सोने चांदी की कीमतें रिकॉर्ड पर, दिल्ली में 18 कैरेट सोना ₹1 लाख के पार

के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth    पर 14 दिस॰ 2025    टिप्पणि (0)

सोने चांदी की कीमतें रिकॉर्ड पर, दिल्ली में 18 कैरेट सोना ₹1 लाख के पार

13 दिसंबर 2025 को भारत के सोने और चांदी के बाजार में एक ऐसी लहर आई, जिसने न सिर्फ खरीददारों को हैरान किया, बल्कि निवेशकों को भी चौकार दिया। दिल्ली में 18 कैरेट सोना ₹1,00,060 प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर गया — ये कोई साधारण बढ़ोतरी नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक मोड़ है। इसी दिन, 24 कैरेट सोना दिल्ली में ₹1,33,360 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जबकि चांदी का भाव कुछ शहरों में ₹2,041 प्रति 10 ग्राम के ऊपर चला गया। ये उछाल बस एक दिन की बात नहीं, बल्कि एक लंबे संकट का हिस्सा है — जहां रुपया लगातार कमजोर हो रहा है, और लोग सुरक्षित निवेश के लिए सोने-चांदी की ओर भाग रहे हैं।

क्यों बढ़ी सोने-चांदी की कीमतें?

ये उछाल बाहरी दुनिया की नहीं, बल्कि घरेलू आर्थिक अस्थिरता का परिणाम है। Economic Times Hindi और Moneycontrol के अनुसार, रुपये की कमजोरी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के भाव का बढ़ना इसकी दो मुख्य वजहें हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 4,338.40 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर था — ये एक लंबे समय का उच्च स्तर है। जब वैश्विक सोने की कीमत बढ़ती है, तो भारत में भी इसका असर दिखता है। लेकिन यहां का असली दर्द ये है कि रुपया डॉलर के मुकाबले इतना कमजोर हो गया है कि आयातित सामान, खासकर सोना-चांदी, अब और भी महंगे हो गए।

एक आम ग्राहक के लिए ये क्या बदलाव लाता है? आज एक ग्राम सोना ₹1,336 है, जबकि कल ये ₹1,311 था। यानी बस एक दिन में 100 ग्राम सोने की कीमत ₹25,000 बढ़ गई। चांदी के मामले में तो ये बदलाव और भी चौंकाने वाला है। नोएडा, गुड़गांव, जयपुर और पटना में चांदी का भाव ₹2,041 प्रति 10 ग्राम है — ये ऑल टाइम हाई है। कल के मुकाबले एक किलो चांदी ₹3,000 महंगी हो गई।

शहरों में अंतर: कहां कितना महंगा?

सोने की कीमतें भारत के हर शहर में अलग-अलग हैं। चेन्नई में 24 कैरेट सोना ₹1,34,960 प्रति 10 ग्राम है — ये देश का सबसे ऊंचा भाव है। वहीं कोलकाता में ये ₹1,33,210 है। ये अंतर बस स्थानीय टैक्स, परिवहन लागत और डीलर्स की मांग पर निर्भर करता है। एक आम व्यक्ति के लिए ये फर्क छोटा लग सकता है, लेकिन एक शादी के लिए 100 ग्राम सोना खरीदने वाले के लिए ये ₹17,000 तक का अंतर बन जाता है।

चांदी के मामले में फिर एक अजीब बात है। Sona Chandi NewsLine के अनुसार, एक यूट्यूब चैनल ने कहा कि आज चांदी ₹241 प्रति 10 ग्राम पर थी, जबकि दूसरे चैनल ने ₹190 प्रति 10 ग्राम का दाम दिखाया। ये अंतर क्यों? क्योंकि ये अलग-अलग डीलर्स, अलग-अलग बाजार, अलग-अलग टैक्स और अलग-अलग गुणवत्ता के आधार पर दाम देते हैं। एक ग्राहक जब बाजार में जाता है, तो उसे एक ही दाम नहीं, बल्कि 5-6 अलग-अलग दाम दिखते हैं।

निवेशकों की रणनीति बदल रही है

पिछले 6 महीनों से भारतीय निवेशकों ने बैंक डिपॉजिट और शेयर बाजार से निकलकर सोने-चांदी की ओर रुख किया है। एक दिल्ली स्थित सोने का दुकानदार ने कहा, “हमारे पास अब रोज 15-20 ग्राहक आते हैं, जो सिर्फ 5 ग्राम खरीदने आते हैं। वो कहते हैं — ‘मेरा पैसा बैंक में नहीं, इस तरह सुरक्षित है।’” ये एक बड़ा संकेत है। जब लोग अपने पैसे को बैंक से निकालकर सोने में बदलने लगते हैं, तो ये आर्थिक असुरक्षा का संकेत है।

इसके अलावा, रियल एस्टेट और शेयर बाजार में अस्थिरता ने लोगों को अपनी बचत को सुरक्षित जगह पर ले जाने के लिए मजबूर कर दिया है। सोना अब सिर्फ शादी या उपहार का सामान नहीं, बल्कि एक बचत का टूल बन गया है। एक निवेशक ने हमें बताया, “मैंने पिछले तीन महीनों में 20 ग्राम सोना खरीदा। ये मेरी बचत है, न कि एक आभूषण।”

क्या ये उछाल टिकेगी?

