अक्षय ऊर्जा
जब आप अक्षय ऊर्जा, एक ऐसी ऊर्जा स्रोत है जो प्राकृतिक संसाधनों से बार‑बार उपयोग किया जा सकता है और पर्यावरण को कम नुकसान पहुँचाता है, renewable energy के बारे में सोचते हैं, तो तुरंत अक्षय ऊर्जा ही दिमाग में आती है। भारत में सौर ऊर्जा, सूर्य के प्रकाश से बिजली बनाने की तकनीक पहला बड़ा कदम है, जबकि पवन ऊर्जा, हवा की गति से टरबाइन चलाकर बिजली बनाना देश के कई कोस्टल और रिवर बेंच में तेज़ी से फैला रहा है। इन दोनों स्रोतों की बढ़ती प्रविष्टि के साथ ऊर्जा भंडारण, बैटरियों या पम्पेड हाइड्रॉयड्स में ऊर्जा जमा करने की क्षमता की जरूरत भी बढ़ी है, क्योंकि सूरज या हवा हमेशा उपलब्ध नहीं रहते। इस तरह के कनेक्शन (अक्षय ऊर्जा → सौर/पवन → भंडारण) से हमारे ग्रिड को स्थिरता मिलती है और क्लीन बिजली की लचीलापन बढ़ती है।
सरकार ने 2030 तक 450 गिगावाट नवीकरणीय क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है, इसलिए राष्ट्रीय सौर मिशन, प्रतिपूर्ति‑आधारित टैरिफ और पवन फार्म प्राथमिकता जैसे कई योजनाएँ लागू की गई हैं। हाल ही में शुरू किए गए PM‑KUSUM योजना से किसानों को सोलर पंप लगाने में प्रोत्साहन मिला है, जबकि सोलर वाटर पंप निर्माता GK Energy, सौर‑संचालित जल पंप और अन्य रिन्यूएबल समाधान देने वाली कंपनी ने 2024‑25 में 464 crore जुटा कर इस सेक्टर को आगे धकेल दिया है। इन निवेशों से न सिर्फ बिजली की कीमत घटती है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में इलेक्ट्रिफिकेशन भी तेज़ होता है। हर साल नवीकरणीय प्रोजेक्ट्स की संख्या बढ़ती है, और इसका सीधा असर रोजगार, स्थानीय उद्योग और पर्यावरणीय सुधार पर दिखता है।
मौके के साथ चुनौतियाँ भी आती हैं। सौर और पवन उत्पादन का मौसम‑आधारित उतार‑चढ़ाव ग्रिड को अस्थिर कर सकता है, इसलिए बड़े‑पैमाने पर बैटरियों, फ्लाईविहील स्टोरेज या हाइड्रॉजेन जैसे समाधान जरूरी होते जा रहे हैं। वित्तीय क्षेत्र में भी बदलाव ताज़ा है—हरित बॉण्ड, ESG फंड और नवीकरणीय लक्ष्य‑बद्ध ऋण अब कई बैंकों की प्राथमिकता बन गए हैं। लेकिन अभी भी कई छोटे निवेशकों को उचित जोखिम‑प्रबंधन उपकरणों की कमी महसूस होती है, और नीति‑निर्धारकों को सशक्त नियामक फ्रेमवर्क बनाकर सबको साथ लेकर चलना पड़ेगा। इन सबका संतुलन बन पाए तो अक्षय ऊर्जा सच्ची ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता का आधार बन सकती है।
अक्षय ऊर्जा के प्रमुख क्षेत्र
दिखाने के लिए कुछ मुख्य सेक्टर हैं जो सीधे अक्षय ऊर्जा से जुड़े हैं: 1) विद्युत उत्पादन—सौर पार्क, पवन फार्म और बायोमास पावर प्लांट; 2) परिवहन—इलेक्ट्रिक वाहन, चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, और हाइड्रोजन फ्यूल‑सेल; 3) कृषि—सोलर पम्प, जल‑संरक्षण तकनीक, और एग्री‑टेक में नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग; 4) उद्योग—कोयला‑परिवर्तित कचरे से बायो‑फ्यूल, सौर‑हाइड्रॉइडिक संयंत्र, और ऊर्जा‑सक्षम उत्पादन लाइन। इन क्षेत्रों में चल रही पहलें, नई स्टार्ट‑अप्स और बड़े प्रोजेक्ट्स इस टैग पर मिलने वाले लेखों में विस्तार से कवर किए गए हैं।
अब नीचे आप अक्षय ऊर्जा से जुड़ी ताज़ा ख़बरें, गहरी विश्लेषण और विशेषज्ञ राय देखेंगे। चाहे आप निवेशक हों, नीति‑निर्माता हों या बस रोज़मर्रा की जिंदगी में क्लीन ऊर्जा अपनाना चाहते हों, इस संग्रह में आपको वो सब मिलेगा जो आपको आगे बढ़ने में मदद करेगा।
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Posted By Krishna Prasanth पर 9 अक्तू॰ 2025 टिप्पणि (19)

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