के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth पर 4 नव॰ 2025 टिप्पणि (0)
बिहार की विधानसभा चुनाव अभियान के अंतिम दिनों में राजनीति के दो बड़े चेहरे — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के लोकसभा विपक्षी नेता राहुल गांधी — ने एक-दूसरे के खिलाफ बिना झिझक तीखे आरोप लगाए। 3 और 4 नवंबर, 2025 को हुए इन रैलियों ने न सिर्फ चुनावी तनाव को नया रूप दिया, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के अहम पहलू भी उजागर किए। जबकि मोदी ने बिहार के विकास के नाम पर एनडीए की जीत की गारंटी दी, राहुल गांधी ने उन्हें युवाओं को सोशल मीडिया के जाल में फंसाने वाला बताया।
मोदी और अमित शाह का विकास अभियान
3 नवंबर को कटिहार और सहरसा में मोदी ने रैलियों के दौरान कांग्रेस को आरोप लगाया कि वह राजद के नेता तेजश्वी प्रसाद यादव को विपक्ष का मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाने के लिए बाध्य हो गई है। "एनडीए विकास के लिए है, राजद-कांग्रेस विनाश के लिए," मोदी ने सहरसा में कहा। उन्होंने बिहार की महिलाओं को बधाई देते हुए अपने X पर पोस्ट किया: "बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा-एनडीए की जीत सुनिश्चित करने के लिए हमारी मातृशक्ति भी असाधारण ऊर्जा और पूरे समर्पण भाव से जुटी हुई है।" इस अभियान का नाम — ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ — उनकी रणनीति को दर्शाता है: घर-घर जाकर मतदाता को जोड़ना।
4 नवंबर को दरभंगा के जले में अमित शाह ने एक तीखा भाषण दिया। उन्होंने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि वे "सेव इंफिल्ट्रेटर्स यात्रा" चला रहे हैं, और बिहार में आए अवैध प्रवासियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। शाह ने कहा, "लालू यादव और राहुल गांधी इंफिल्ट्रेटर्स को बचाना चाहते हैं।" उन्होंने 15 साल के "जंगल राज" का जिक्र किया — जिसका तात्पर्य लालू प्रसाद यादव और रबरी देवी के शासनकाल से है — और वादा किया कि एनडीए इसे दोबारा नहीं होने देगा।
राहुल गांधी का सामाजिक न्याय का संदेश
उसी दिन, राहुल गांधी ने औरंगाबाद के कुतुंबा सहित तीन बैक-टू-बैक रैलियों में जबरदस्त हमला बरसाया। उन्होंने कहा, "भारत की 10 प्रतिशत आबादी — ऊपरी जातियां — सेना और न्यायपालिका पर कब्जा किए हुए हैं।" उनका तर्क था कि बाकी 90 प्रतिशत — एससी, एसटी, ओबीसी और अति पिछड़े वर्ग — सत्ता से वंचित हैं। "सारा धन उनके पास है, सारी नौकरियां उनके लिए हैं," उन्होंने कहा।
मोदी के खिलाफ उन्होंने एक बहुत ही तीखा आरोप लगाया — "नरेंद्र मोदी के पास एक झूठा डिग्री है।" उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय का जिक्र करते हुए कहा, "यहां चीन, जापान और कोरिया से छात्र आते थे। आज का भारत ऐसे शिक्षा के नाम पर भ्रष्टाचार कर रहा है।" यह आरोप एक विवादास्पद बिंदु है — जिसका कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है, लेकिन राहुल ने इसे एक नारे के रूप में उपयोग किया।
उन्होंने बिहार के युवाओं को बताया कि उनका भविष्य अब रिल्स बनाने के लिए नहीं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए लड़ने के लिए है। "मोदी चाहते हैं कि आप सोशल मीडिया पर रिल्स बनाते रहें — यही 21वीं सदी का नशा है," उन्होंने कहा। यह बयान बिहार के युवाओं के बीच तेजी से फैल रहा है — जहां अक्सर शिक्षा की कमी और रोजगार के अभाव के कारण सोशल मीडिया ही एकमात्र राहत का साधन बन गया है।
नितीश कुमार के खिलाफ आरोप और वोट चोरी का दावा
राहुल गांधी ने बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार के खिलाफ भी तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा, "नितीश कुमार ने बिहार के युवाओं को मजदूर बना दिया है।" उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में बिहार के लोग बड़े इमारतें, सड़कें, सुरंगें और कारखाने बना रहे हैं। "यहां रोजगार नहीं है, इसलिए वे दूसरे राज्यों में मजदूरी कर रहे हैं," उन्होंने कहा।
उन्होंने वोट चोरी का भी आरोप लगाया — "एनडीए जानता है कि वे चुनाव नहीं जीत पाएंगे, इसलिए वोट चोरी की योजना बना रहे हैं।" उन्होंने बिहार में प्रश्नपत्र रिसाव की भी बात की, जिसका फायदा अमीर छात्रों को मिलता है। "जब एक बच्चा अपने पिता के पैसे से ब्रेन ट्रेनिंग करता है, तो दूसरा बच्चा बस बैठकर देखता है," उन्होंने कहा।
चुनाव के बाद क्या होगा?
