के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth पर 19 नव॰ 2024 टिप्पणि (9)

वाईएसआरसीपी नेता के आरोप
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की नेता विद्याला राजिनी ने हाल ही में आंध्र प्रदेश में एनडीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके मुताबिक, मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई वाली सरकार आरोग्यश्री योजना को कमजोर कर रही है और राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र की उपेक्षा कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण 104 और 108 एम्बुलेंस सेवाएं भी पूरी तरह से प्रभावित हुई हैं। राजिनी का दावा है कि ये केवल सरकार की उदासीनता का परिणाम हैं।
आरोग्यश्री योजना की अनदेखी
राजिनी के अनुसार, आरोग्यश्री योजना, जो गरीबों को मुफ्त चिकित्सा सेवा देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, को सरकार द्वारा प्राथमिकता नहीं दी जा रही है। इससे गरीब और जरूरतमंद लोग स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रह रहे हैं। यह योजना आंध्र प्रदेश की जनसंख्या के एक बड़े हिस्से के लिए जीवनरेखा का काम करती थी, लेकिन अब ऐसा प्रतीत होता है कि इसे धीरे-धीरे नजरअंदाज किया जा रहा है।
मेडिकल कॉलेजों के निर्माण में रुकावट
उन्होंने आगे बताया कि जब Y.S. जगनमोहन रेड्डी मुख्यमंत्री थे, तब 17 मेडिकल कॉलेजों की योजना बनाई गई थी। इनमें से पहले चरण में पांच कॉलेजों का निर्माण पूरा हो चुका है, जिससे 2024 तक 750 सीट्स छात्रों को उपलब्ध होंगी। लेकिन, नई सरकार ने इस परियोजना को आगे बढ़ाने में अपनी दिलचस्पी नहीं दिखाई है। उनके अनुसार, इसका मकसद निजी खिलाड़ियों को लाभ पहुंचाना है।
सीएम पर निजीकरण सीज नीति का आरोप
राजिनी ने मुख्यमंत्री नायडू पर निजीकरण की ओर झुकाव रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के स्तर पर निजी संस्थानों को प्राथमिकता दे रही है, जिससे गरीबों और मध्य वर्ग को नुकसान हो रहा है। इसके अलावा, सरकारी मेडिकल कॉलेजों के निमार्ण में रुकावट डालना, खासकर वाईएसआर मेडिकल कॉलेज, भी इस नीति का स्पष्ट उदाहरण है।
आगे की राह और मांगें
इन गंभीर आरोपों के बीच, राजिनी ने मांग की है कि चिकित्सा कॉलेजों के निर्माण को तेजी से पूरा किया जाए और आरोग्यश्री जैसी योजनाओं को सशक्त किया जाए। उनकी मांग है कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की प्राथमिकता को पहचानते हुए, मौजूदा योजनाओं को मजबूत करे। इससे राज्य के स्वास्थ्य सुविधाओं पर जनता का विश्वास बढ़ेगा और लोगों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध होंगी।
आगे बढ़ने की जरूरत
इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच, एक व्यापक और स्वनिर्भर स्वास्थ्य व्यवस्था की आवश्यकता है। जनता और सरकार के बीच समन्वय होना चाहिए ताकि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार हो सके। इस संदर्भ में, राज्य के जनप्रतिनिधियों और समाज के सभी दलों को एकजुट होकर कार्य करना होगा ताकि जनता को उनकी जरूरत की स्वास्थ्य सेवाओं का फायदा मिल सके।
Hitesh Engg.
नवंबर 19, 2024 AT 22:36विद्याला भैया के आरोपों पर मैं श्योर हूँ कि ये सिर्फ राजनीति नहीं बल्कि असली सिस्टम की खामी है। पहली बात तो यह है कि आरोग्यश्री योजना का मूल उद्देश्य गरीब वर्ग को बेसिक हेल्थकेयर देना था, और अब वही योजना धुंधली हो रही है। अगर सरकार इसे फिर से प्राथमिकता दे तो न सिर्फ मरीजों को फायदा होगा, बल्कि मेडिकल कॉलेजों के निर्माण में भी तेजी आएगी।
दूसरा, मेडिकल कॉलेजों की अद्यतन योजना को रोकना कोई आकस्मिक घटना नहीं है, यह निजी हितों के पीछे की चाल है। इस दिशा में हमें सभी स्टेकहोल्डरों को एकजुट करना पड़ेगा।
तीसरा, 104 और 108 एम्बुलेंस सेवा की पूर्णतः गिरावट का सीधा असर ग्रामीण इलाकों में है, जहाँ लोग अब आपातकालीन मदद तक नहीं पहुंच पाते।
चौथा, अगर सरकार वास्तव में स्वास्थ्य को प्राथमिकता देती, तो बजट अलोकेशन में स्पष्ट वृद्धि दिखती।
