के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth    पर 21 जुल॰ 2024    टिप्पणि (12)

मनोले मारकेज बने भारतीय फुटबॉल टीम के नए मुख्य कोच, इगोर स्टिमाच की जगह लेंगे

मनोले मारकेज की भारतीय फुटबॉल टीम में नियुक्ति

मनोले मारकेज को भारतीय फुटबॉल टीम का नया मुख्य कोच नियुक्त किया गया है। यह निर्णय उस समय आया है जब इगोर स्टिमाच को उनके पद से हटा दिया गया है। गौरतलब है कि स्टिमाच को 2026 फीफा वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई करने में भारतीय टीम की असफलता के कारण निकाला गया है। AIFF के अध्यक्ष, कल्याण चौबे ने एफसी गोवा को धन्यवाद दिया है जिन्होंने मारकेज को राष्ट्रीय टीम के साथ जुड़े रहने की अनुमति दी है।

मनोले मारकेज का फुटबॉल करियर

मनोले मारकेज भारतीय फुटबॉल के प्रशंसकों के लिए कोई नया नाम नहीं है। उन्होंने 2020 में भारत में कदम रखा और हैदराबाद एफसी को 2021-22 में ISL कप जिताया। इसके अलावा, उनकी कोचिंग शैली और अनुभव ने उन्हें हमेशा से एक बेहतरीन कोच के रूप में स्थापित किया है। भारत में उनकी नियुक्ति का स्वागत करते हुए, उन्होंने कहा कि वे भारतीय फुटबॉल को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तत्पर हैं।

एफसी गोवा और मारकेज की भूमिका

मनोले मारकेज वर्तमान में एफसी गोवा के कोच हैं और उन्होंने इस क्लब के साथ भी महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त की हैं। उन्होंने रेखांकित किया कि एफसी गोवा के कठिन मुकाबलों के दौरान भी वे राष्ट्रीय टीम की जिम्मेदारी को ध्यान में रखेंगे। एफसी गोवा ने इस बारे में अपने समर्थन के संकेत दिए हैं, जो भारत के फुटबॉल भविष्य के लिए अच्छी खबर है।

इगोर स्टिमाच का जाना

इगोर स्टिमाच का भारतीय फुटबॉल में सफर इतनी अच्छी तरह खत्म नहीं हुआ। उन्हें 2026 फीफा वर्ल्ड कप क्वालीफायर्स में भारतीय टीम की असफलता के बाद हटाया गया। इस निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद स्टिमाच ने टीम के लिए कुछ अच्छे प्रदर्शन भी किए थे। परन्तु, उन्होंने कुछ विवादों में भी खुद को उलझा हुआ पाया, जैसे कि एक ज्योतिषी की मदद से खिलाड़ियों का चयन करना।

मनोले मारकेज का अनुभव

मनोले मारकेज की कोचिंग पृष्ठभूमि बहुत मजबूत है। उन्होंने लास पालमास और एस्पेन्योल बी जैसी स्पेनिश टीमों की भी कोचिंग की है। उनकी उम्र 55 वर्ष है और उनका उद्देश्य है कि भारतीय टीम को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। मारकेज ने इस नियुक्ति पर खुशी जताई है और कहा है कि वे इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।

भारतीय फुटबॉल का भविष्य

भारतीय फुटबॉल टीम के आगे की राह अब मनोले मारकेज के हाथों में है। उनके समृद्ध अनुभव और भारत में उनके गहरे ज्ञान को देखते हुए, भारतीय फुटबॉल के प्रशंसक इस नई शुरुआत से बड़ी उम्मीदें कर रहे हैं। क्योंकि कोच के रूप में उनका पहला लक्ष्य भारतीय टीम को सफल बनाना है।

मनोले मारकेज की रणनीति

मारकेज ने अपने आने वाले समय के लिए रणनीति तैयार करते हुए कहा कि वे खिलाड़ी की व्यक्तिगत क्षमताओं को पहचानने और उन्हें सशक्त बनाने पर ध्यान देंगे। इसके साथ ही, उनका कहना है कि भारतीय फुटबॉल खिलाड़ियों में भारी संभावनाएं हैं और वे उन्हें पूरी तरह से निखारने का काम करेंगे।

मारकेज की कोचिंग शैली उनकी काफी उत्कृष्ट विचारधारा पर आधारित है। उनकी टीम के खिलाड़ी बताते हैं कि वे खेल के हर पहलू में सुधार करने पर ध्यान देते हैं, चाहे वह शारीरिक फिटनेस हो या मानसिक क्षमता का विकास। उनके आने के बाद उम्मीद है कि भारतीय फुटबॉल टीम एक नई दिशा में आगे बढ़ेगी। उनके नेतृत्व में भारतीय टीम का प्रदर्शन कैसे रहेगा, यह तो समय ही बताएगा।

