क्या आप अक्सर थकान, प्यास या बार-बार पेशाब जाने जैसी परेशानी महसूस करते हैं? ये साइनल ब्लड शुगर यानी रक्त शर्करा के असंतुलन के हो सकते हैं। यहां सीधे और काम की बातें बताई गई हैं ताकि आप तुरंत समझ सकें क्या हो रहा है और क्या करना चाहिए।
ब्लड शुगर यानी रक्त में ग्लूकोज की मात्रा। हमारी बॉडी को ऊर्जा के लिए ग्लूकोज चाहिए। इंसुलिन नाम का हार्मोन यह ग्लूकोज कोशिकाओं तक पहुँचाने में मदद करता है। जब इंसुलिन काम सही से नहीं करता या पर्याप्त नहीं बनता, तो ब्लड शुगर बढ़ जाता है — इसे हम डायबिटीज कहते हैं। लंबे समय तक हाई या लो ब्लड शुगर दोनों से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
कौन ज्यादा रिस्क में है? परिवार में डायबिटीज, अधिक वजन, शारीरिक रूप से कम सक्रिय होना, अस्वस्थ खाना और उच्च उम्र जोखिम बढ़ाते हैं। पर कई बार युवा और पतले लोग भी हाई शुगर से प्रभावित हो सकते हैं।
1) घर पर मॉनिटरिंग: ग्लूकोमीटर से ब्लड शुगर चेक कर सकते हैं। रोज़मर्रा में खाली पेट (फास्टिंग) और खाने के 2 घंटे बाद का मान ध्यान रखें। फास्टिंग के लिए 70–99 mg/dL सामान्य माना जाता है और खाने के बाद 140 mg/dL से कम ठीक रहता है, पर डॉक्टर की सलाह प्राथमिक है।
2) डायट में छोटे बदलाव: refined चीनी, सफेद ब्रेड और जंक फूड कम करें। रोटी, चावल और आलू जैसे कार्ब्स के साथ सलाद, सब्ज़ी और प्रोटीन लें। चावल का भाग कम कर लें और ब्राउन राइस या बाजरा, ज्वार जैसी विकल्प आज़माएँ।
3) रोज़ाना हल्की एक्सरसाइज: दिन में 30 मिनट तेज़ चलना, साइकिल या आसान योग ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में बड़ा फर्क लाता है। व्यायाम से इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ती है।
4) वजन और नींद: 5–7% वजन कम करने से भी शुगर पर असर होता है। साथ ही 7–8 घंटे की नियमित नींद और तनाव घटाने से शुगर बेहतर रहता है।
5) दवा और डॉक्टर की सलाह: अगर लाइफस्टाइल बदलने के बाद भी शुगर नियंत्रित नहीं होता, तो डॉक्टर दवा या इंसुलिन बता सकते हैं। दवा समय पर लें और नियमित जांच कराते रहें।
6) त्वरित मदद (हाइपोग्लाइसीमिया): जी मिचलाना, पसीना, बेहोशी जैसे लक्षण आएं तो 15–20 ग्राम जल्दी पचने वाली शुगर (जैसे ग्लूकोज टैबलेट, फल का रस या शक्कर) लें और 15 मिनट बाद फिर चेक करें। सुधार न होने पर तुरंत मेडिकल मदद लें।
छोटी आदतें बड़ा फर्क डालती हैं: हर रोज़ नियंत्रित खाना, एक्टिव रहना और समय पर चेकअप कराना। ब्लड शुगर पर काबू पाने का मतलब रोज़मर्रा की जिंदगी बेहतर होना है — ज्यादा ऊर्जा, बेहतर नींद और लंबी सेहत। अगर शुगर को लेकर शंका है तो अपने नज़दीकी डॉक्टर से मिलें और सही टेस्ट कराएं।
Posted By Krishna Prasanth पर 26 जून 2024 टिप्पणि (11)
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का ब्लड शुगर स्तर अचानक गिर गया, लेकिन उन्होंने चाय और बिस्कुट खाकर इसे सामान्य कर लिया। डायबिटीज़ से पीड़ित केजरीवाल ने इस घटना के माध्यम से संतुलित आहार और समय पर दवाई की अहमियत बताई। यह घटना दर्शाती है कि ब्लड शुगर का अचानक बदलना खतरनाक हो सकता है।
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