के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth    पर 26 सित॰ 2025    टिप्पणि (0)

ITR डेडलाइन विस्तार: आयकर पोर्टल की गड़बड़ी से फाइलिंग की नई तिथि तय

ITR डेडलाइन विस्तार का पृष्ठभूमि

आयकर विभाग ने हाल ही में घोषणा की कि ITR डेडलाइन विस्तार के तहत 2025-26 के एसेसमेंट इयर की रिटर्न फाइलिंग की आखिरी तिथि अब 16 सितंबर, 2025 है। यह निर्णय तब आया जब करदाताओं को आयकर पोर्टल पर लगातार तकनीकी गड़बड़ियों का सामना करना पड़ रहा था, जिससे फाइलिंग प्रक्रिया बाधित हो रही थी। विभाग ने बताया कि पहले 31 जुलाई को तय समाप्ति को 15 सितंबर तक बढ़ाया गया था, लेकिन पोर्टल में लगातार ट्रैफ़िक जाम और सर्वर डॉउन के कारण फिर से 16 सितंबर तक का सफ़र तय किया गया।

आयकर पोर्टल की इस बार की त्रुटियां सिर्फ धीमे लोडिंग ही नहीं, बल्कि कुछ रजिस्ट्रेशन और डाटा वैधता में भी गड़बड़ी लाएँगी। कई मकसद के कारण करदाताओं ने फॉर्म भरते समय सेविंग नहीं हो पाई और फाइलिंग अधूरी रह गई। विभाग ने इस बात को लेकर आश्वासन दिया कि अब इन तकनीकी समस्याओं को हल करने के लिये विशेष टीम नियुक्त की गई है, ताकि भविष्य में ऐसे केस दोहराएँ नहीं।

रिफंड और ब्याज के मुद्दे

रिफंड और ब्याज के मुद्दे

डेडलाइन के दोबारा बढ़ने के साथ ही रिफंड प्रक्रिया में भी बदलाव आ सकता है। यदि आपका रिटर्न पहले ही दायर हो चुका है और रिफंड देय है, तो पोर्टल में तकनीकी बाधा के कारण वह रिफंड देर से मिल सकता है। आयकर अधिनियम के तहत रिफंड पर ब्याज तभी दिया जाता है जब रिफंड देरी से हो और यह ब्याज सरकार द्वारा निर्धारित दर से गणना किया जाता है। इस कारण करदाताओं को अपने ठोस रिफंड स्टेटमेंट को नियमित रूप से जांचना चाहिए।

किंतु, यह भी कहा गया है कि कई मामलों में रिफंड प्रक्रिया में तकनीकी गड़बड़ी से उत्पन्न होने वाली त्रुटियों को सुधारने हेतु विभाग पुनः प्रोसेसिंग कर सकता है। यदि आपका ITR पोर्टल की गलती से अमान्य घोषित हो गया, तो आप पुनः फाइलिंग कर सकते हैं और साथ ही ब्याज सहित रिफंड की मांग भी कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में करदाता को अतिरिक्त दस्तावेज़ या स्पष्टीकरण देना पड़ सकता है, इसलिए सलाह दी जाती है कि सभी संवाद को लिखित रूप में रखें।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि अब से सभी नई फाइलिंग, संशोधन और रिफंड मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि करदाताओं को अनावश्यक तनाव से बचाया जा सके। साथ ही, कर विभाग ने इस बात पर ज़ोर दिया कि किसी भी गलती या गड़बड़ी की स्थिति में करदाता को तुरंत अपने नजदीकी आयकर कार्यालय या हेल्पलाइन से संपर्क करना चाहिए।