के द्वारा प्रकाशित किया गया Vivek Bandhopadhyay पर 10 जून 2024 टिप्पणि (0)
तेलंगाना के बीजेपी नेताओं की नई जिम्मेदारी
तेलंगाना राज्य से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दो प्रमुख नेता, ग किशन रेड्डी और बंदी संजय कुमार, अब नई ऊंचाइयों पर पहुंचने जा रहे हैं। ये दोनों नेता नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ लेने को तैयार हैं और ऐसा माना जा रहा है कि इससे बीजेपी को राज्य में काफी मजबूती मिलेगी।
किशन रेड्डी, जो वर्तमान में तेलंगाना बीजेपी के अध्यक्ष हैं, पिछले कुछ सालों में पार्टी की प्रबलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने इससे पहले पर्यटन, संस्कृति और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के मंत्रालय को संभाला था। इसके अलावा, उन्हें 2019 से 2021 तक गृह राज्य मंत्री के पद पर भी देखा गया था। सूत्रों के अनुसार, किशन रेड्डी को एक बार फिर से कैबिनेट रैंक मिल सकता है।
किशन रेड्डी का जीवन और राजनीतिक सफर
तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले के थिम्मापुर गांव में जन्मे किशन रेड्डी ने टूल डिज़ाइन में डिप्लोमा प्राप्त किया है। वे अपने विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हैं और भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) में विभिन्न प्रमुख पदों पर रह चुके हैं। उन्होंने तीन बार विधायक और दो बार सांसद के रूप में चुनाव जीता है। उनकी यह राजनीतिक यात्रा उन्हें एक मजबूत और प्रभावी नेता के रूप में स्थापित करती है।
बंदी संजय का राजनीतिक उदय
करीमनगर से सांसद बंदी संजय का राजनीतिक सफर भी कम रोचक नहीं है। अपने शुरुआती किशोरावस्था में ही उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की सदस्यता ग्रहण की और वहीं से उनका राजनीतिक करियर शुरू हुआ। कॉलेज के समय से ही उन्होंने राजनीति में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। वर्ष 2005 में बंदी संजय करीमनगर नगर निगम के कॉर्पोरेटर बने।
हालांकि, वे 2014 और 2018 में विधानसभा चुनावों में हार गए, लेकिन 2019 में उन्हे करीमनगर लोकसभा सीट पर जीत हासिल हुई। इसके बाद उन्हें 2020 में भाजपा का राज्य अध्यक्ष नियुक्त किया गया। हालांकि, जुलाई पिछले साल उन्हें इस पद से हटा दिया गया और उनके स्थान पर किशन रेड्डी को नियुक्त किया गया।
बीजेपी के विस्तार में योगदान
किशन रेड्डी और बंदी संजय ने मिलकर पिछले दस वर्षों में तेलंगाना में भाजपा के विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इनके नेतृत्व में पार्टी ने राज्य में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं और तेलंगाना में अपनी पकड़ बढ़ाई है। इसके बावजूद इन दोनों नेताओं ने अपने विभा दिशा और पार्टी के उद्देश्यों को लेकर कभी कोई संघर्ष नहीं किया।
आशाएं और संभावनाएं
तेलंगाना में भाजपा के लिए इन दोनों नेताओं की नियुक्ति एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही, यह नियुक्ति राज्य की राजनीतिक ध्रुवीकरण को भी प्रभावित कर सकती है। राज्य में आगामी चुनावों में भाजपा के लिए यह निर्णय एक सकारात्मक फैलाव के रूप में देखा जा रहा है।
अब देखना यह है कि किशन रेड्डी और बंदी संजय अपने नए जिम्मेदारियों को कैसे निभाते हैं और क्या वे अपने समर्थकों की उम्मीदों पर खरे उतर पाते हैं। निश्चित रूप से, इन दोनों नेताओं की नियुक्ति से भाजपा को तेलंगाना में और मजबूती मिलेगी और पार्टी के लिए नए अवसर खुलेंगे।