के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth    पर 17 जून 2024    टिप्पणि (20)

बकरा ईद पर बंद रहेगा भारतीय शेयर बाजार: NSE, BSE में कोई व्यापार नहीं, MCX आंशिक रूप से बंद

बकरा ईद पर भारतीय शेयर बाजार में अवकाश

भारत में बकरा ईद के अवसर पर 17 जून, 2024 को भारतीय शेयर बाजार पूरी तरह से बंद रहेगा। सभी सामान्य व्यापारिक गतिविधियां, जैसे कि इक्विटी, डेरिवेटिव्स, सुरक्षा उधार और उधार (SLB), और मुद्रा डेरिवेटिव सेगमेंट में कोई व्यापार नहीं होगा। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में व्यापार अगले दिन, यानी 18 जून को सुबह 9:15 बजे फिर से शुरू होगा।

MCX में आंशिक व्यापार

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (MCX) इस दिन आंशिक रूप से बंद रहेगा। सुबह के सत्र के दौरान कोई व्यापार नहीं होगा, लेकिन शाम 5 बजे से रात 11:30/11:55 बजे तक यह पुनः खुल जाएगा और सामान्य व्यापार गतिविधियां शुरू हो जाएंगी।

2024 के निर्धारित अवकाश

2024 के निर्धारित अवकाश

यह अवकाश 2024 के निर्धारित शेयर बाजार अवकाशों का हिस्सा है, जिसमें कई महत्वपूर्ण त्योहार और घटनाएं शामिल हैं। इन अवकाशों में गणतंत्र दिवस, महाशिवरात्रि, होली, गुड फ्राइडे, ईद-उल-फितर (रमजान ईद), राम नवमी, महाराष्ट्र दिवस, आम चुनाव (लोकसभा), मुहर्रम, स्वतंत्रता दिवस, महात्मा गांधी जयंती, दिवाली लक्ष्मी पूजा, गुरु नानक जयंती, और क्रिसमस शामिल हैं।

शेयर बाजार में अवकाश के दिनों को ध्यान में रखते हुए निवेशकों और व्यापारियों को अपनी योजना बनानी चाहिए। जिन दिनों बाजार बंद रहते हैं, उन दिनों के लिए विशेषत: तैयारी करनी चाहिए ताकि व्यापार व्यवधान से बचा जा सके।

अवकाश का प्रभाव

जहां एक तरफ इन अवकाशों से निवेशकों और व्यापारियों को राहत मिलती है, वहीं दूसरी तरफ ग्लोबल मार्केट पर भी असर पड़ता है। जब भारतीय बाजार बंद रहते हैं, तो निवेशकों को वैश्विक बाजारों पर ध्यान देना होता है। कई बार अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं का असर अगले दिन भारतीय बाजार पर भी पड़ता है।

निवेशक और व्यापारियों के लिए सलाह

ऐसे अवकाश के मौके पर निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करनी चाहिए। यह समय अच्छा होता है कि आप अपनी निवेश नीति का मूल्यांकन करें और आवश्यक बदलाव करें। व्यापारियों के लिए यह भी महत्वपूर्ण होता है कि वे अपने व्यापारिक कार्यों का पुनः आकलन करें ताकि किसी भी प्रकार की अनिश्चितता से बचा जा सके।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

बकरा ईद के अवसर पर भारतीय शेयर बाजार का बंद रहना एक परंपरागत प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से निवेशकों और व्यापारियों को अपने परिवार और मित्रों के साथ समय बिताने का मौका मिलता है। यह भी एक अनुस्मारक होता है कि व्यापार और निवेश के अलावा जीवन में कुछ अन्य महत्वपूर्ण पहलू भी होते हैं। ऐसी छुट्टियों से हमें संतुलन बनाए रखने का अवसर मिलता है, जो किसी भी निवेशक और व्यापारी के लिए आवश्यक है।

