के द्वारा प्रकाशित किया गया Vivek Bandhopadhyay पर 18 जुल॰ 2024 टिप्पणि (0)
बांग्लादेश में कोटा प्रणाली के खिलाफ प्रदर्शन में छह छात्रों की दर्दनाक मौत
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली के खिलाफ छात्रों के बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए, जिनमें छह छात्रों की मौत हो गई। इस विरोध ने देशव्यापी शैक्षिक संस्थानों की अनिश्चितकालीन बंदी का मार्ग प्रशस्त किया। शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देशभर के स्कूल और विश्वविद्यालयों को बंद करने का आदेश दिया है।
धाका में हिंसा और परीस्थितियाँ
प्रदर्शनकारियों ने राजधानी धाका सहित कई अन्य शहरों में सड़कों पर आक्रोश व्यक्त किया। पुलिस निरीक्षक बच्चु मिया ने पुष्टि की कि धाका में दो छात्रों ने अपने प्राण गंवाए। धाका की सड़कों पर जब रिवालर्स और छात्रों के बीच ब्रिक्स फेंके गए और संघर्ष हुए, तब हालात तेजी से बिगड़ गए। इस दौरान कुल 60 लोग घायल हुए।
चिटगांव और वहां के हालात
चिटगांव भी हिंसा की चपेट में आ गया जहां तीन छात्रों की मौत हो गई। चिटगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल के निदेशक मोहम्मद तसलीम उद्दीन ने बताया कि 35 और लोग घायल हो गए, इनमें से अधिकतर के शरीर पर गोली के निशान थे।
रंगपुर में सहनशीलता की कमी
रंगपुर में भी पुलिस और छात्रों के बीच गंभीर संघर्ष हुआ। रंगपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के निदेशक यूनुस अली ने बताया कि एक छात्र को अन्य छात्रों द्वारा घायल अवस्था में अस्पताल लाया गया परन्तु वह मृत घोषित किया गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए रबड़ की गोलियों और आंसू गैस का सहारा लिया।
विरोध का मुख्य कारण
इन हिंसक विरोधों का मुख्य कारण सरकारी नौकरियों के लिए आरक्षण कोटा प्रणाली है। इस प्रणाली के अंतर्गत सरकारी पदों का आधे से अधिक हिस्सा विशेष समूहों के लिए आरक्षित है, जिसमें 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के दिग्गजों के बच्चे भी शामिल हैं। आलोचकों का कहना है कि यह प्रणाली प्रधानमंत्री शेख हसीना का समर्थन करने वाले प्रो-गवर्नमेंट समूहों के बच्चों को नाजायज लाभ पहुंचाती है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र के सचिव-जनरल एंटोनियो गुटेरेस ने बांग्लादेश सरकार से प्रदर्शनकारियों की रक्षा करने की अपील की है, जोकि उनके मौलिक अधिकारों में से एक है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बांग्लादेश से तत्क्षण सभी शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा की गारंटी देने का आह्वान किया है। अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने भी शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर की जा रही हिंसा की निंदा की है, जिसपर बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने विरोध दर्ज कराया है।
समाप्ति
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों के कोटा प्रणाली के खिलाफ छिड़े इस हिंसक विरोध ने देश की शांतिपूर्ण और सलोनी छवि को धूमिल कर दिया है। इस घटना ने न केवल समाज को बुरी तरह से प्रभावित किया है, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर भी खासा ध्यान मिला है। इसे समाप्त करने के लिए जरूरी है कि सरकार और प्रदर्शनकारी एक सुलह की दिशा में आगे बढ़ें जिससे देश में फिर से शांति कायम हो सके।