विजयदशमी यानी दशहरा हर साल जीत का त्योहार मानकर मनाया जाता है। कुछ जगहों पर यह भगवान राम की रावण पर जीत की याद दिलाता है, तो कई जगहों पर यह माँ दुर्गा की महिषासुर पर विजय का प्रतीक है। अगर आप इस बार त्योहार घर पर या किसी कार्यक्रम में मनाने वाले हैं, तो ये पक्के, आसान और काम आने वाले सुझाव पढ़िए।
विजयदशमी आम तौर पर आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी को आती है — यानी सितंबर या अक्टूबर के बीच। तिथि हर साल पंचांग के अनुसार बदलती है, इसलिए सही मुहूर्त के लिए स्थानीय पंडित या ऑनलाइन पंचांग देखें।
उत्तरी भारत में यह रामलीला और रावण दहन से जुड़ा होता है। पूर्वी भारत में यह दुर्गा पूजा का अंतिम दिन होता है जब माता का विसर्जन होता है और लोग नए आरम्भ का संदेश लेते हैं। दोनों परंपराओं का मूल संदेश एक‑सी है: बुराई पर अच्छाई की जीत।
चाहे आप छोटी पूजा कर रहे हों या सार्वजनिक आयोजन में हिस्सा ले रहे हों, कुछ बेसिक बातों का ध्यान रखें—
पर्यावरण और सामग्री: मिट्टी या कागज की मूर्तियाँ चुनें। प्लास्टिक और पॉलिथीन से बनी सामग्री जलने पर जहरीली गैसें छोड़ती हैं। अगर रावण दहन करना है तो पुख्ता ईको‑फ्रेंडली डिज़ाइन लें।
सुरक्षा: आग संभालते समय बाल-बच्चों को दूर रखें। आग बुझाने के लिए पानी की बाल्टी और अग्निशमन किट पास रखें। सार्वजनिक आयोजनों में आयोजक से फायर परमिशन और निकासी योजना (evacuation plan) पूछें।
यातायात व समय: भीड़ और ट्रैफिक का ख्याल रखें। अपने मोबाइल में लोकेशन शेयर रखें और जल्दी आने-जाने की योजना बनाएं। रात के कार्यक्रमों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट ही बेहतर विकल्प है।
संस्कृति और शिष्टाचार: भरोसा रखें कि पूजा समय पर समाप्त हो। आसपास के लोगों के आराम का ख्याल रखें — जोरदार संगीत और पटाखों से बचें। अगर आप तस्वीरें ले रहे हैं तो दूसरों की सहमति लें।
दान और सेवा: त्योहार पर जरूरतमंदों को भोजन या कपड़े देने से सामाजिक जुड़ाव बढ़ता है। कई समुदाय संग्रह के जरिये जरूरतमंदों की मदद करते हैं — आप भी शामिल हो सकते हैं।
प्रेम वशीकरण न्यूज़ पर आप विजयदशमी से जुड़ी ताज़ा खबरें, आयोजन अपडेट और स्थानीय सुरक्षा निर्देश टैग 'विजयदशमी' में देख सकते हैं। इस टैग पेज पर त्योहार से जुड़ी जानकारी और समाचार मिलते रहते हैं ताकि आप को सही समय पर अपडेट मिल सके।
आप इस बार कैसे मनाने की सोच रहे हैं? पारिवारिक पूजा, सार्वजनिक रावण दहन या शांत‑स्वरूप आत्मचिंतन — हर तरीका अपना अर्थ रखता है। सुरक्षित और जिम्मेदार तरीके से मनाइए ताकि त्योहार का असली संदेश सब तक पहुंचे।
Posted By Krishna Prasanth पर 8 अक्तू॰ 2024 टिप्पणि (14)
सरस्वती पूजा और विजयदशमी हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण पर्व हैं, जो भारतीय संस्कृति में ज्ञान और बुराई पर विजय के प्रतीक हैं। सरस्वती पूजा विशेष रूप से ज्ञान की देवी सरस्वती की आराधना का दिन होता है, जबकि विजयदशमी भगवान राम के रावण पर विजय का उत्सव है। यह पर्व तामिलनाडु और कर्नाटक सहित भारत के विभिन्न राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
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