स्टॉक स्प्लिट क्या है और क्यों आता है?

किसी कंपनी का स्टॉक स्प्लिट मतलब कंपनी अपने एक शेयर को कई हिस्सों में बांट देती है। उदाहरण: 1:5 स्प्लिट में आपकी एक शेयर अब पांच हो जाएगी और हर शेयर की कीमत लगभग पाँचवीं हो जाएगी। कुल निवेश का मूल्य बदलता नहीं — बस शेयरों की संख्या और प्रति शेयर का भाव बदलता है।

कंपनियाँ यह इसलिए करती हैं ताकि शेयर की कीमत निवेशकों के लिए आसानी से सुलभ दिखे, ट्रेडिंग में लिक्विडिटी बढ़े और छोटी-छोटी निवेश राशि से भागीदारी बढ़े। कभी-कभी स्टॉक स्प्लिट का ऐलान कंपनी के अच्छे प्रदर्शन या भविष्य के भरोसे का संकेत भी माना जाता है, पर हर बार ऐसा जरूरी नहीं होता।

स्टॉक स्प्लिट का निवेशक पर असर

स्प्लिट से मार्केट कैप नहीं बदलता। EPS और कंपनी की मूल आर्थिक स्थिति भी वही रहती है। पर मनोवैज्ञानिक असर बड़ा हो सकता है—नीची कीमत देखने पर नए निवेशक आकर्षित होते हैं और ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ सकता है।

कुच्छ खास बातें याद रखें: (1) स्प्लिट खुद टैक्सेबल इवेंट नहीं है। (2) प्रति शेयर लागत (cost basis) को नए शेयरों पर बांटा जाता है, इसलिए कैपिटल गेन्स निकास उसी बाद हिसाब से होता है। (3) लॉंग टर्म वैल्यू कंपनी के फंडामेंटल पर निर्भर करती है, सिर्फ स्प्लिट से वैल्यू नहीं बढ़ती।

क्या करें—एक छोटा चेकलिस्ट

1) वजह जानें: कंपनी ने स्प्लिट क्यों किया? सिर्फ कीमत कम दिखाने के लिए या बिजनेस में असल सुधार के चलते? रिपोर्ट और मैनेजमेंट बयान पढ़ें।

2) वॉल्यूम देखें: स्प्लिट के बाद ट्रेडिंग वॉल्यूम क्यों बढ़ रहा है—क्या यह प्राकृतिक ब्याज है या एक-दो दिनों का शॉर्ट-टर्म हाइप? बड़े वॉल्यूम के साथ भी सावधानी रखें।

3) प्रमोटर और बड़ी धारक गतिविधि: क्या प्रमोटर या अनलॉक के चलते शेयर रिलीज़ हो रहे हैं? बड़ी सेलिंग नकारात्मक संकेत है।

4) फंडामेंटल चेक: रेवेन्यू, प्रॉफिट, कर्ज और उपभोक्ता-फीडबैक—ये सब वही रहेंगे जो मायने रखते हैं।

5) रिवर्स स्प्लिट से सावधान रहें: अगर कंपनी शेयर जोड़कर कीमत बढ़ा रही है, यह कमजोरी का संकेत हो सकता है।

उदाहरण के तौर पर: अगर आपके पास 100 शेयर हैं और कंपनी 1:5 स्प्लिट करती है, तो अब आपके पास 500 शेयर होंगे। अगर पुराना भाव ₹500 था, नया भाव ~₹100 होगा। आपकी कुल रकम वही रहेगी, बस शेयर बढ़ गए।

अगर आप टैक्स या एलो케शन के बारे में पक्का तय करना चाहते हैं तो अपने टैक्स कंसल्टेंट से बात करें—कांसेप्ट सरल है पर नियम में बारीकियाँ हो सकती हैं।

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वरुण बेवरेजेस: शेयरधारकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्टॉक स्प्लिट की पुरानी नीति

Posted By Krishna Prasanth    पर 30 जुल॰ 2024    टिप्पणि (0)

वरुण बेवरेजेस: शेयरधारकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्टॉक स्प्लिट की पुरानी नीति

वरुण बेवरेजेस लिमिटेड ने 30 जुलाई 2024 को अपने तिमाही परिणामों के साथ स्टॉक स्प्लिट की घोषणा की। कंपनी ने ₹5 के फेस वैल्यू वाले एक शेयर को ₹2 के फेस वैल्यू वाले शेयरों में विभाजित करने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, कंपनी ने ₹1.25 प्रति इक्विटी शेयर का अंतरिम डिविडेंड भी घोषित किया है। यह स्टॉक स्प्लिट इक्विटी शेयरधारकों की स्वीकृति पर निर्भर है।

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