प्रशांत किशोर का नाम भारतीय राजनीति में रणनीतिक सोच और प्रचार की नई तकनीकों के लिए जाना जाता है। वे एक राजनीतिक सलाहकार हैं और I-PAC जैसी संस्थाओं से जुड़े रहे हैं। उनके कदम अक्सर मीडिया की निगाहों में रहते हैं—कहीं नई रणनीति, कहीं किसी चुनावी योजना या कभी कभी बयानबाजी। अगर आप जानना चाहते हैं कि कौन-सा बयान, कौन-सा अभियान या कौन-सी पार्टी उनसे जुड़ी है, तो यह टैग पेज उसी जानकारी को इकट्ठा करता है।
प्रशांत किशोर आमतौर पर डेटा और ग्राउंड लेवल योजनाओं पर जोर देते हैं। वे वोटरों की ज़रूरत, इलाके के मुद्दे और छोटे लक्ष्य समूहों पर काम कर के संदेश को खास बनाते हैं। सोशल मीडिया, मतदाता सर्वे और बूथ-स्तरीय टीमों को एक साथ जोड़ना उनकी खासियत मानी जाती है। इसलिए उनके किए गए अभियान अक्सर तेज रफ्तार में दिखाई देते हैं और राजनीतिक चर्चा छेड़ देते हैं।
हालांकि हर रणनीति सफल नहीं रहती। कभी जीत मिली तो आलोचना भी हुई—कई बार उन पर पार्टियों के साथ काम करने को लेकर सवाल उठते हैं। पढ़ते समय यह समझना जरूरी है कि रणनीति और नतीजे अलग चीजें हैं; एक अच्छा प्लान हमेशा वोट में बदल नहीं पाता।
यह टैग पेज प्रेम वशीकरण न्यूज़ पर प्रकाशित सभी लेखों को एक जगह जोड़ता है — चाहे वह ताज़ा खबर हो, विश्लेषण हो या इंटरव्यू। यहाँ आप पाएँगे: ताज़ा अपडेट्स, उनके बयान पर प्रतिक्रिया, किसी नए अभियान की रिपोर्ट और उनके चाल-ढाल पर विशेषज्ञों की राय।
खोज करना आसान है: इस पेज पर आने वाले हर नए लेख में “प्रशांत किशोर” टैग जुड़ा होगा। अगर आप जल्दी अपडेट पाना चाहते हैं तो हमारे नोटिफिकेशन या न्यूज़लेटर के ऑप्शन को ऑन कर लें। हम कोशिश करते हैं कि हर खबर साफ, त्वरित और उपयोगी हो—कोई लंबी बहस नहीं, बस सीधी जानकारी।
अगर आप किसी खास पहलू पर पढ़ना चाहते हैं — जैसे उनकी रणनीतिक तरीके, हालिया बयान या किसी राज्य चुनाव में उनकी भूमिका — तो नीचे दिए गए लेखों की सूची या सर्च बार का इस्तेमाल करें। पढ़ें, टिप्पणी करें और हमें बताएं कि किस तरह की रिपोर्टिंग आपको सबसे ज़्यादा काम की लगती है।
आखिर में, राजनीति तेज़ी से बदलती है। यहां जो रिपोर्ट मिलती है वो हमेशा अपडेट होती है। इस टैग को रेगुलर चेक करते रहिए ताकि प्रशांत किशोर से जुड़ी हर नई खबर आप तक पहुँचे।
Posted By Krishna Prasanth पर 22 मई 2024 टिप्पणि (8)
लोकसभा चुनावों के बीच राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर और योगेंद्र यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा जीती जाने वाली सीटों की संख्या के बारे में भिन्न-भिन्न भविष्यवाणियां की हैं। किशोर का मानना है कि भाजपा 303 से अधिक सीटें जीतेगी, जबकि यादव का दावा है कि भाजपा बहुमत हासिल नहीं कर पाएगी और कम से कम 50 सीटों का नुकसान होगा।
और पढ़ें