पहला चरण 6 नवंबर, 2025 को 73 विधानसभा क्षेत्रों में होगा। दूसरा और तीसरा चरण 13 और 20 नवंबर को होगा। परिणाम 22 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। अमित शाह ने अपने भाषण में यह भी कहा कि "भारत ब्लॉक 14 नवंबर को धूल में मिल जाएगा।" यह दावा अभी तक किसी जनसांख्यिकीय अध्ययन या पोल के आधार पर नहीं है, लेकिन यह एनडीए के आत्मविश्वास को दर्शाता है।
इस चुनाव में केवल दो दल नहीं, बल्कि दो विचारधाराएं टकरा रही हैं — एक विकास की, दूसरी सामाजिक न्याय की। बिहार के 1.3 करोड़ मतदाताओं के लिए यह सिर्फ एक चुनाव नहीं, बल्कि अपने भविष्य का फैसला है।
चुनाव के बाद के संकेत
यदि एनडीए जीतता है, तो यह बिहार में बीजेपी के नेतृत्व को मजबूत करेगा और 2026 के लोकसभा चुनाव के लिए एक मिसाल बनेगा। अगर भारत ब्लॉक जीतता है, तो यह राष्ट्रीय विपक्ष के लिए एक बड़ी जीत होगी — और एक नया राजनीतिक नक्शा बनाने की शुरुआत।
बिहार के गांवों में अब लोग बातचीत कर रहे हैं — क्या विकास वास्तविक है? क्या सामाजिक न्याय सिर्फ वादे तक सीमित है? जब आज राहुल गांधी एक युवा को रिल्स बनाने से रोकते हैं, तो क्या वह उसे एक नौकरी दे सकते हैं? और जब मोदी विकास का वादा करते हैं, तो क्या वह उस विकास को उन लोगों तक पहुंचा पाएंगे जो आज बिना बिजली, पानी और स्कूल के जी रहे हैं?
FAQ
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
बिहार चुनाव 2025 में एनडीए और भारत ब्लॉक के बीच मुख्य अंतर क्या है?
एनडीए विकास, बुनियादी ढांचे और योजनाओं पर जोर दे रहा है — जैसे सड़कें, बिजली, स्वास्थ्य केंद्र। भारत ब्लॉक सामाजिक न्याय, आरक्षण और गरीबों के लिए रोजगार के अधिकार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। एक बात अहम है: एनडीए कहता है कि विकास सबके लिए है, जबकि भारत ब्लॉक कहता है कि विकास अभी तक केवल कुछ लोगों तक ही पहुंचा है।
राहुल गांधी का "झूठी डिग्री" का आरोप कितना सच है?
कोई भी आधिकारिक दस्तावेज या शिक्षा बोर्ड ने नरेंद्र मोदी की डिग्री को झूठा घोषित नहीं किया है। उनकी शिक्षा का दावा गुजरात विश्वविद्यालय से है, जिसका वे अपने आप ने पुष्टि की है। राहुल गांधी का यह बयान एक राजनीतिक रणनीति है — जिसका उद्देश्य मोदी के व्यक्तित्व को कमजोर करना है। यह आरोप उनके अन्य भाषणों के साथ जुड़ा हुआ है, जहां वे शिक्षा के बारे में बात कर रहे हैं।
"जंगल राज" का शब्द क्या अर्थ रखता है?
"जंगल राज" शब्द का इस्तेमाल बीजेपी ने लालू प्रसाद यादव के 1990-2005 के शासनकाल के लिए किया है, जिसमें अपराध, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अव्यवस्था का आरोप लगाया गया। यह शब्द आज भी राजनीतिक रूप से इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन आलोचक कहते हैं कि इस शब्द का इस्तेमाल राजद के लोकप्रिय विकास कार्यों — जैसे आरक्षण और गरीबों के लिए निःशुल्क शिक्षा — को नजरअंदाज करने के लिए होता है।
बिहार के युवाओं को सोशल मीडिया क्यों फंसा रहा है?
बिहार में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बहुत कम हैं — 2024 के आंकड़ों के अनुसार, युवा बेरोजगारी दर 22% है। इसलिए अनेक युवा सोशल मीडिया पर अपनी क्षमताएं दिखाने की कोशिश करते हैं। राहुल गांधी का कहना है कि यह एक विकल्प नहीं, बल्कि एक बचाव है। जब नौकरी नहीं है, तो रिल्स बनाना एकमात्र तरीका बन जाता है।
चुनाव परिणाम के बाद बिहार के लिए क्या उम्मीद है?
अगर एनडीए जीतता है, तो बिहार में विकास के लिए अधिक निवेश और बुनियादी ढांचे के प्रोजेक्ट्स आएंगे। अगर भारत ब्लॉक जीतता है, तो आरक्षण और गरीबों के लिए रोजगार योजनाएं बढ़ेंगी। दोनों ही परिदृश्यों में, बिहार की राजनीति और देश के भविष्य के लिए एक नया मोड़ होगा।
क्या बिहार के चुनाव नेशनल लेवल पर असर डालेंगे?
हां। बिहार भारत का सबसे बड़ा राज्य है जहां जाति-आधारित राजनीति और गरीबी का दबाव सबसे ज्यादा है। इस चुनाव का नतीजा न सिर्फ बिहार, बल्कि 2026 के लोकसभा चुनाव की रणनीति भी बदल सकता है। अगर भारत ब्लॉक यहां जीतता है, तो विपक्ष के लिए एक नया नक्शा बनेगा।