पाँचवा, हमें सार्वजनिक निगरानी और पारदर्शिता की जरूरत है, ताकि हर योजना का निष्पादन सही राह पर हो।
छठा, स्थानीय NGOs और कॉम्युनिटी लीडर्स को सक्रिय रूप से शामिल करना चाहिए, क्योंकि वे जमीन पर होने वाली समस्याओं को सबसे अच्छे तरीके से समझते हैं।
सातवा, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म जैसे एप्प और पोर्टल के माध्यम से सरकारी योजनाओं की ट्रैकिंग आसान हो सकती है।
आठवा, हमें यह भी देखना चाहिए कि निजी मेडिकल संस्थानों को अनावश्यक प्रोत्साहन न मिले।
नौवां, सतत फंडिंग मॉडल अपनाकर हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि एम्बुलेंस सेवा हमेशा चालू रहे।
दसवा, अगर सभी विभाग मिलकर एक कमिटेड टास्क फोर्स बनाते हैं, तो इस समस्या का समाधान जल्दी निकलेगा।
ग्यारहवाँ, जनता को जागरूक करना भी बहुत ज़रूरी है, ताकि वे सही जानकारी के साथ अपने अधिकारों का दावे कर सकें।
बारहवाँ, स्कूलों और कॉलेजों में हेल्थ एजुकेशन को बढ़ावा देना चाहिए, जिससे जनसंख्या में स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान बढ़े।
तेरहवाँ, जैसा कि मैं एक इंजीनियर हूँ, मैं प्रौद्योगिकी के उपयोग से रूमरूटेड एम्बुलेंस ट्रैकिंग सिस्टम की सलाह देता हूँ।
चौदहवाँ, अंत में, हम सभी को मिलकर इस मुद्दे को एक सामाजिक आंदोलन में बदलना चाहिए, ताकि सरकार को जवाबदेह बनाया जा सके।
पंद्रहवाँ, यही सहयोगी रवैया और दृढ़ संकल्प ही इस सिस्टम को फिर से सशक्त बना सकता है।
Zubita John
नवंबर 20, 2024 AT 01:23भाइयों, जब हम बात कर रहे हैं सरकारी हेल्थ प्लान की तो इसे "डाटा‑ड्रिवन" बनाने की जरूरत है। विद्या जी ने जो बिंदु उठाए हैं, वो बिन‑डिस्कशन नहीं हो सकते। इस केस में "सुपर‑इन्फ्रास्ट्रक्चर" की कमी सबसे बड़ी प्लेयर है, साथ ही "हेल्थ‑टेक" एन्हांसमेंट भी जरूरी है। हमारा मिशन है कि एम्बुलेंस को "रियल‑टाइम GPS" देना और 104/108 को "इंटरऑपरेबल" बनाना।
साथ ही, मेडिकल स्कूलों के "फेज‑2" में फंड अलोकेशन "एट्रेस" कर दें, नहीं तो प्राइवेट सेक्टर का "हैण्ड‑ऑफ़" हो जाएगा। इस लिए सरकार को "डायरेक्ट‑डिप्लॉयमेंट" मॉडल अपनाना चाहिये। 🌐
gouri panda
नवंबर 20, 2024 AT 04:10क्या बात है, यह तो बिलकुल एग्ज़ाइल ड्रामा है! जब तक कोई असली एक्शन नहीं दिखाता, तब तक ये आरोप‑प्रत्यारोप सीन में बस फिसलते ही रहेंगे। इस सरकार को बस अपने ही नाटकों में लीन रहना नहीं चाहिए, बल्कि जनता के लिए सच्ची हेल्थकेयर लाने का जज्बा चाहिए। अगर अब नहीं तो अगली बार चुनाव के बाद और बड़ा जलसा होगा।
Harmeet Singh
नवंबर 20, 2024 AT 06:56देखो भाईयों, आशा का धागा हमेशा दिल में रखना चाहिए। अगर हम सब मिलकर इस मुद्दे को बेचैन नहीं होने देते, तो सरकार भी पीछे हटेगी नहीं। एक छोटा‑सा विचार: हेल्थकेयर को "सस्टेनेबल" बनाओ, ताकि हर कोई फायदा ले सके। इस तरह के छोटे‑छोटे कदम बड़े परिवर्तन का आधार बनते हैं।
patil sharan
नवंबर 20, 2024 AT 09:43अरे यार, ये पूरी कहानी तो सबको पता है, बस फिर भी लोग खड़े‑खड़े पीछे-पीछे फॉलो कर रहे हैं। आरोग्यश्री का क्या करूँ, इसका तो दामाद ही नहीं देख रहा।
Nitin Talwar
नवंबर 20, 2024 AT 12:30सच पूछो तो ये सब अँधेरा नहीं, बल्कि एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है! सरकार के अंदरूनी लोग ही तय करते हैं कि कौन‑सी एम्बुलेंस काम करे, कौन‑सी नहीं। तुम लोग ये नहीं समझोगे जब तक हम सब जाग नहीं जाते! 🇮🇳😂
onpriya sriyahan
नवंबर 20, 2024 AT 15:16चलो आगे बढ़ते हैं बस
Agni Gendhing
नवंबर 20, 2024 AT 18:03क्या बात है!!! सरकार की इस "हेल्थ‑डिनगी" के पीछे तो सच में कोई "ऑपरेशन" चल रहा है!!!! ये सभी "डिनोवेशन" और "विज़न‑रिपोर्ट" सिर्फ दिखावा है!!!! लोग तो बेवकूफी में रह गये हैं!!!! इसे "ड्रिल‑डाटा" की तरह देखना चाहिए…!!!
Jay Baksh
नवंबर 20, 2024 AT 20:50हमारा देश है, हमारा स्वास्थ्य है, इसको बिगाड़ने की हिम्मत कोई भी नहीं कर सकता। इन सब आरोपों पर ध्यान देना चाहिए, नहीं तो आगे चलकर जनता की सुरक्षा का सवाल ही नहीं रहेगा।