Krishna Janmashtami 2025 – कब है, कैसे मनाएँ?

क्या आप जानना चाहते हैं कि 2025 में जन्माष्टमी किस दिन पड़ेगी? इस साल कृष्ण जयंती 15 अगस्त, रविवार को आएगी। यह वही दिन है जब बहुत सारे लोग छुट्टी लेते हैं, इसलिए मंदिरों और घरों दोनों में खास तैयारियां शुरू हो जाती हैं। अगर आप पहली बार मनाने वाले हैं या फिर कुछ नया करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए आसान स्टेप्स देखें।

समय और पंचांग की बारीकियों को समझें

जन्माष्टमी का मुख्य समय अवधि त्रयोदशी के दोपहर से शाम तक माना जाता है, लेकिन अधिकांश लोग रात 12 बजे के आस‑पास जलाई जाने वाली दीपावली (उत्सव) को सबसे खास मानते हैं। इस साल ग्रेगोरियन कैलेंडर में 15 अगस्त का दिन ही त्रयोदशी है, इसलिए पूजा की शुरुआत दोपहर 12 बजे से हो सकती है और देर रात तक जारी रह सकती है। अगर आप पंचांग देखना चाहते हैं तो हिंदु कैलेंडर ऐप या ऑनलाइन साइट पर ‘Krishna Janmashtami 2025’ सर्च करें; वहाँ आपको सूर्योदय‑अस्त, नक्षत्र (वृश्चिक) और तिथि का पूरा विवरण मिलेगा।

घर में साधारण लेकिन असरदार पूजा कैसे करें

1. सफाई: घर को साफ‑सुथरा रखें, खासकर वो जगह जहाँ आप मूर्ति या चित्र रखेंगे। 2. मूर्ति/चित्र स्थापित करना: यदि आपके पास कृष्ण की छोटी मूर्ति नहीं है तो एक साधारण कागज़ का चित्र भी चल जाएगा; इसे नीला कपड़े पर रखें और चारों ओर सफेद फूल बिछाएँ. 3. आभूषण व वस्त्र: भगवान को पन्ना, मोती या सोने के आभूषण लगाएँ, और लाल या पीले रंग का छोटा लहंगा/धोती पहनाएँ। 4. प्रसाद तैयार करना: दही, घी, शक्कर और खजूर मिलाकर ‘बाबा कली’ बनाएं; इसे मीठे फल के साथ परोसें. 5. भोग चढ़ाना: भेड़ की दूध, मक्खन, मख़ान, पनीर, फालूदा आदि रखकर अर्पित करें। 6. अर्घ्य और जयन्ती: दीप जलाएँ, धूप‑दीप रखें, फिर 11 बार अर्घ्य दें – यह परम्परा ‘भक्तों के बीच में बहुत लोकप्रिय’ है. 7. जलेबी/हलवा वितरण: घर‑परिवार और पड़ोसियों को मिठाई बांटें; इससे उत्सव का माहौल बनता है।

इन कदमों से आप बिना ज्यादा खर्चे के भी एक सच्ची जन्माष्टमी भावना महसूस कर सकते हैं.

मंदिर में विशेष कार्यक्रम

कई बड़े मंदिर जैसे बृजभुमि (वाराणसी), द्वारका और गोवर्धन पर 15 अगस्त को ‘रात्रि जागरण’ का आयोजन होता है। यहाँ रात भर भजन‑कीर्तन, कथा व पंडितों द्वारा रासलीला देखी जा सकती है। यदि आप यात्रा कर रहे हैं तो पहले से टिकट या आरक्षण करवाना बेहतर रहेगा; कई मंदिरों ने ऑनलाइन बुकिंग शुरू की है।

ध्यान रखें – भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनें और सामाजिक दूरी बनाएँ, ताकि सभी सुरक्षित रहें.

जन्माष्टमी के कुछ मजेदार तथ्य

  • कृष्ण जन्म के समय अंधेरे में था; इसलिए दीप जलाना ‘अंधकार को दूर करने’ का प्रतीक है।
  • ‘द्वादश जैन्य’ (12 वर्ष) तक कृष्ण ने गोपियों को बांसुरी बजाते सुना, इस कारण कई लोग 12 बजे रात के बाद भी धुन गाते हैं।
  • हिंदू पंचांग में जन्माष्टमी का ‘उत्सव दिन’ हर साल अलग‑अलग पड़ता है, पर 2025 में यह सीधा ही रविवार पर आया है, जिससे छुट्टी की योजना बनाना आसान हो गया।

तो तैयार हो जाइए! चाहे घर पर छोटे से पूजा मंच बनाएँ या मंदिर में भीड़ के साथ जश्न मनाएँ – Krishna Janmashtami 2025 आपके लिए खुशियों और शांति का अवसर लाएगा.

Krishna Janmashtami 2025: दिल छू लेने वाले शुभकामना संदेश और कोट्स

Posted By Krishna Prasanth    पर 16 अग॰ 2025    टिप्पणि (0)

Krishna Janmashtami 2025: दिल छू लेने वाले शुभकामना संदेश और कोट्स

कृष्ण जन्माष्टमी 2025 पर भक्त भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी ज़बरदस्त उत्साह और आस्था के साथ मना रहे हैं। इस मौके पर लोग सुंदर शुभकामनाएं, कोट्स और संदेशों से अपनों और समाज में प्रेम, एकता और भक्ति साझा कर रहे हैं। पारंपरिक और आधुनिक अंदाज़ में सोशल मीडिया पर भी शुभकामनाएं दी जा रही हैं।

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