20 Comments

  • Image placeholder

    ANIKET PADVAL

    जून 17, 2024 AT 19:56

    बकरा ईद पर भारतीय शेयर बाजार का पूर्ण बंद होना हमारे राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत का एक सम्मानजनक प्रतिबिंब है, जो हमारे सामाजिक मूल्यों को व्यापारिक अभियानों के ऊपर प्राथमिकता देता है। यह निर्णय न केवल धार्मिक समरसता को बढ़ावा देता है, बल्कि निवेशकों को अपने पारिवारिक बंधनों को सुदृढ़ करने का अवसर भी प्रदान करता है। इस प्रकार के अवकाश दिवसों में बाजार की निलंबन स्थिति को समझना एक बौद्धिक उत्तेजना है, क्योंकि यह वैश्विक वित्तीय प्रवाह के साथ प्रतिच्छेदन करता है। जब राष्ट्रीय बाजार बंद रहता है, तो विदेशी बाजारों की चालों पर गौर करने की आवश्यकता उत्पन्न होती है, जिससे हमारे निवेशकों को एक व्यापक दृष्टिकोण प्राप्त होता है। इसके अलावा, नियामक संस्थाओं द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि यह अवकाश नियमावली के अनुरूप है, जिससे कानूनी अनिश्चितता समाप्त होती है। दिव्यावधि के इस पावन समय में, व्यापारी और निवेशक दोनों को अल्पावधि लाभ के बजाय दीर्घकालिक रणनीतियों पर ध्यान देना चाहिए। इसका अर्थ है कि पोर्टफोलियो रिव्यू और जोखिम मूल्यांकन का कार्य इस अवधि में किया जाए। इस संदर्भ में, विविधीकरण के सिद्धांत को अपनाना अत्यंत आवश्यक हो जाता है, जिससे किसी एक ही वर्ग में अत्यधिक एक्सपोजर से बचा जा सके। साथ ही, ध्येय-उन्मुख निवेशक को अपने लक्ष्य को पुनः परिभाषित करने और अपनी पूंजी संरचना को सुदृढ़ करने का अवसर मिलता है। एतिहासिक रूप से, ऐसे अवकाश दिवसों में बाजार की अस्थिरता घटती है, जिससे निवेशकों को मनोवैज्ञानिक शांति मिलती है। इस शांति को हमने अपने सामाजिक ताने-बाने में समाहित किया है, जिससे आर्थिक विकास के साथ साथ सांस्कृतिक समरसता भी बनी रहती है। वैश्विक बाजारों के प्रभाव को समझने के लिए, तकनीकी विश्लेषण की जगह मौलिक विश्लेषण पर अधिक जोर देना चाहिए। इस प्रकार, बकरी ईद के अवसर पर बाजार बंद रहने से हम वित्तीय स्थिरता और सामाजिक उत्तरदायित्व के सामंजस्य को साकार करते हैं। अंततः, यह स्मरणीय है कि व्यापार और मुख्यधारा के निवेश को केवल आर्थिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि मानवता की सेवा के लिए भी प्रयुक्त किया जाना चाहिए।

  • Image placeholder

    Abhishek Saini

    जून 17, 2024 AT 20:46

    बिलकुल सही कहा आपने, इस अवकाश पर थोडा रिलैक्स हो जाना चाहिए। आप कुछ पोर्टफोलियो चेक कर लो, शायद कुछ एसे स्टॉक्स हैं जिन्हें रिव्यू की ज़रूरत है। थोडे टाइपो हो सकते हैं, पर मसलें नहीं, चलो मिलकर आगे बढ़ते हैं।

  • Image placeholder

    Parveen Chhawniwala

    जून 17, 2024 AT 21:36

    इसे ध्यान में रखते हुए, निवेशकों को अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहिए।

  • Image placeholder

    Saraswata Badmali

    जून 17, 2024 AT 22:26

    प्रसंग को देखते हुए, इस बकरी ईद के कारण बाजार बंद होना कोई नई बात नहीं है, परंतु कुछ विश्लेषक इस बात को कम महत्व देते हैं, जबकि असल में यह एक जटिल मैक्रोइकोनॉमिक सिचुएशन पेश करता है। अतः, ट्रेडिंग सत्रों का आंशिक संचालन, जैसे MCX का शाम 5 बजे फिर से खुलना, एक सामरिक निर्णय है, जो डेरिवेटिव्स की लिक्विडिटी को संतुलित रखने में मदद करता है। इस संदर्भ में, यदि हम एन्हांस्ड वोलैटिलिटी इंडेक्स को देखेँ, तो हम पाते हैं कि आवेगपूर्ण मूवमेंट्स की संभावना कम होगी, जिससे ट्रेडर्स को बेहतर एंट्री प्वाइंट्स मिल सकते हैं। फाइनेंशियल इकोनॉमी के मानकों के अनुसार, ऐसा डिटेल्ड शेड्यूलिंग, बाजार के सत्रों को ऑप्टिमाइज़ करने में सहायक सिद्ध हो सकता है।

