरता को भी प्रभावित करेंगे।
भविष्य के लिए संभावनाएं और अनुमान
बाजार की यह स्थिति कुछ ही समय के लिए हो सकती है और बाद में स्थिरता आ सकती है। उम्मीद की जा रही है कि अर्थशास्त्री और नीति निर्धारक इन परिवर्तनों के दूरगामी प्रभावों का विश्लेषण करेंगे और अन्य यथासंभव नीतियों को लागू करेंगे ताकि आर्थिक स्थिरता बनी रहे।
बाजार की इस प्रतिक्रिया से निवेशकों को सीखना चाहिए कि वित्तीय बाजार में निवेश करते समय न केवल मौजूदा परिस्थितियों को, बल्कि भविष्य के संभावित नीतिगत बदलावों को भी ध्यान में रखना चाहिए।
नौकरी करने वालों और छोटे निवेशकों के लिए सुझाव
जो लोग नौकरी करते हैं और छोटे निवेशक हैं, उन्हें अपनी निवेश रणनीतियों को पुनर्विचार करना चाहिए और आवश्यकतानुसार उन्हें समायोजित करना चाहिए। भविष्य में ऐसी नीतियों के परिवर्तन की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें अपने निवेश को विविधता देनी चाहिए और केवल एक क्षेत्र पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
इसके अलावा, उन्हें आर्थिक समाचार और विशेषज्ञों के विश्लेषणों पर भी ध्यान देना चाहिए ताकि वे विभिन्न नीतिगत परिवर्तनों का उचित समय पर अनुमान लगा सकें और अपने निवेश को सुरक्षित और लाभदायक बना सकें।