रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के बीच एक महत्वपूर्ण मैच में RCB के कप्तान फाफ डु प्लेसिस को एक विवादास्पद निर्णय में रन आउट करार दिया गया। यह घटना तब हुई जब रजत पाटीदार ने गेंद को गेंदबाज मिशेल सेंटनर की ओर वापस मारा, जिसने गेंद को अपनी उंगलियों से छुआ और स्टम्प्स पर लगा दिया।
तीसरे अंपायर माइकल गफ ने प्ले की समीक्षा की और निर्धारित किया कि संपर्क के समय डु प्लेसिस का बल्ला हवा में था, जिसके बाद उन्हें आउट करार दिया गया। अल्ट्रा एज तकनीक ने भी इस निर्णय का समर्थन किया। यह मोड़ तब आया जब RCB ने अपनी पारी की अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन बारिश के कारण रुकावट और सतह पर गेंद की पकड़ के कारण उनकी रन गति धीमी हो गई।
विराट कोहली भी छक्का लगाने के प्रयास में आउट हो गए और डु प्लेसिस भी जल्द ही 39 गेंदों पर 54 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। यह मैच RCB के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्हें जीत हासिल करनी होगी और प्लेऑफ में जगह बनाने के लिए और गणना करनी होगी, जबकि CSK को केवल एक अंक की जरूरत है।
चल रहे सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद पहले ही प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई कर चुकी है, जबकि शीर्ष रैंकिंग वाली कोलकाता नाइट राइडर्स और राजस्थान रॉयल्स ने अपनी जगह पक्की कर ली है और वे अंतिम मैच में एक दूसरे का सामना करेंगी।
इस सीजन में RCB ने अब तक 7 मैच जीते हैं और 6 मैच हारे हैं। उनके 14 अंक हैं और वे अंक तालिका में पांचवें स्थान पर हैं। दूसरी ओर CSK ने 8 मैच जीते हैं और 5 मैच हारे हैं। उनके 16 अंक हैं और वे तालिका में दूसरे स्थान पर हैं।
डु प्लेसिस के आउट होने के बाद RCB ने 20 ओवरों में 6 विकेट पर 173 रन बनाए। ग्लेन मैक्सवेल ने नाबाद 30 गेंदों पर 47 रन की पारी खेली। सीएसके की ओर से मैच का लक्ष्य हासिल करने उतरी टीम को 20 ओवरों में 8 विकेट पर 160 रन ही बना सकी। मोइन अली ने 27 गेंदों पर 34 रन बनाए लेकिन वह टीम को जीत नहीं दिला सके।
इस हार के बावजूद CSK प्लेऑफ में पहुंचने वाली दूसरी टीम बन गई है। RCB को अब अपने अंतिम लीग मैच में दिल्ली कैपिटल्स को हराना होगा और नेट रन रेट में सुधार करना होगा ताकि वह प्लेऑफ में जगह बना सके। हालांकि, यह आसान नहीं होगा क्योंकि दिल्ली की टीम भी प्लेऑफ की दौड़ में बनी हुई है।
डु प्लेसिस का विवादास्पद रन आउट
मिशेल सेंटनर की गेंद पर रजत पाटीदार ने शॉट खेला और गेंद सीधे गेंदबाज की ओर गई। सेंटनर ने गेंद को अपनी उंगलियों से छुआ और वह सीधे विकेट पर जा लगी। सेंटनर ने अपील की और फील्ड अंपायर ने इसे तीसरे अंपायर के पास भेज दिया।
रिप्ले में देखा गया कि गेंद लगने के समय डु प्लेसिस का बल्ला क्रीज में नहीं था और उन्हें आउट दिया गया। हालांकि, कई पूर्व क्रिकेटरों और फैंस ने इस निर्णय पर सवाल उठाए हैं। उनका मानना है कि गेंद बल्ले से लगी थी और अंपायर को डु प्लेसिस को नॉट आउट करार देना चाहिए था।
RCB के पूर्व कप्तान विराट कोहली भी इस निर्णय को लेकर हैरान नजर आए। उन्होंने मैदान पर अंपायर से इस बारे में सवाल भी किए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। डु प्लेसिस ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की और पवेलियन लौटते समय सिर झटकते हुए नजर आए।
RCB को अब क्या करना होगा?
