के द्वारा प्रकाशित किया गया Vivek Bandhopadhyay    पर 23 मई 2024    टिप्पणि (0)

Turbo मूवी रिव्यू: Mammootty का दमदार अभिनय और टेक्निकल अपारिपक्वता

Turbo: एक दृश्यात्मक अनुभव

Turbo, Vysakh के निर्देशन में बनी इस फिल्म की समीक्षा करते हुए मैं यह कहना चाहूंगा कि कहानी में नयापन और पात्रों की गहराई की कमी है, लेकिन फिल्म के तकनीकी पहलुओं की बदौलत यह देखने लायक बन जाती है। फिल्म की शुरुआत होती है एक त्रासद घटना से, जब तमिलनाडु में एक जोड़े की निर्मम हत्या कर दी जाती है। इस घटना के बाद कहानी का ध्यान Idukki, केरल में स्थित Jose Aruvippurath पर परिवर्तित हो जाता है।

Mammootty का दमदार अभिनय

Mammootty ने Jose Aruvippurath का किरदार बखूबी निभाया है, जो एक शांत, मृदुभाषी और आज्ञाकारी मध्यवर्गीय व्यक्ति से बदल कर 'Turbo Jose' बन जाता है जब मुसीबत की घड़ी आती है। उनकी दमदार शारीरिक और भावनात्मक प्रस्तुति फिल्म के सबसे महत्वपूर्ण पहलू हैं।

फिल्म की कमजोर लिखावट

फिल्म की कमजोर लिखावट

Turbo की लिखावट में अत्यंत कमजोरियां नजर आती हैं। फिल्म कॉमेडी, ड्रामा और एक्शन का सही संतुलन नहीं बना पाई है। कथानक में कई जगह हास्यप्रद पहलुओं की कमजोरी साफ झलकती है, जिससे फिल्म की लय टूटती है और दर्शकों का ध्यान भटकता है। इसके अलावा, फिल्म के कई दृश्य और संवाद आकस्मिक और अपरिष्कृत लगते हैं।

तकनीकी उत्कृष्टता

हालांकि, Turbo फिल्म के अन्य तकनीकी पहलू बेहद प्रभावशाली हैं। Phoenix Prabhu का एक्शन कोरियोग्राफी दर्शनीय है और यह फिल्म की मुख्य आकर्षण है। जिस प्रकार से एक्शन सीक्वेंस को अंजाम दिया गया है, वह अनूठा और तकनीकी दृष्टिकोण से अत्यंत संतोषजनक है। Vishnu Sarma की सिनेमाटोग्राफी और Shameer Muhammed की संपादन कला ने भी फिल्म को एक तकनीकी उत्कृष्टता का रूप दिया है।

अन्य पात्र और उनकी भूमिकाएं

अन्य पात्र और उनकी भूमिकाएं

फिल्म में Raj B Shetty ने Vetrivel नामक विलेन का किरदार निभाया है, जिसे देख कर दर्शक अवश्य प्रभावित होंगे। Bindu Panicker ने भी अपने किरदार में जान डाल दी है। लेकिन, अफसोस की बात यह है कि Anjana Jayaprakash और Sunil के पात्र आलोच्य नजर आते हैं। उनके किरदारों में गहराई का अभाव है, जिससे उनके प्रस्तुतिकरण में कमी नजर आती है।

संतुलन की कमी

फिल्म में कॉमेडी, मास एक्शन और ड्रामा का सही संतुलन नहीं है। यह असंतुलन फिल्म की गति और प्रभावोत्पादकता को कमजोर करता है। पात्रों की गहराई और कहानी की कसावट में कमी के कारण यह फिल्म अपने संभावित प्रभाव को पूरी तरह से नहीं पहुंचा पाती।

फिर भी, Mammootty का उत्कृष्ट प्रदर्शन और तकनीकी पक्षों की उत्कृष्टता फिल्म को एक बार अवश्य देखने लायक बनाते हैं। Turbo में जिसने भी अपनी मेहनत और प्रयास डाले हैं, उसके लिए यह समीक्षा एक प्रशंसा का पैगाम देती है।

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