झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) — इतिहास और आज की भूमिका

झारखंड मुक्ति मोर्चा, जिसे आमतौर पर JMM कहा जाता है, झारखंड के जनहित और आदिवासी अधिकारों के लिए लंबे समय से काम करता है। आपने नाम सुना होगा — यह पार्टी राज्य के गठन और स्थानीय मुद्दों में गहरी हिस्सेदारी रखती है।

हिस्ट्री और आंदोलन

JMM की जड़ें 1970 के दशक में शिबू सोरें जैसे नेताओं के साथ जुड़ी थीं। पार्टी ने झारखंड के अलग राज्य की मांग को जनआंदोलन का रूप दिया और अंततः 2000 में झारखंड राज्य बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह आंदोलन जमीन पर ग्रामीण और आदिवासी समुदायों के अधिकार पर केंद्रित था — जमीन, जंगल और अपनी पहचान की सुरक्षा मुख्य मुद्दे रहे।

आंदोलन का रंग स्थानीय सांस्कृतिक और सामाजिक जमीन से जुड़ा रहा। इसलिए JMM की लोकप्रियता ज्यादातर उन इलाकों में अधिक है जहाँ आदिवासी आबादी और ग्रामीण समुदाय प्रमुख हैं।

नीतियाँ और राजनीतिक भूमिका

JMM की नीतियों का केंद्र अक्सर आदिवासी अधिकार, भूमि संरक्षण और स्थानीय संसाधनों पर समुदाय का अधिकार रहा है। पार्टी ने PESA और वन अधिकार जैसे विषयों को हमेशा प्राथमिकता दी है। ये कानूनी और राजनीतिक मुद्दे स्थानीय ग्राम स्तर तक असर डालते हैं, इसलिए JMM के वादे अक्सर रोज़मर्रा की ज़िन्दगी से जुड़े होते हैं।

राजनीतिकता में JMM ने बार-बार गठबंधनों का रास्ता अपनाया — खासकर तब जब राज्य सरकार बनाने के लिए बेहतर सीट साझा करना जरूरी हुआ। इससे पार्टी ने केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर कभी-कभी महत्वपूर्ण प्रभाव बनाया है।

नेतृत्व के नामों में शिबू सोरें (संस्थापक) और हेमंत सोरें जैसे चेहरे प्रमुख हैं। ये नेता स्थानीय वोट बैंक और संगठनात्मक पहचान दोनों को जोड़ते हैं। पार्टी में अन्य स्थानीय नेताओं की भी अहम भूमिका रहती है, जो क्षेत्रीय मुद्दों पर काम करते हैं।

अगर आप जानना चाहें कि JMM आज किन समस्याओं पर फोकस कर रही है — तो प्रमुख बिंदु हैं: खान-खनन की नीति, भूमिहीनता, शिक्षा और स्वास्थ्य तक पहुँच, और ग्रामीण विकास। ये मुद्दे सीधे उन लोगों की ज़िन्दगी बदलते हैं जिनके पास संसाधन कम हैं।

JMM के बारे में सवाल अक्सर यही होते हैं—क्या यह पार्टी आदिवासी हितों की बचाव में सफल रही? और क्या उसका क्षेत्रीय असर बड़े विकास फैसलों में दिखता है? जवाब इलाके और समय के हिसाब से बदलता है, इसलिए स्थानीय खबरें और चुनावी नतीजे देखने चाहिए।

यह पेज JMM के इतिहास, नीतियों और सामान्य राजनीतिक भूमिका का सार देता है। अगर आप स्थानीय चुनाव, विधायी पहल या पार्टी के हालिया कार्यक्रमों की ताज़ा जानकारी चाहते हैं, तो राज्य की खबरों और आधिकारिक घोषणाओं पर नज़र रखें।

झारखंड में BJP में शामिल होने की अटकलों के बीच चंपाई सोरेन का JMM छोड़ने का संकेत

Posted By Krishna Prasanth    पर 18 अग॰ 2024    टिप्पणि (0)

झारखंड में BJP में शामिल होने की अटकलों के बीच चंपाई सोरेन का JMM छोड़ने का संकेत

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के प्रमुख नेता चंपाई सोरेन ने असंतोष जताते हुए पार्टी छोड़ने का संकेत दिया है। बीजेपी में उनके शामिल होने की अटकलों के बीच, यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण बन गया है। सोरेन का कहना है कि उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करने से रोका गया और उनकी कई योजनाएं भी रद्द कर दी गईं, जिससे वह नाराज हैं। झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य में यह बदलाव महत्वपूर्ण हो सकता है।

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