ITR डेडलाइन विस्तार: क्या बदल रहा है और आपको क्या करना चाहिए
जब बात ITR डेडलाइन विस्तार, आयकर रिटर्न की अंतिम जमा तिथि में अतिरिक्त समय प्रदान करने की प्रक्रिया है. Also known as ITR Extension, it helps taxpayers avoid उगड़े जुर्माने. तो यह समझना जरूरी है कि यह विस्तार किस आधार पर दिया जाता है और आपके लिए कौन‑से विकल्प खुलते हैं। इस लेख में हम ITR डेडलाइन विस्तार के प्रभावों को विस्तार से देखेंगे, ताकि आप बिना किसी उलझन के अपनी आयकर जिम्मेदारियों को निपटा सकें।
मुख्य निर्णयकर्ता CBDT, केंद्रीय आयकर बोर्ड, जो आयकर नियम बनाता है और डेडलाइन‑विस्तार जैसे उपाय लागू करता है है। CBDT की घोषणा के बाद कई कंपनियों और व्यक्तियों को नई तिथियों के साथ टैक्स फाइलिंग का समय मिल गया। साथ ही, टैक्स ऑडिट, व्यापारिक लेन‑देनों की विस्तृत जाँच, जिसे आयकर विभाग निर्धारित कर सकता है के नियम भी इस विस्तार में परिलक्षित होते हैं – अगर आपका ऑडिट रिपोर्ट जमा करनी है, तो अब उसे 31 अक्टूबर 2025 तक टालना संभव है।
मुख्य बिंदु जो हर टैक्सपेयर को जानने चाहिए
पहला, वित्तीय वर्ष, 12‑महीने की आयकर गणना अवधि, जो 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलती है की समाप्ति से पहले ITR फॉर्म 102 या 104 भरना जरूरी है। अब जब डेडलाइन बढ़ी है, आप अपना फॉर्म आखिरी तिथि तक अपलोड कर सकते हैं, बिना देर से जमा होने के पेनल्टी के डर के। दूसरा, यदि आप सब्सिडी‑आधारित टैक्स बचाव या रिवर्स चार्ज कैप्चर कर रहे हैं, तो नई तिथि का मतलब है कि आप इन लाभों को सही समय पर दावा कर पाएंगे। तीसरा, उन छोटे व्यापारियों के लिए जिन पर टैक्स ऑडिट लागू नहीं होता, नई डेडलाइन से नकद प्रवाह पर कोई अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि वे अपने लेखा‑जमा को पहले की योजना के अनुसार ही रख सकते हैं।
इन सभी बदलावों में एक मौलिक संबंध है: ITR डेडलाइन विस्तार समय सीमा को बढ़ाकर आयकर रिटर्न की उपस्थिति को आसान बनाता है। CBDT इस विस्तार को पॉलिसी‑लेवल इम्प्रूवमेंट के रूप में पेश करता है, जबकि टैक्स ऑडिट की शर्तें वही रहती हैं – केवल रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि बदलती है। इस प्रकार, टैक्सपेयर्स को न केवल फाइलिंग में सुविधा मिलती है, बल्कि अनुपालन की प्रक्रिया भी सीधी हो जाती है।
नीचे आप देखेंगे कि इस टैग पेज पर कौन‑से लेख और अपडेट आपको विस्तार के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराएँगे – चाहे वह CBDT की आधिकारिक घोषणा हो, टैक्स ऑडिट से जुड़ी नई रूटीन, या वित्तीय वर्ष के अंत में फाइलिंग की टिप्स। इस संग्रह को पढ़ते हुए आप अपनी आयकर योजना को प्रबंधित करने के लिए ठोस कदम उठा सकते हैं और अनावश्यक पेनल्टी से बच सकते हैं। अब आगे बढ़ते हैं और देखते हैं कौन‑से सूचनात्मक लेख आपको मदद करेंगे।
ITR डेडलाइन विस्तार: आयकर पोर्टल की गड़बड़ी से फाइलिंग की नई तिथि तय
Posted By Krishna Prasanth पर 26 सित॰ 2025 टिप्पणि (0)

आधिकारिक आयकर विभाग ने असधारण तकनीकी समस्याओं के चलते अस्थायी रूप से ITR फाइलिंग की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। मूल 31 जुलाई वाले डेडलाइन को पहले 15 सितंबर और फिर 16 सितंबर तक बढ़ाया गया। इस विस्तार के पीछे पोर्टल में बार-बार क्रैश और डाटा त्रुटियां रही हैं। आयकरदाता को रिफंड रिटर्न में देरी या ब्याज की संभावनाओं को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए।
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