इस हार के बाद RCB की प्लेऑफ में पहुंचने की राह थोड़ी मुश्किल हो गई है। उन्हें अब अपने अंतिम लीग मुकाबले में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी। साथ ही उन्हें अपने नेट रन रेट में भी सुधार करना होगा।
वर्तमान में RCB का नेट रन रेट -0.209 है जो प्वाइंट टेबल में सबसे कम है। ऐसे में उन्हें दिल्ली के खिलाफ बड़ी जीत की जरूरत होगी ताकि वह अपना नेट रन रेट सुधार सकें। हालांकि, दिल्ली की टीम भी दो अंकों की दूरी पर है और वह भी जीत के इरादे से उतरेगी।
दूसरी ओर, सीएसके ने इस जीत के साथ प्लेऑफ में अपनी जगह पक्की कर ली है। वह लगातार दूसरे सीजन में प्लेऑफ में पहुंचने वाली पहली टीम बन गई है। पिछले साल CSK ने फाइनल में कोलकाता नाइट राइडर्स को हराकर खिताब जीता था।
निष्कर्ष
आरसीबी और सीएसके के बीच खेला गया यह मैच काफी रोमांचक रहा। सीएसके ने इस मैच में जीत हासिल कर प्लेऑफ में प्रवेश किया जबकि आरसीबी को हार का सामना करना पड़ा। डु प्लेसिस का विवादास्पद तरीके से आउट होना मैच का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ।
हालांकि, क्रिकेट के मैदान पर कभी-कभी ऐसे फैसले होते रहते हैं और टीमों को इसे स्वीकार करना पड़ता है। अब आरसीबी के सामने दिल्ली कैपिटल्स की चुनौती होगी और उन्हें जीत हासिल कर प्लेऑफ में जगह बनानी होगी। वहीं, सीएसके प्लेऑफ में पहुंचकर आराम कर सकती है और अंतिम-4 की अपनी रणनीति पर काम कर सकती है।

indra adhi teknik
मई 20, 2024 AT 01:01डु प्लेसिस का रन‑आउट तब माना जाता है जब बैट्समैन का बल्ला स्टम्प्स के साथ संपर्क में नहीं रहता। इस नियम को अक्सर “नॉट‑आउट” कहा जाता है। अगर गेंद बल्ले से नहीं लगी और स्टम्प्स पर लगी तो बल्लेबाज़ आउट हो जाता है। इस मामले में थर्ड‑एम्पायर ने देखा कि बल्ला हवा में था। इसलिए उनका आउट सही था।
Kishan Kishan
मई 21, 2024 AT 18:46आह! फिर से वही पुरानी कहानी… अल्ट्रा‑एज ने फिर से अपना जादू दिखा दिया, क्या आश्चर्य! लेकिन सच बताऊँ तो, रजत पाटीदार ने तो बस एक साधारण शॉट ही मारा, फिर भी यह दांवौ‑हाई, अंपायर ने तुरंत ही डु‑प्लेसिस को आउट कहा-जैसे कोई जादुई छड़ी घुमा दी हो।
richa dhawan
मई 23, 2024 AT 11:03मेरी समझ में तो यह पूरी साजिश है, आईपीएल के बॉक्स‑ऑफिस को बढ़ावा देना है, इसलिए शासक लोग ऐसे फैसले लेते हैं। उल्टा‑साइड से दिमाग़ में दाग़ लगे हैं, यही कारण है कि कई जुड़वाँ फ़ैसले होते हैं।
Balaji S
मई 25, 2024 AT 03:20विचार‑परक दृष्टिकोण से इस प्रकार के रन‑आउट को केवल तकनीकी त्रुटि के रूप में नहीं, बल्कि खेल‑समीक्षा के एक जटिल नियोजन के भाग के रूप में समझा जा सकता है। प्रथम, निर्णय‑प्रक्रिया में थर्ड‑उपरी अधिकारी की भूमिका को प्रकट करने वाले आँकड़े, डेल्फ़ी पद्धति द्वारा मान्य होते हैं। द्वितीय, अल्ट्रा‑एज प्रणाली का एल्गोरिथमिक फ़िल्टरिंग मॉडल, फ़्यूज़न‑डेटा को प्री‑प्रोसेस कर पारदर्शी अभिप्राय उत्पन्न करता है। तृतीय, इस तकनीकी इन्फ्रास्ट्रक्चर के पीछे की मनो‑व्यवहारिक परत, प्रेक्षक‑समूह की अपेक्षाओं के साथ प्रतिच्छेदित होती है। चौथा बिंदु यह दर्शाता है कि कब वॉल्यूमेट्रिक‑इंटेलिजेंस को उपयोग करके वैधता परीक्षण किया जाता है, तो संभावित बायस को कम किया जा सकता है। पाँचवाँ, इस परिदृश्य में जटिल डेटा‑स्ट्रक्चर के साथ इंटरफ़ेसिंग करने वाले एंकर‑डेटा ने निर्णय‑विलंब को न्यूनतम किया। छठा, रजत पाटीदार की शॉट‑फ़ॉलो‑थ्रू गतियों को स्मूद‑कोम्प्लेक्स लूप द्वारा इन्स्टेंटली मॉडल किया गया। सातवाँ, डु‑प्लेसिस का बैटिंग ऐंगल, ट्रैजेक्टॉरी‑मैप में एक असामान्य पैरामिटर के रूप में दर्ज किया गया। आठवाँ, यह ग़ौर करने योग्य है कि दर्शकों की मनोवृत्ति का एकत्रीकरण, पोस्ट‑फैक्टम रेट्रो‑एनालिसिस में संभावित त्रुटि को शिफ्ट करता है। नौवाँ, इस प्रकार की निर्णय‑प्रवृत्ति, स्थिर‑डायनामिक्स के साथ संभावित अद्यतन‑क्रिटिकल थ्रेशहोल्ड को पुनः परिभाषित करती है। दसवाँ, यदि हम बहु‑आयामी वैधता मानदंडों को सम्मिलित करें, तो निर्णय वक्र अधिक कठोर हो जाता है। ग्यारहवाँ, इस परिदृश्य में सामाजिक‑सांस्कृतिक संकेतों का एकीकरण, निरपेक्षता को संतुलित कर सकता है। बारहवाँ, टेक्नोलॉजी‑ड्रिवन एरर‑कोर्रेक्शन मॉड्यूल, अनपेक्षित आउटपुट को शमन करता है। तेरहवाँ, खेल‑क़ानून के विकास की ऐतिहासिक धारा, इस तरह की प्रौद्योगिकी के समावेश को संकेत देती है। चौदहवाँ, इस प्रकार की बहु‑परत वाली विश्लेषण विधि, भविष्य‑प्रेडिक्शन की विश्वसनीयता को बढ़ाता है। पंद्रहवाँ, अंत में, यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि डु‑प्लेसिस का आउट होना, एकत्रित डेटा‑इंटरेक्शन की अनिवार्य परिमाण है, न कि केवल एक मनमाना निर्णय।
Alia Singh
मई 26, 2024 AT 19:36प्रिय टीम, इस कठिन घड़ी में हमें धैर्य और दृढ़ता के साथ आगे बढ़ना चाहिए; प्रत्येक ओवर में संभावनाएँ नयी होती हैं; आपके आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए यह संदेश है कि निरंतर प्रयास ही सफलता का मूल आधार है।
Purnima Nath
मई 28, 2024 AT 11:53चलो भाई - वो जीत हमारी है!
