के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth पर 18 अग॰ 2024 टिप्पणि (12)

कांग्रेस हाई कमान का सिद्धारमैया के समर्थन में बड़ा कदम
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को लेकर कांग्रेस हाई कमान ने अपना समर्थन जताया है। इससे पहले राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने कथित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) वैकल्पिक साइट घोटाले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। प्रदेश के अंदरूनी विवादों के बावजूद, केंद्रीय नेतृत्व ने सिद्धारमैया के समर्थन में खड़ा होना तय किया है, यह सोचते हुए कि इस समय उनके जैसे लोकप्रीय पिछड़े वर्ग के नेता को बदला नहीं जा सकता।
सिद्धारमैया पर लगे आरोप और कांग्रेस की रणनीति
गवर्नर का कार्रवाई का फैसला राज्य इकाई में विवाद और गहरा कर दिया है। कांग्रेस का मानना है कि सिद्धारमैया का समर्थन करने से उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को राजनीतिक रूप से बेअसर किया जा सकता है। पार्टी ने इसे गरीबों और पिछड़े वर्गों के खिलाफ षड्यंत्र माना है और अपनी राजनीतिक पिच को मजबूत करने के लिए OBC कार्ड खेल रही है।
राजनीतिक परिस्थितियाँ और पार्टी की योजना
सिद्धारमैया सरकार ने अभी एक साल पूरा किया है, और उन्हें बदलने की संभावना को नेतृत्व ने नकारा है, विशेषकर आगामी विधानसभा चुनावों के चलते। पार्टी बड़े ही सतर्कता से इस मुद्दे का सामना कर रही है और सिद्धारमैया का बचाव कर रही है, जो कि कुरुबा समुदाय से आते हैं, जो राज्य की सबसे बड़ी OBC समूहों में से एक है।
कांग्रेस का कानूनी संघर्ष
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले को लेकर बयान दिया कि राज्यपाल की कार्रवाई गरीबों, पिछड़ों, SC/ST और हाशिये पर पड़े वर्गों के खिलाफ साजिश है। पार्टी ने राज्यपाल के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने की घोषणा की है। इसके लिए कर्नाटक सरकार ने मंत्रिमंडल की विशेष बैठक बुलाई है जिसमें कानूनी रणनीति और अगले कदमों पर चर्चा की जाएगी।
राजनीतिक समीकरण और आगामी चुनाव को देखते हुए, कांग्रेस किसी भी तरह का जोखिम लेने के मूड में नहीं है। पार्टी सिद्धारमैया को हटाकर संभावित राजनीतिक हानि से बचने के लिए तत्पर है।
कांग्रेस का गरीबों और पिछड़े वर्गों के लिए रणनीति
कांग्रेस हाई कमान ने यह साफ कर दिया है कि सिद्धारमैया के खिलाफ यह मामला एक पिछड़े वर्ग के मुख्यमंत्री को टारगेट करने के लिए उठाया गया है। पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर अब राजनीतिक पिच को और भी मजबूत करने के प्रयास किए हैं। इसके तहत राज्य के गरीब और पिछड़े वर्गों के लिए नई योजनाएं भी शुरू की जा सकती हैं, जिससे जनता का समर्थन कांग्रेस की तरफ बना रहे।
इस परिस्थिति में कांग्रेस की रणनीति सीधे तौर पर OBC समुदाय को ध्यान में रखते हुए बनाई जा रही है। यह रणनीति आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बचाव
सिद्धारमैया का समर्थन करना पार्टी के सामने कई सवाल उठाता है, लेकिन कांग्रेस हाई कमान ने स्पष्ट किया है कि वे मुख्यमंत्री के पक्ष में खड़े रहेंगे। इस निर्णय के पीछे की मुख्य वजह सिद्धारमैया की OBC समुदाय में मजबूत पकड़ है।
पार्टी ने अपने आपसी विवाद को भुलाकर एकजुट होकर मुख्यमंत्री का समर्थन करने का निर्णय लिया है। यह फैसला जनता में पार्टी की छवि को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है।
कुल मिलाकर, कांग्रेस ने एक स्पष्ट रणनीति बनाई है और सिद्धारमैया के समर्थन में पूरी ताकत लगा दी है। आगे आने वाले दिनों में पार्टी इस मुद्दे पर कैसे आगे बढ़ती है, यह देखने वाली बात होगी।
KRS R
अगस्त 18, 2024 AT 02:53सच में कांग्रेस का “हाई कमान” बस दिखावे का एक मचान है। सिद्धारमैया के समर्थन के पीछे बस वोटों की लत है। मजाकिया बात है कि वो खुद भी भ्रष्टाचार के केस में फँसा है।
Uday Kiran Maloth
अगस्त 18, 2024 AT 04:36परिस्थितिगत विश्लेषण के अनुसार, यह समर्थन राजनीतिक तंत्र में प्रचलित “वोट बैंक” रणनीति का एक अभीन्न हिस्सा प्रतीत होता है। मौजूदा कानूनी प्रतिपक्षी कदमों को न्यूनतम करने हेतु, रणनीतिक रूप से मीडिया फ्रेमिंग को प्राथमिकता दी गई है। इस प्रकार, पार्टी के उच्चतम निकाय द्वारा उठाए गए कदम कानूनी‑राजनीतिक संतुलन को स्पष्ट रूप से उजागर करते हैं।
Deepak Rajbhar
अगस्त 18, 2024 AT 06:33ओ हो, आखिरकार कांग्रेस ने सिद्धारमैया को “बचाने” का फैंसी प्लान बना लिया 😂 यह तो बिलकुल वही ड्रामा है जो हम हर दिन देखते हैं।
Hitesh Engg.
