के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth पर 26 सित॰ 2025 टिप्पणि (0)

केंद्रीय भवन डिरेक्टरेट (CBDT) ने हालिया घोषणा के तहत टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की डेडलाइन को 31 अक्टूबर 2025 कर दिया। यह निर्णय सभी करदाताओं पर समान रूप से लागू होगा, लेकिन विशेष रूप से उन क्षेत्रों की ज़रूरत को देखते हुए लिया गया है जहाँ आर्थिक पुनर्गठन और माहौल में बदलाव ने रिपोर्टिंग को मुश्किल बना दिया था।
अग्रा में दायर मांगें और उनका संदर्भ
अग्रा के कई व्यापार इकाइयों ने पहले ही अपने प्रतिनिधियों को इस मुद्दे पर CBDT के समक्ष प्रस्तुत किया था। उन्होंने बताया कि 2023‑24 वित्तीय वर्ष में जारी हुई वित्तीय अनिश्चितताएँ, मुद्रास्फीति के उच्च स्तर और अस्थायी बंदियों ने कई छोटे और मध्यम उद्यमियों को समय पर ऑडिट पूरी करने से रोक दिया। इन स्थितियों को देखते हुए, उन्होंने डेडलाइन को 2025 के अंत तक बढ़ाने की माँग की।
- उद्यमियों का कहना है कि मौजूदा डेडलाइन में देर से शुरू हुई ऑडिट प्रक्रिया के कारण दंड का जोखिम बढ़ गया है।
- व्यापार संघों ने सुझाव दिया कि अतिरिक्त समय से लेखा‑जाँच के मानकों में सुधार होगा और कर चोरी का पता लगाने में अधिक सटीकता आएगी।
- स्थानीय वाणिज्य मंडल ने यह भी जोड़ा कि विस्तार से अपग्रेडेड सॉफ़्टवेयर और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए फंड भी उपलब्ध हो सकेगा।
CBDT के विस्तार के प्रमुख बिंदु
CBDT ने विस्तार के कुछ शर्तें भी तय की हैं। नई डेडलाइन के तहत, सभी टैक्सपेयर्स को अपनी ऑडिट प्रक्रिया को 1 जुलाई 2025 से शुरू करना होगा, ताकि अंतिम जमा 31 अक्टूबर तक पूरा हो सके। इसके अलावा, उन कंपनियों को अतिरिक्त रियायतें मिलेंगी जो पहले से ही ड्राफ्ट ऑडिट रिपोर्ट तैयार कर चुकी हैं, उन्हें संशोधित करके समयसीमा में जमा किया जा सकता है।
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से न केवल व्यापारियों को राहत मिलेगी, बल्कि सरकार को भी टैक्स रिवेन्यू में स्थिरता बनी रहेगी। कई उद्योग विश्लेषकों ने कहा कि यदि इस नीति को सही ढंग से लागू किया गया, तो अगले दो साल में टैक्स अनुपालन दर में 5‑7% की वृद्धि देखी जा सकती है।