60 करोड़ ठगी केस – क्या हुआ असल में?
अगर आप खबरों में 60 करोड़ ठगी के बारे में सुनते हैं तो सोचना आसान है – यह कोई छोटी बात नहीं। इस बड़े घोटाले ने कई लोगों की बचत का खून पिसा दिया और पूरे देश को चौंका दिया। आइए, इस केस की बारीकियों को समझें, ताकि आप भविष्य में ऐसे फंदों से बच सकें।
कैसे शुरू हुआ बड़ा घोटाला?
घोटाले की शुरुआत एक भरोसेमंद निवेश कंपनी के वादों से हुई। उन्होंने सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप और व्यक्तिगत मीटिंग्स में कहते रहे कि 30% सालाना रिटर्न मिलेगा, सिर्फ एक छोटा शुरुआती निवेश डालो। कई लोग, खासकर जो बचत का ख्याल रखते थे, जल्दी‑जल्दी पैसा लगा बैठे। कंपनी ने दिखावा करने के लिए छोटे‑छोटे रिटर्न पेमेंट किए, जिससे भरोसा बन गया। धीरे‑धीरे निवेश की रकम 60 करोड़ तक पहुँच गई, और तभी झूठ की परतें गिरने लगीं।
पुलिस ने कैसे किया जांच और क्या है वर्तमान स्थिति?
पहली बार जब कई लोग पैसा वापस नहीं पा रहे थे, तब स्थानीय पुलिस ने केस को दर्ज किया। फॉरेंसिक टीम ने डिजिटल लेन‑देनों, मोबाइल रिकॉर्ड और बैंक स्टेटमेंट की जाँच शुरू की। पता चला कि कंपनी के प्रमुख ने कई फर्जी दस्तावेज़ तैयार करके बैंक में घुशी बनाई थी। अब तक दो मुख्य आरोपी को गिरफ़्तार किया गया है और उनकी संपत्तियों को जप्त किया गया है। फोरेंसिक रिपोर्ट में यह भी दिखाया गया है कि कई छोटे‑बड़े निवेशकों के बीच ठगी का नेटवर्क था, जिसे एक ही मंच से नहीं बल्कि कई अलग‑अलग गुप्त समूहों से चलाया गया था।
अभी भी कई सवाल बचे हैं – जैसे कि क्या सभी धनराशि वापस आएगी, या कुछ ही लोग ही वैध तौर पर वापस पाएँगे। पुलिस ने कहा है कि वे सभी बैंक खातों की जाँच जारी रखेंगे और जो भी जमा हुआ पैसा है, उसे वापस देने की कोशिश करेंगे, पर कानूनी प्रक्रिया में समय लग सकता है।
इन सबके बीच, निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने बैंक स्टेटमेंट को नियमित रूप से चेक करें, किसी भी अनजान वॉटरमार्क या अनधिकृत ट्रांसफ़र को तुरंत रिपोर्ट करें। साथ ही, ऐसे हाई‑रिटर्न वाले ऑफ़र को कभी भी बिना ठोस दस्तावेज़ और भरोसेमंद रेफ़रेंस के नहीं मानना चाहिए।
एक और जरूरी बात – अगर आप ऐसे किसी स्कैम में फँसे हैं, तो तुरंत अपने स्थानीय पुलिस थाने या साइबर क्राइम सेल में फाइल दर्ज कराएँ। डिजिटल सबूत (स्क्रीनशॉट, चैट हिस्ट्री, बैंक ट्रांसफ़र की स्क्रीन) जमा करने से केस की तेज़ी से प्रगति में मदद मिलती है।
इस केस से हम यह सीख सकते हैं कि बड़ी रिटर्न का वादा अक्सर धोखेबाज़ी का संकेत होता है। अगर कोई आपको बहुत छोटा समय में बहुत बड़ा मुनाफ़ा दिलाने का लालच दे, तो सावधानी बरतें और हमेशा दो‑तीन भरोसेमंद स्रोतों से जानकारी लें।
अंत में, अगर आप अभी भी इस घोटाले से प्रभावित हैं, तो हिचकिचाएँ नहीं। अपने अधिकारों को जानिए, कानूनी सहायता लें और अपने नुकसान को कम करने के लिए मिलजुल कर कार्रवाई करें। याद रखें, जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है।
Shilpa Shetty–Raj Kundra पर 60 करोड़ ठगी केस: मुंबई पुलिस ने लुकआउट सर्कुलर जारी
Posted By Krishna Prasanth पर 6 सित॰ 2025 टिप्पणि (0)

मुंबई पुलिस की EOW ने 60 करोड़ की कथित ठगी के मामले में शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है। शिकायतकर्ता दीपक कोठारी ने Best Deal TV से जुड़ी डील में पैसे हड़पने का आरोप लगाया। दंपति ने आरोपों को बेबुनियाद बताया। EOW यात्रा रिकॉर्ड खंगाल रही है और ऑडिटर से पूछताछ कर रही है।
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