अंतरिम जमानत क्या है? आसान भाषा में समझें
अंतरिम जमानत अस्थायी जमानत होती है जो कोर्ट तब देती है जब किसी आरोपी को तुरंत रिहा करने की जरूरत होती है, पर केस का फाइनल फैसला नहीं हुआ होता। यह अक्सर तब मिलती है जब बुनियादी इंसानियत या आपात कारण — जैसे मेडिकल इमरजेंसी या किसी करीबी की मौत — सामने हो। ध्यान रखें, यह स्थायी राहत नहीं, सिर्फ अस्थायी सुविधा है और शर्तों के साथ आती है।
अंतरिम जमानत कब मिल सकती है?
आपको अंतरिम जमानत मिलने के सामान्य कारणों में शामिल हैं: गंभीर बीमारी या अस्पताल में इलाज, परिवार में आकस्मिक मौत, लंबी रिमांड अवधि, गवाहों से संपर्क का खतरा या गिरफ्तारी में हेरफेर की आशंका। कोर्ट इन वजहों के साथ-साथ केस की गंभीरता, आरोपी का भागने का जोखिम और सबूतों पर भी ध्यान देती है।
कोर्ट यह भी देखता है कि जमानत मिलने से जांच या गवाहों पर असर तो नहीं पड़ेगा। अगर मामला राष्ट्रीय सुरक्षा या बहुत गंभीर अपराध जैसा है तो अंतरिम जमानत मिलना मुश्किल हो सकता है।
अर्जी कैसे दाखिल करें — कदम-दर-कदम
1) वकील चुनें: एक अनुभवी क्रिमिनल वकील आपकी दलील मजबूत बना देता है।
2) आवेदन तैयार करें: कोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए लिखित अर्जी लगानी होती है, जिसमें कारण, FIR की प्रति और जरुरी दस्तावेज संलग्न हों।
3) जरूरी दस्तावेज: FIR की कॉपी, मेडिकल रिपोर्ट, संबंधियों के निधन के प्रमाण, पहचान-पत्र और जमानत बॉन्ड व शर्तों का मसौदा।
4) सुनवाई और पेशी: कोर्ट सुनवाई लेगी; आप या आपका वकील कारण बताएगा और कोर्ट सवाल करेगी। कई बार कोर्ट अस्थायी शर्तें लगा देती है—जैसे पासपोर्ट जमा कराना या कोर्ट में नियमित हाज़िरी।
अंतरिम जमानत आमतौर पर सीमित समय के लिए मिलती है — कुछ दिन से लेकर कुछ हफ्ते या सुनवाई तक। कोर्ट किसी भी वक्त यह जमानत रद्द कर सकती है अगर शर्तें टूटती हैं या नई जानकारी मिलती है।
कुछ और काम की टिप्स: मेडिकल इमरजेंसी हो तो अस्पताल की रिपोर्ट तुरंत लगवाएं। पारिवारिक वजह हो तो रिश्तेदारों के बयान और अंतिम संस्कार के दस्तावेज पेश करें। अगर आप आरोपी हैं तो कोर्ट की शर्तों का सख्ती से पालन करें—अनुपालन न होने पर जमानत तुरंत रद्द हो सकता है।
अंतरिम जमानत और अग्रिम जमानत (anticipatory bail) में फर्क जानना जरूरी है: अग्रिम जमानत गिरफ्तारी से पहले मांगी जाती है ताकि पुलिस गिरफ्तारी न कर सके; अंतरिम जमानत अक्सर गिरफ्तारी के बाद या नियमित जमानत सुनवाई के बीच मिलती है।
अगर आप या आपके किसी जानने वाले को अंतरिम जमानत चाहिए तो जल्द वकील से संपर्क करें और जितने भी ठोस दस्तावेज हैं, उन्हें इकट्ठा कर लें। सही तैयारी से आपका मामला काटने में मदद मिलती है और कोर्ट पर भरोसा जमता है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण किया: राजघाट से लेकर आप कार्यालय तक
Posted By Krishna Prasanth पर 3 जून 2024 टिप्पणि (0)

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई 21-दिन की अंतरिम जमानत समाप्त होने के बाद तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण किया। इससे पहले उन्होंने राजघाट, हनुमान मंदिर और आम आदमी पार्टी (आप) कार्यालय का दौरा किया, जहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।
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