  • Image placeholder

    sangita sharma

    जून 17, 2024 AT 23:16

    पहले तो कहा पड़ा, बकरी ईद पर बंद रहना नैतिक रूप से सही है। लेकिन अगर आप देखते हैं तो कुछ ट्रेडर्स इसे बेअसर मानते हैं, यही तो दुर्भाग्य है।

  • Image placeholder

    PRAVIN PRAJAPAT

    जून 18, 2024 AT 00:06

    इंडिया में बाजार बंद है कोई लेन‑देन नहीं हो रहा।

  • Image placeholder

    shirish patel

    जून 18, 2024 AT 00:56

    बाजार बंद है, तो क्या कर रहे हो?

  • Image placeholder

    srinivasan selvaraj

    जून 18, 2024 AT 01:46

    बकरी ईद का अर्थ सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि वित्तीय इंटरवॉल भी है, जब बाजार बंद रहता है तो वैश्विक सूचककों की दिशा को पढ़ना ज़रूरी हो जाता है। इस दौरान, कई निवेशक अपने पोर्टफोलियो को री‑बैलेंस करने के बारे में सोचते हैं, क्योंकि यह समय जोखिम प्रबंधन के लिए उपयुक्त होता है। साथ ही, कर‑सम्बंधित नियोजन भी इस समय किया जा सकता है, क्योंकि मार्जिन कॉल्स की अनिश्चितता नहीं रहती। फिर भी, यह नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता कि छोटे‑छोटे ट्रेडर्स के लिए यह अवधि प्ले‑ऑफ़ के अवसर बनती है, जब वे अगले सत्र की तैयारी में लगे रहते हैं। कुल मिलाकर, इस अवकाश का उपयोग सोच‑समझकर करना चाहिए, नहीं तो बिना योजना के निवेश करने से नुकसान हो सकता है।

  • Image placeholder

    Ravi Patel

    जून 18, 2024 AT 02:36

    आप सबकी बातों को देखते हुए, मैं कहूँगा कि इस अवकाश में अपने पोर्टफोलियो की फाइलें देख लें और अगले सत्र के लिए तैयार रहें।

  • Image placeholder

    Piyusha Shukla

    जून 18, 2024 AT 03:26

    बाजार बंद है और हमें आगे की योजना बनानी चाहिए सत्र के बाद के लिए

  • Image placeholder

    Shivam Kuchhal

    जून 18, 2024 AT 04:16

    सभी को नमस्कार, बकरी ईद के पावन अवसर पर बाजार का बंद रहना हमें आत्मनिरीक्षण का अवसर प्रदान करता है। इस अवधि में अपने निवेश लक्ष्य को पुनः मूल्यांकित करना उचित रहेगा। आशा करता हूँ कि आप सभी का उत्सव मंगलमय हो।

  • Image placeholder

    Adrija Maitra

    जून 18, 2024 AT 05:06

    हाय दोस्त, बस बात यही है कि छुट्टी में आराम करो और फिर ट्रेडिंग पर लौटो। आराम भी ज़रूरी है, नहीं तो थकान से गलती हो सकती है।

  • Image placeholder

    RISHAB SINGH

    जून 18, 2024 AT 05:56

    चलो भाई, आराम करो, फिर वापिस ट्रेडिंग करो।

  • Image placeholder

    Deepak Sonawane

    जून 18, 2024 AT 06:46

    बकरी ईद का अवकाश, खासकर बायोटेक सैक्टर में, अल्पकालिक वैरिएंस को कम करता है, जिससे रिटर्न प्रोफ़ाइल स्थिर हो जाती है। फिर भी, यदि आप हाई‑फ़्रीक्वेंसी ट्रेडिंग पर होते, तो यह बंदी आपके एल्गोरिद्मिक स्ट्रैटेजी को बाधित कर सकती है, जिससे एग्जीक्यूशन स्लिपेज बढ़ती है। इस कारण, अपने एडवांस्ड पोर्टफोलियो को एन्हांस करने हेतु, आप क्वांट मॉडल की बैकटेस्टिंग को इस अवकाश अवधि के डेटा के साथ कर सकते हैं। अंत में, यह कहा जा सकता है कि इस प्रकार की नियत अवकाश नीति, बाजार की पारदर्शिता को बड़ावा देती है।