मारकेज के नेतृत्व में भारतीय फुटबॉल टीम का भविष्य उज्ज्वल दिखता है। उनके पास अनुभव है, उनके पास विजन है, और सबसे बड़ी बात, उनके पास भारतीय फुटबॉल को एक नई पहचान देने का जुनून है। अब देखना यह है कि वे इस जुनून को हकीकत में कैसे बदलते हैं।

भारतीय फुटबॉल के प्रशंसक अब मनोले मारकेज के नेतृत्व में टीम से बड़े सपनों को साकार होते देखने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। भारतीय फुटबॉल के लिए यह समय महत्वपूर्ण है और सभी की निगाहें अब मनोले मारकेज पर टिकी हुई हैं।

12 Comments

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    RISHAB SINGH

    जुलाई 21, 2024 AT 05:38

    मारकेज ने पहले ही कई सालों में इंडियन फुटबॉल को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का सिद्ध किया है। उनका पहरा हमेशा तैयार रहता है और वो टीम के अंदर आत्मविश्वास बनाते हैं। यह सिर्फ एक कोच नहीं, बल्कि एक मेंटर जैसा है जो खिलाड़ियों को व्यक्तिगत स्तर पर समझता है। उनके पास ISL में जीत का अनुभव है, इसलिए उम्मीद है कि इस बार भी कुछ नया लेकर आएंगे। कुल मिलाकर, यह बदलाव हमें सकारात्मक दिशा में ले जाएगा।

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    Deepak Sonawane

    जुलाई 21, 2024 AT 05:40

    टैक्टिकल फ्रेमवर्क के संदर्भ में मारकेज की पद्धति असंगत प्रतीत होती है। रणनीतिक सिचुएशन एंगल और पॉजिशनिंग मैट्रिक्स में कई गैप्स उपस्थित हैं, जिन्हें अभी तक ठीक नहीं किया गया है। उत्पन्न होने वाले फॉर्मेशन शिफ्ट्स में ओवरलैप की समस्या स्पष्ट है, और यह इम्प्लायड ट्रांसिशन इफ़ेक्ट को नकारता है। इस कारण से टीम का ऑफेंसिव रिदम टूट सकता है। अंत में, इस कोचिंग मेथडोलॉजी को पुनः मूल्यांकन की आवश्यकता है।

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    Suresh Chandra Sharma

    जुलाई 21, 2024 AT 05:41

    मारकेज ने स्पेनिश लीग में भी काफी नाम कमाया है, जैसे लास पल्मास और एस्पेन्योल बी में उनका काम। भारत में उनका पहला स्टेप FC गोवा से हुआ, जहां उन्होंने टीम को कड़ी टैक्टिक पर धकेला। इस अनुभव से टीम की फिटनेस और मानसिक मजबूती दोनों बढ़ेगी। वैसे भी, वो अक्सर प्लेयर को व्यक्तिगत रूप से कोच करते हैं, जिससे फॉर्म सुधारता है। कुल मिलाकर, उनका बैकग्राउंड इस पद के लिए एकदम फिट है।

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    sakshi singh

    जुलाई 21, 2024 AT 05:43

    मारकेज का प्रवेश भारतीय फुटबॉल के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि वह केवल तकनीकी विशेषज्ञ ही नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक पुल भी हैं। उनका दृष्टिकोण खिलाड़ियों की व्यक्तिगत क्षमताओं को समझने और उन्हें सशक्त बनाने पर केंद्रित है, जो अक्सर कोचिंग में उपेक्षित रहता है। इससे न केवल टीम की सामूहिक शक्ति बढ़ेगी, बल्कि व्यक्तिगत विकास भी तेजी से होगा। पिछले कुछ सत्रों में उन्होंने देखा है कि किस तरह से फिटनेस ट्रेनिंग और मानसिक दृढ़ता का सही मिश्रण टीम को जीत की ओर ले जाता है। इनके तहत वह डिफेंसिव लाइन में अधिक लचीलापन लाने पर भी काम करेंगे, जिससे प्रतिद्वंद्वी टीमों के हमलों को संभालना आसान होगा। दूसरी ओर, आक्रमण में वैरायटी लाने के लिए वे विभिन्न पोजीशन पर खिलाड़ियों को रोटेट करेंगे, ताकि हर खिलाड़ी अपने सर्वोत्तम स्वरूप में खेल सके। उन्होंने कहा है कि भारतीय फुटबॉल में अपार संभावनाएँ हैं, लेकिन उन्हें सही दिशा में मोड़ने के लिए कठोर परिश्रम और धैर्य दोनों की आवश्यकता है। इसके साथ ही, युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक्सपोज़र देने के लिए वे अधिक फ्रेंडली मैचेज़ की योजना भी बना रहे हैं। उनका लक्ष्य सिर्फ राष्ट्रीय टीम को जीत दिलाना नहीं, बल्कि पूरे फुटबॉल इकोसिस्टम को विकसित करना है। यह दिशा भारतीय प्रशंसकों के लिए बहुत ही उत्साहजनक है, क्योंकि अब हमें एक स्पष्ट विजन दिखाई देता है। अंत में, उनका हार्डवर्क और समर्पण टीम के हर सदस्य में प्रेरणा का स्रोत बनेगा, जिससे भारतीय फुटबॉल का भविष्य उज्ज्वल होने की संभावना बढ़ेगी।

