आरबीआई: आपका पैसा और रोज़मर्रा की जिंदगी पर इसका असर
क्या RBI सिर्फ बैंकों का बॉस है? नहीं। यह देश की पैसा नीति बनाता है, महंगाई नियंत्रित करता है और कि आपका लोन-EMI, FD की दरें और मार्केट का मूड बदलता है। हाल ही में RBI ने रेपो रेट में कटौती की तो होम लोन वालों के लिए खुशी की बात बनी, मगर सभी पर असर एक जैसा नहीं होता।
यहां सीधे और काम की बातें बताता हूँ—आपको किस फैसले पर ध्यान रखना चाहिए और किस तरह तुरंत कदम उठा सकते हैं।
रेपो रेट और आपका EMI
रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI बैंकों को पैसे देती है। जब RBI दर घटाती है तो बैंक अक्सर अपनी उधारी दरें घटाते हैं। इसका मतलब? फ्लोटिंग रेट वाले होम या पर्सनल लोन की EMI कम हो सकती है। अगर आपने फिक्स्ड रेट पर लोन लिया है तो असर नहीं होगा।
क्या करना चाहिए? अपनी बैंक स्टेटमेंट और लोन दस्तावेज़ चेक करें — क्या आपका लोन फ्लोटिंग है? अगर हाँ, तो बैंक की नई ब्याज दर जानें और EMI में आए बदलाव पर नजर रखें। कुछ केस में रिफाइनेंसिंग लाभदायक हो सकती है, पर फीस और अवधि को ध्यान में रखें।
महंगाई, बचत और निवेश के आसान संकेत
RBI का लक्ष्य महंगाई को कंट्रोल करना है। महंगाई नीचे आए तो दरें घट सकती हैं; महंगाई बढ़े तो दरें बढ़ेगी। यह सीधा असर FD, बचत खाते और बांड पर पड़ता है। दरें घटने पर नए FD पर मिलने वाली दरें कम हो सकती हैं—इसलिए अगर आपको लंबी अवधि की निश्चित कमाई चाहिए तो मौजूदा हाई रेट FD पर ध्यान दें।
स्टॉक मार्केट और कॉर्पोरेट बॉन्ड भी RBI की नीतियों से प्रभावित होते हैं। दरें घटें तो इक्विटी में उत्साह बढ़ता है क्योंकि ब्याज कम मिलने पर निवेशक शेयरों की ओर रुख करते हैं। पर यह हर बार नहीं होता—रिस्क और कंपनी की हालत भी मायने रखती है।
डिजिटल भुगतान और कंज्यूमर प्रोटेक्शन: RBI UPI, NEFT/RTGS नियम बदलता है और बैंकिंग धोखाधड़ी से बचाने के लिए दिशा-निर्देश देता है। कोई अनचाहा चार्ज दिखे या पैसों की ट्रांजेक्शन में गड़बड़ी हो तो पहले बैंक से बात करें। अगर हल नहीं निकले तो RBI के शिकायत निवारण पोर्टल या बैंकिंग ओम्बडसमैन को लिखें।
एक सरल चेकलिस्ट — 1) अपनी लोन टाइप (फ्लोटिंग/फिक्स्ड) जानें; 2) मौजूदा FD दरें और विकल्प देखें; 3) बचत-खाता और क्रेडिट कार्ड चार्ज मॉनिटर करें; 4) RBI की मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग और घोषणाओं पर नजर रखें।
RBI की हर घोषणा सीधे आपकी जیب पर असर डाल सकती है। इसलिए खबरों को रटने की जरूरत नहीं—समझ कर छोटे, ठोस कदम उठाइए। इससे आप अनावश्यक खर्च से बचेंगे और मौके के हिसाब से निवेश कर पाएंगे।
आरबीआई के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास की पीएम नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्ति
Posted By Krishna Prasanth पर 1 मार्च 2025 टिप्पणि (0)

आरबीआई के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्त किया गया है। तमिलनाडु कैडर के इस अनुभवी आईएएस अधिकारी ने अपने कार्यकाल में महामारी जैसी आर्थिक चुनौतियों का सामना करते हुए प्रभावशाली नीतियों को लागू किया। उनकी नियुक्ति से आर्थिक नीति निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया है।
और पढ़ें