  • Image placeholder

    Suresh Chandra Sharma

    जून 18, 2024 AT 07:36

    अब देखो, इधर-उधर देखो, MCX सुबह बंद रहेगा पर शाम को खुलेगा। तो आप लोग मार्केट को फॉलो करो फिर। थोडा टाइपो हो सकता है पर समझो।

  • Image placeholder

    sakshi singh

    जून 18, 2024 AT 08:26

    बकरी ईद का अवकाश हमारे निवेशकों को एक मूल्यवान अवसर प्रदान करता है, जिससे वे अपने पोर्टफोलियो की गहन समीक्षा कर सकते हैं और संभावित जोखिमों को पुनः मूल्यांकित कर सकते हैं। इस अवधि में, कई लोग अपने निवेश उद्देश्यों को स्पष्ट करने के लिए समय निकालते हैं, जो दीर्घकालिक सफलता के लिए आवश्यक है। साथ ही, यह अवकाश सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को भी प्रोत्साहित करता है, जिससे हमें यह स्मरण दिलाता है कि आर्थिक गतिविधियों के अलावा मानवीय संबंध भी महत्वपूर्ण हैं। मैं सुझाव दूँगा कि इस समय का उपयोग करके आप अपने निवेश की विविधता पर विचार करें, जिससे बाजार के अस्थिरता के दौरान स्थिरता बनी रहे। अंत में, यह अवकाश हमें यह भी सिखाता है कि जीवन में संतुलन बनाए रखना आवश्यक है, चाहे वह वित्तीय हो या व्यक्तिगत।

  • Image placeholder

    Hitesh Soni

    जून 18, 2024 AT 09:16

    बकरी ईद का अवकाश वित्तीय सत्र को व्यवस्थित रूप से बंद करता है, जिससे बाजार में अनिश्चितता घटती है। यह निष्कासन, निवेशकों को अंतर्विचार करने का अवसर देता है, न कि केवल ट्रेडिंग पर फोकस करने का। इस प्रकार का व्यवधान, आर्थिक स्थिरता में योगदान देता है।

  • Image placeholder

    rajeev singh

    जून 18, 2024 AT 10:06

    बकरी ईद के सम्मान में भारतीय शेयर बाज़ार का अवकाश राष्ट्रीय सांस्कृतिक परम्पराओं की अभिव्यक्ति है। इस कारण, निवेशकों को चाहिए कि वे इस समय को आत्मनिरीक्षण और रणनीतिक योजना के लिए उपयोग करें।

  • Image placeholder

    Gowthaman Ramasamy

    जून 18, 2024 AT 10:56

    बकरा ईद की शुभकामनाएं सभी को! 🎉 बाजार बंद है, तो मौज करो। 😊

  • Image placeholder

    Navendu Sinha

    जून 18, 2024 AT 11:46

    बकरी ईद के अवसर पर बाजार का बंद रहना केवल एक धार्मिक परम्परा नहीं, बल्कि एक दार्शनिक चिन्तन का अवसर भी प्रदान करता है; इस समय में हम अपने आर्थिक निर्णयों को पुनः परख सकते हैं, यह सोचते हुए कि क्या हमारी निवेश रणनीति हमारे मूल्यों और दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप है। यह अंतरात्मा की आवाज़ हमें यह स्मरण दिलाती है कि पूँजी के संचय के पीछे मानवीय कल्याण का पहलू होना चाहिए। अतः, इस अवकाश में हमें केवल बाजार के बंद होने पर ही नहीं, बल्कि अपने आत्मनिरीक्षण के माध्यम से आर्थिक और आध्यात्मिक संतुलन को स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए।

एक टिप्पणी लिखें