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    Hitesh Soni

    जुलाई 21, 2024 AT 05:45

    इगोर स्टिमाच का हटाया जाना भारतीय फुटबॉल की रणनीतिक दिशा में एक आवश्यक सुधार प्रतीत होता है। उनके कार्यकाल में क्वालीफायर में असफलता ने यह स्पष्ट कर दिया कि टीम को नई दृष्टि की आवश्यकता है। मारकेज का आगमन इस खालीपन को भरने का प्रयास है, जिससे टीम में नयी ऊर्जा प्रवाहित होगी। यह बदलाव केवल कोचिंग ही नहीं, बल्कि टीम के मानसिक स्वरूप में भी परिवर्तन लाएगा। इसलिए, हम सभी को सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए इस नई शुरुआत का समर्थन करना चाहिए।

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    rajeev singh

    जुलाई 21, 2024 AT 05:46

    बिलकुल सही कहा, लेकिन यह भी ध्यान देना चाहिए कि मारकेज ने पहले भी स्थानीय क्लबों में सफलता हासिल की है। उनके अनुभव को देखते हुए हमें उम्मीद है कि वे राष्ट्रीय स्तर पर भी वही रणनीतिक बारीकियों को अपनाएंगे। इससे खिलाड़ियों की तकनीकी और टैक्टिकल समझ दोनों में सुधार होगा।

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    ANIKET PADVAL

    जुलाई 21, 2024 AT 05:48

    भारतीय फुटबॉल की आत्मा हमेशा से संघर्ष और दृढ़ता की कहानी रही है, और अब इस नई यात्रा में मारकेज का योगदान इसे एक नई इंटिग्रिटी प्रदान करेगा। उनका दृष्टिकोण केवल जीत पर नहीं, बल्कि नैतिकता और खेल भावना को ऊँचा रखने पर आधारित है, जो राष्ट्र के मूल्यों के साथ सामंजस्य रखता है। यदि हम उनके कोचिंग पद्धति में निहित समग्र विकास पर ध्यान देंगे, तो हमारे सॉकर संस्कृति में एक सच्ची परिवर्तनशील लहर आ सकती है। यह परिवर्तन न केवल मैदान में बल्कि प्रशिक्षण सुविधाओं, जूनियर अकादमी और प्रशासकीय ढांचे में भी आवश्यक है। इसलिए, हम सभी को इस नये कोच के साथ मिलकर काम करना चाहिए, ताकि भविष्य की पीढ़ी को एक मजबूत बेसलाइन मिले।

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    Abhishek Saini

    जुलाई 21, 2024 AT 05:50

    बिलकुल सही बात है, पर थोड़ा ये देखना भी जरूरी है कि टीम के अंदर कौन-कौन से छोटे-छोटे टॉपिक को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाए। इनके साथ ही, मारकेज को भी थोड़ा लचीलापन देना चाहिए।

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    Parveen Chhawniwala

    जुलाई 21, 2024 AT 05:51

    ध्यान देना चाहिए कि नई कोचिंग स्ट्रैटेजी को लागू करने से पहले मौजूदा प्लेयर फिटनेस को पूरी तरह से आंकना ज़रूरी है। हम अक्सर बैकग्राउंड चेक को कम आँकते हैं, जिससे बाद में कॉन्ट्रैक्ट इश्यूज़ देखे जाते हैं। इस कारण से मारकेज को पहले प्लेयर प्रोफाइल को डिटेल में समझना चाहिए। तभी वास्तविक सुधार संभव है।

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    Saraswata Badmali

    जुलाई 21, 2024 AT 05:53

    वास्तव में, वर्तमान में फुटबॉल सिस्टम में कई जटिल मैट्रिक्स हैं जिन्हें अक्सर अनदेखा किया जाता है। यदि हम केवल कोच की नई पॉलिसी पर फोकस करें, तो संभावित रूट कॉज़ को समझना कठिन हो जाता है। इसलिए, मारकेज को एक समग्र एप्रोच अपनानी चाहिए, जिसमें डेटा एनालिटिक्स और परफ़ॉर्मेंस मीट्रिक्स को भी शामिल किया जाए। इस तरह ही हम सच्चे इम्प्रूवमेंट को माप सकेंगे और टीम को वास्तविक प्रोग्रेस दिखा पाएंगे।

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    sangita sharma

    जुलाई 21, 2024 AT 05:55

    पूरी तरह से सहमत हूँ।

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    PRAVIN PRAJAPAT

    जुलाई 21, 2024 AT 05:56

    सही है लेकिन सटीक योजना भी चाहिए।

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