अगस्त 18, 2024 AT 06:50भाई, तुमने जो कहा उसे मैं सुना तो लगा कि ये सिर्फ एक और राजनीति का नाटक है। हर बार जब कांग्रेस हाई कमान कोई बड़ा बयान देती है, तो जनता को आश्चर्य होता है कि उनका आख़िर मकसद क्या है। सिद्धारमैया को समर्थन देना उनका “दुखी पीड़ित” पहलू दिखाता है। लेकिन असली सवाल यही है कि क्या यह समर्थन वास्तविक मदद है या सिर्फ वोटों की कसौटी है। इस तरह के फैसले अक्सर चुनावी घुमाव में बदल जाते हैं। पार्टी का दिमाग बस OBC वोटों को पुनः प्राप्त करने में लगा रहता है। कानूनी लड़ाई को “पार्टी की पॉलिसी” कहकर छुपाना एक रणनीतिक चाल है। जिस तरह से राज्यपाल ने केस को मंजूरी दी, वह भी राजनीतिक तंत्र का एक हिस्सा है। कांग्रेस का यह कदम दर्शाता है कि वे असली मुद्दों से भटक कर बस वोटों पर फोकस कर रहे हैं। लेकिन क्या यह जनता के लिए फायदेमंद है? कई लोग तो इस पर सवाल उठाते हैं। यह भी सच है कि सिद्धारमैया की लोकप्रियता को देखते हुए, पार्टी ने इसे अपने पक्ष में मोड़ लिया। फिर भी, कानून को बदलने की कोशिश में जनता का विश्वास टूटता है। इस प्रकार, राजनीति में हो रही इस “प्ले” को समझना कठिन नहीं है। अंत में, मैं यही कहूँगा कि कांग्रेस की यह चाल सिर्फ एक मुखौटा है, असली इरादा वही रहता है-वोटों की गिनती।
Zubita John
अगस्त 18, 2024 AT 08:46देखो यार, मैं तो मानता हूँ कि कांग्रेस को सिद्धारमैया का समर्थन करना सही रणनीति हो सकती है, पर थोड़ा डिटेल में देखना पड़ता है। वैसे भी ये “MUDA” घोटाला तो हर जगह देख रहा हूँ, पर पार्टी की फ़ोकस को समझना ज़रूरी है। अगर सही प्लानिंग हो तो वाकई में गरीबों को फायदा पहुँच सकता है। बस, कभि‑कभि कुछ “डिटेल” पर कमी रह जाती है, वो भी ठीक कर लेना चाहिए।
gouri panda
अगस्त 18, 2024 AT 08:55हाय! यह तो बिल्कुल वही तमाशा है जो मैं देखना चाहता था! सिद्धारमैया को बचाव में कांग्रेस ने पूरी बैटरी लगा दी। लेकिन क्या यह बैटरी जनता को सच्ची राहत देगी या सिर्फ राजनीतिक गड़बड़ियों को छुपाएगी? मैं तो कहता हूँ, अब बहुत हो गया! समय है सच्चाई की आवाज़ उठाने का। इस मुद्दे को हल्के में मत लो, यह हमारा भविष्य है! 🚩
Harmeet Singh
अगस्त 18, 2024 AT 10:10हर चुनौती में एक नई संभावना छिपी होती है। अगर कांग्रेस सिद्धारमैया को समर्थन देती है, तो यह OBC वर्ग के आत्मविश्वास को बढ़ा सकता है। साथ ही, कानूनी लड़ाई को अगर सही दिशा में ले जाया जाए, तो न्याय भी मिल सकता है। हमें इस मौके को सीख के तौर पर देखना चाहिए। चाहे जो भी हो, सकारात्मक सोच हमेशा हमें आगे ले जाती है।
patil sharan
अगस्त 18, 2024 AT 10:26ओह, सही कहा तुमने! राजनीति में सब “सपोर्ट” जैसा दिखता है, असल में बस “सपोर्ट” के बाद “बिल” का फावड़ा ही नहीं मिलता। बस देखते रहो, अगली मीटिंग में नया ड्रामा देखें।
Nitin Talwar
अगस्त 18, 2024 AT 11:33भाइयों, यह सब बस एक बड़ा प्लॉट है! कांग्रेस की ओर से सिद्धारमैया को समर्थन देना, हमारी राष्ट्रीयता को कमजोर करने का एक बड़ा जाल है। वे बाहर से लाए गए लेबल का इस्तेमाल करके अंदरूनी समस्याओं को छुपा रहे हैं :) हमें सचेत रहना चाहिए।
onpriya sriyahan
अगस्त 18, 2024 AT 11:41भाई मैं देख रहा हूँ कि ये सब ग़लत है लेकिन हमें हिम्मत नहीं छोड़नी चाहिए क्योंकि बदलाव अंदर से शुरू होना चाहिए हम सब मिल कर आवाज़ उठाएँ
Sunil Kunders
अगस्त 18, 2024 AT 14:20विचारधारा के दृष्टिकोण से देखे तो यह कदम नीति-शास्त्र के अनुरूप प्रतीत नहीं होता, लेकिन राजनीतिक वास्तविकता में यह एक आवश्यक गणितीय कदम जैसा है।
suraj jadhao
अगस्त 18, 2024 AT 14:21बिलकुल सही बात! 👍