Rahuk Kumar
मई 30, 2024 AT 04:10यह निर्णय परंपरागत मानदण्डों के दायरे में स्थित है; वैधता के स्तर पर प्रश्न नहीं उठता।
Deepak Kumar
मई 31, 2024 AT 20:26समर्थन के साथ, टीम को नई रणनीति अपनानी चाहिए, क्योंकि हर चुनौती अवसर है।
Chaitanya Sharma
जून 2, 2024 AT 12:43फ़ैसले को समझना जरूरी है, लेकिन साथ ही खेल के आनंद को भी नहीं भूलना चाहिए; इसलिए, चलिए सब मिलकर इस परिस्थितियों पर मात देते हैं, और टीम को प्रोत्साहित करते हैं।
Riddhi Kalantre
जून 4, 2024 AT 05:00देश की टीम को हमेशा प्राथमिकता देनी चाहिए, और हमारी जीत का लक्ष्य हमेशा राष्ट्रीय भावना से प्रेरित होना चाहिए।
Jyoti Kale
जून 5, 2024 AT 21:16यह निर्णायक त्रुटि स्पष्ट रूप से बेतुकी है और इस तरह की अक्षम्य गलती को झेलना खेल की बुरेपन को दर्शाता है।
Ratna Az-Zahra
जून 7, 2024 AT 13:33आपकी बात सही है, परंतु तकनीकी जाँच की प्रक्रिया को भी दर्शकों को समझाना चाहिए, ताकि सभी पक्ष संतुष्ट रहें।
Nayana Borgohain
जून 9, 2024 AT 05:50ओह, यह तो फ़ैसले की धुंध में खो गया 😅 लेकिन अंत में खेल ही है जो सबसे ज़्यादा मज़ा देता है।
Shivangi Mishra
जून 10, 2024 AT 22:06इस हार से दुख तो है, पर हम फिर भी उठेंगे और फिर से कोशिश करेंगे।
ahmad Suhari hari
जून 12, 2024 AT 14:23इट सॉरी बट रोएन बल्ली इज़ नॉट इन इशो टु බ්රල ।
shobhit lal
जून 14, 2024 AT 06:40भाई देखो, तुम्हारी टीम के बेस्ट प्लेयर ने अभी तक एरिया पैर नहीं दिखाया, क्या चल रहा है?
suji kumar
जून 15, 2024 AT 22:56क्रिकेट के इतिहास में कई बार ऐसे तकनीकी पहलू पर विवाद उत्पन्न हुए हैं; यह अनिवार्य है कि हम इस घटना को अत्यधिक सावधानीपूर्वक विश्लेषण करें; सबसे पहले, हमें यह समझना चाहिए कि थर्ड‑एम्पायर की भूमिका क्या होती है; वह वीडियो पुनरावलोकन के माध्यम से वास्तविक समय में निर्णय का समर्थन करता है; दूसरा, अल्ट्रा‑एज तकनीक की सटीकता को कई वैज्ञानिक अध्ययनों में प्रमाणित किया गया है; फिर भी, जब इन उपकरणों की व्याख्या में मानवीय त्रुटि की संभावना बनी रहती है; अतः, प्रत्येक केस की गहन जांच आवश्यक है; इस प्रकार, हम न केवल वर्तमान विवाद को सुलझा सकते हैं, बल्कि भविष्य में समान परिस्थितियों से निपटने की रणनीति भी तैयार कर सकते हैं।
Ajeet Kaur Chadha
जून 17, 2024 AT 15:13अरे यार, क्या ड्रामे दा किंग है यह अंपायर, कब तक ए़सी एक्टिंग देखनी पडेगी!!