भारतीय मौसम विज्ञान विभाग: मौसम की भविष्यवाणी और भारत के लिए इसकी अहमियत

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, भारत सरकार का आधिकारिक एजेंसी जो मौसम, जलवायु और भू-विज्ञान की निगरानी करता है. यह एजेंसी हर दिन करोड़ों किसानों, यात्रियों और आपदा प्रबंधन टीमों के लिए जिंदगी या मौत का फैसला करती है। अगर आपको आज बारिश होगी या नहीं, तो यही विभाग उसकी जानकारी देता है। ये सिर्फ बारिश के बारे में नहीं, बल्कि तूफान, सूखा, गर्मी और बर्फ के बारे में भी।

कृषि, भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़, जिस पर 60% आबादी निर्भर करती है और आपदा प्रबंधन, बाढ़, सूखे या चक्रवात के खिलाफ तैयारी की प्रणाली दोनों इस विभाग पर टिके हुए हैं। जब किसान अपनी फसल बोने का फैसला करता है, तो वह भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की भविष्यवाणी को देखता है। जब बिहार में बाढ़ आ रही है या महाराष्ट्र में सूखा लगा है, तो यही विभाग राज्य सरकारों को अलर्ट देता है। इसकी जानकारी के बिना, आज के जैसे समय में भारत की खेती और जनता दोनों बर्बाद हो जाती।

जलवायु परिवर्तन, मौसम के लंबे समय तक के बदलाव को समझने का विज्ञान भी इस विभाग का एक बड़ा हिस्सा है। अब बारिश अचानक आती है, गर्मी लंबी हो जाती है, और सर्दी अचानक खत्म हो जाती है। इन सब बदलावों को ट्रैक करने और उनका असर समझने का काम भी यही विभाग करता है। जब आपने सुना होगा कि दिल्ली में धुंध बढ़ रही है या तमिलनाडु में समुद्र का स्तर बढ़ रहा है, तो उसकी जानकारी भी इसी विभाग से आती है।

इस वेबसाइट पर आपको ऐसे ही कई खबरें मिलेंगी जो भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की रिपोर्ट्स, मौसम के असर और उसकी भविष्यवाणी से जुड़ी हैं। किसानों को कितना पैसा मिला, क्रिकेट मैच कब रद्द हुआ, बिहार में बाढ़ का क्या हाल है, या न्यूज़ीलैंड के खिलाफ महिला क्रिकेट मैच क्यों रुक गया — इन सबके पीछे एक ही जानकारी होती है: मौसम। ये सब खबरें आपको बताती हैं कि मौसम सिर्फ आसमान का मामला नहीं, बल्कि हमारी जिंदगी का हिस्सा है।

IMD ने जारी किया शीतकालीन अपडेट: उत्तर-पश्चिम, केंद्रीय और उत्तर-पूर्व में असामान्य ठंड, घना कोहरा

Posted By Krishna Prasanth    पर 6 दिस॰ 2025    टिप्पणि (10)

IMD ने जारी किया शीतकालीन अपडेट: उत्तर-पश्चिम, केंद्रीय और उत्तर-पूर्व में असामान्य ठंड, घना कोहरा

IMD ने दिसंबर 2025 में उत्तर-पश्चिम, केंद्रीय और उत्तर-पूर्व भारत में असामान्य ठंडी लहरों की भविष्यवाणी की है, जिससे स्वास्थ्य, परिवहन और ऊर्जा पर असर पड़ने की आशंका है।

और पढ़ें