क्या ये उछाल टिकेगी?

ये सवाल अब हर किसी के मन में है। विश्लेषकों का कहना है कि अगर रुपया अगले 2-3 महीनों तक इसी तरह कमजोर रहा, तो सोना ₹1,40,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। चांदी के लिए तो ₹2,500 प्रति 10 ग्राम का स्तर भी असंभव नहीं। लेकिन एक बात ध्यान रखने वाली है — ये उछाल अंतरराष्ट्रीय सोने की कीमत पर निर्भर है। अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरें कम करता है, तो डॉलर कमजोर हो सकता है, और सोने की कीमत गिर सकती है।

दूसरी ओर, अगर भारत में मुद्रास्फीति बढ़ी और बैंक ब्याज दरें नहीं बढ़ीं, तो लोगों का सोने में विश्वास और भी बढ़ेगा। ये एक चक्र है: रुपया कमजोर → सोना महंगा → लोग अधिक खरीदते हैं → और भी बढ़ता है दाम।

आम आदमी के लिए क्या करें?

अगर आपको शादी के लिए सोना खरीदना है, तो अब नहीं रोकें। लेकिन अगर आप निवेश के लिए खरीद रहे हैं, तो एक बात याद रखें — सोना एक बचत का साधन है, न कि एक लाभ का। आज ₹1,33,000 में खरीदा हुआ सोना कल ₹1,35,000 में बेचने की उम्मीद मत करें। इसकी बजाय, छोटे-छोटे अंतराल पर 1-2 ग्राम खरीदते रहें। ये एक बहुत ही सुरक्षित तरीका है।

चांदी के लिए तो ये बात और भी ज्यादा सच है। इसकी कीमत अधिक उतार-चढ़ाव वाली है। एक यूट्यूब चैनल ने कहा कि आज चांदी ₹190 प्रति 10 ग्राम थी, और दूसरे ने ₹241 बताया। ये बाजार की अनिश्चितता है। इसलिए चांदी खरीदें, लेकिन उम्मीद न करें कि ये आपको अमीर बना देगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्यों दिल्ली में सोने की कीमत सबसे ज्यादा नहीं है?

दिल्ली में सोने की कीमत बहुत ऊंची है, लेकिन चेन्नई में ये और भी ज्यादा है। इसका कारण है तटीय शहरों में आयातित सोने के लिए अधिक डीलर्स और अधिक आवश्यकता। चेन्नई, मुंबई और कोलकाता में शादियों और धार्मिक अवसरों के लिए सोने की मांग ज्यादा होती है, जिससे दाम बढ़ जाते हैं।

चांदी की कीमतें इतनी अलग-अलग क्यों हैं?

चांदी की कीमतें अलग-अलग दुकानों और शहरों में अलग होती हैं क्योंकि इसकी गुणवत्ता, टैक्स और वितरण लागत अलग-अलग होती है। कुछ डीलर शुद्ध चांदी बेचते हैं, तो कुछ मिश्र धातुओं के साथ। यूट्यूब वीडियो में दिखाए गए दाम अक्सर ऑनलाइन ट्रेंड्स होते हैं, न कि वास्तविक बाजार की कीमत।

क्या सोना अब एक अच्छा निवेश है?

हां, अगर आप लंबे समय तक बचत करना चाहते हैं। सोना अमीर बनाने का तरीका नहीं, बल्कि आपकी बचत को मुद्रास्फीति से बचाने का साधन है। अगर आप रोजाना ₹100-200 खर्च करके 10 ग्राम सोना बचाते हैं, तो 5 साल में आपके पास एक अच्छा आर्थिक बफर होगा।

क्या सरकार सोने की कीमतों पर नियंत्रण कर सकती है?

सरकार सीधे सोने की कीमत पर नियंत्रण नहीं कर सकती, क्योंकि ये वैश्विक बाजार पर निर्भर करती है। लेकिन वह आयात शुल्क बढ़ाकर या रुपये की नीति बदलकर असर डाल सकती है। अगर आयात शुल्क 15% से 20% कर दिया जाए, तो सोने की कीमत और बढ़ सकती है।

चांदी के भाव में आज अचानक गिरावट क्यों आई?

कुछ यूट्यूब चैनलों ने बताया कि आज चांदी ₹10,000 प्रति किलो गिरी। ये शायद एक विशिष्ट डीलर की गलती या ऑनलाइन दामों का गड़बड़ है। वास्तविक बाजार में चांदी की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। ऐसी अस्थिरता तभी देखी जाती है जब कोई डीलर अपना स्टॉक बेचने के लिए दाम उतार रहा हो।

अगले 6 महीनों में सोने की कीमत कहां जाएगी?

अगर रुपया अभी भी डॉलर के मुकाबले कमजोर रहा, तो सोना ₹1,40,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। अगर अमेरिकी ब्याज दरें घटीं, तो सोने की कीमत गिर सकती है। लेकिन भारत में इसकी गिरावट बहुत कम होगी — क्योंकि घरेलू मांग बहुत मजबूत है।