लोनावला: तेज बारिश, हरियाली और आसान वीकेंड-ट्रिप

क्या आप मुंबई या पुणे से फ्रेश हवा और हरियाली की तलाश में हैं? लोनावला किसी भी औरत-पुरुष के लिए परफेक्ट वीकेंड गेटअवे है। यहाँ रातों-रात बदलता मौसम, झरने और पुरानी किलों की सैर मिलती है। इस गाइड में आपको सीधे काम की बातें मिलेंगी — कैसे पहुंचें, कौन-कौन सी जगहें घुमें, कब जाएँ और छोटे-छोटे सुरक्षा टिप्स।

कैसे पहुँचें

सड़क से: मुंबई से 2 से 3 घंटे (लगभग 80–90 किमी), पुणे से 1.5 से 2 घंटे (लगभग 60–70 किमी)। मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे सबसे तेज़ और आरामदायक रूट है। वीकएंड पर ट्रैफ़िक ज़्यादा हो सकता है, इसलिए सुबह जल्दी निकलना बेहतर है।

ट्रेन: लोनावला स्टेशन पर नियमित लोकल और एक्सप्रेस ट्रेनें रुकती हैं। मुंबई से विक्रम वरणी लोकल विकल्प है। ट्रेन से आने पर स्टेशन से टैक्सी या ऑटो मिल जाते हैं।

बस: मुंबई और पुणे से राज्य परिवहन की बसें और प्राइवेट बसेस उपलब्ध हैं — सस्ता विकल्प लेकिन यात्रा समय अधिक हो सकता है।

क्या देखें और करें

टाइगर'स लीक (Tiger's Leap): सूरज ढलते समय का व्यू शानदार है। नीचे गहरी खाई दिखती है, सावधानी रखें और रेलिंग के पास न खड़े हों।

भूशी डैम (Bhushi Dam): मानसून में भीड़ ज़्यादा रहती है, पर पानी में कदम डालकर ठंडक लेना मज़ेदार रहता है। भारी बारिश के दिनों में डैम के पास न जाएँ, पानी का बहाव तेज़ हो सकता है।

लोहगड किला (Lohagad Fort): हल्का-फुल्का ट्रेक और शानदार ऐतिहासिक किला। सुबह का समय ट्रेक के लिए सबसे अच्छा होता है।

कारला और भज्जा गुफाएं (Karla & Bhaja Caves): प्राचीन बौद्ध स्तूप और गुंबददार गुफाएं। इतिहास और फ़ोटोग्राफी दोनों के लिए बढ़िया।

पवना झील (Pavana Lake): कैम्पिंग और वॉटर-साइड सुकून के लिए मशहूर। अगर रात रुकना है तो यहाँ टेंटिंग का अनुभव ज़रूर लें।

लोकल खाद्य: लोनावला खास चीक्की के लिए जाना जाता है। छोटे ढाबों में गरम वडा-पाव, मिसळ-पाव और ठंडा शेक अच्छे मिलते हैं।

रूटीन सुझाव: सुबह जल्दी निकलें ताकि ट्रैफ़िक और भीड़ से बचें; एक ही दिन में 2–3 जगहें आराम से कवर की जा सकती हैं। अगर मॉनसून में जा रहे हैं तो बाट-शूज़, रेनकोट और पानी-प्रतिरोधी बैग ज़रूर रखें।

सुरक्षा और व्यवहार: बारिश के बाद चट्टानें फिसलन भरी होती हैं — किनारों पर सावधानी रखें। भीड़ वाले सीजन में अपने कीमती सामान पर ध्यान दें। स्थानीय नियमों और चेतावनियों का पालन करें, खासकर डैम और झरनों के पास।

कब जाना चाहिए: मानसून (जून–सितंबर) हरियाली और झरनों के लिए बेस्ट है, पर भीड़ भी ज़्यादा रहती है। सर्दियों (नवंबर–फ़रवरी) में मौसम सुखद और साफ़ रहता है। गरमियों में गर्मी से बचकर सुबह या शाम को घूमें।

रुकने की सलाह: वीकएंड पर होटल पहले भर जाते हैं — चरम मौसम में पहले बुक कर लें। बजट हो तो छोटे होमस्टे और गेस्टहाउस अच्छे विकल्प हैं, खासकर पवना के आसपास कैम्पिंग के लिए।

आखिरी टिप: योजना सरल रखें — ज़्यादा जगहों पर भागने की कोशिश न करें। आराम से दो-दो खूबसूरत स्पॉट चुनिए और वहां समय बिताइए। लोनावला में हर मौसम की अलग खूबसूरती है, बस थोड़ा ध्यान और तैयारी चाहिए। शुभ यात्रा!

लोनावला के भूशी डैम के पास झरने में गुलाम पर्यटक: डूबने का खतरा बढ़ा

Posted By Krishna Prasanth    पर 1 जुल॰ 2024    टिप्पणि (0)

लोनावला के भूशी डैम के पास झरने में गुलाम पर्यटक: डूबने का खतरा बढ़ा

लोनावला के प्रसिद्ध भूशी डैम के पास झरने में पानी के बहाव में चार-पांच पर्यटकों के बह जाने का ख़तरा है। रविवार दोपहर, भारी बारिश के कारण यह घटना घटी। पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवक लापता पर्यटकों की तलाश में जुटे हुए हैं। बारिश के कारण पानी का स्तर बढ़ गया है और डैम ओवरफ्लो हो गया है।

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