के द्वारा प्रकाशित किया गया Vivek Bandhopadhyay पर 3 जून 2024 टिप्पणि (0)
अरविंद केजरीवाल का आत्मसमर्पण और अंतिम दिन के दौरे
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण कर दिया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए दी गई 21-दिन की अंतरिम जमानत समाप्त हो गई थी। आत्मसमर्पण करने से पहले, केजरीवाल ने दिल्ली के कई महत्त्वपूर्ण स्थलों का दौरा किया। उन्होंने महात्मा गांधी के स्मारक राजघाट का दौरा किया और वहां पर ध्यान और प्रार्थना की।
राजघाट और हनुमान मंदिर की यात्रा
राजघाट की यात्रा के बाद, केजरीवाल ने कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर का दौरा किया। उसके बाद, उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यालय का दौरा किया, जहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाने के लिए परेशान किया जा रहा है।
पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधन
आप मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, केजरीवाल ने अपनी अंतरिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया। उन्होंने आगामी चुनावों में पार्टी की जीत के प्रति आशावादी दृष्टिकोण व्यक्त किया और यह भी कहा कि वह खुद को सच्चाई और न्याय की लड़ाई में अकेला नहीं मानते।
एग्जिट पोल्स पर सवाल
केजरीवाल ने एग्जिट पोल्स की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए, जिन्होंने एनडीए की जीत की भविष्यवाणी की है। उन्होंने कहा कि यह पोल्स वास्तविकता का सही चित्रण नहीं करते और इन्हें मनमाने ढंग से प्रस्तुत किया गया है। केजरीवाल ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी चुनाव प्रचार में पुरजोर मेहनत कर रही है और जनता को सच्चाई से अवगत करा रही है।
अंतरिम जमानत की याचिका और आगे की रणनीति
अरविंद केजरीवाल को कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था। उनकी अंतरिम जमानत की याचिका पर सुनवाई 5 जून को सीबीआई-ईडी अदालत में होगी। इस बीच, आप के प्रमुख नेताओं, जिनमें कैबिनेट मंत्री आतिशी, राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा और संजय सिंह, और विधायक दुर्गेश पाठक शामिल हैं, ने केजरीवाल के निवास पर आप की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में भाग लिया।
संगठन में एकता की अपील
बैठक के दौरान नेताओं ने एकता बनाए रखने और पार्टी की रणनीति पर जोर दिया। यह निर्णय लिया गया कि केजरीवाल की पत्नी सुनीता, उनके संदेशों को पार्टी नेताओं और दिल्ली की जनता तक पहुंचाएंगी। पार्टी ने यह भी कहा कि वे केजरीवाल की अनुपस्थिति में भी उनके विचारों और आदर्शों को आगे बढ़ाएंगे और चुनावी मैदान में मजबूती से लड़ाई लड़ेंगे।
तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण करना किसी भी राजनीतिक नेता के लिए एक कठिन कदम होता है, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने इसे अपने सिद्धांतों और विचारधारा के प्रति स्थिरता के रूप में देखा। उनका मानना है कि उन्होंने जनता की सेवा में सच्चाई और न्याय के लिए लड़ाई लड़ी है और वे अपने समर्थकों के साथ इस संघर्ष को जारी रखेंगे।