के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth    पर 22 जून 2024    टिप्पणि (11)

प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना के साथ की व्यापक बातचीत

प्रधानमंत्री मोदी और शेख हसीना की व्यापक बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ विस्तृत बातचीत की, जिसमें व्यापार और संचार समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया गया। यह बैठक नई भारतीय सरकार के गठन के बाद पहली द्विपक्षीय राज्य यात्रा के रूप में उल्लेखनीय थी। पीएम मोदी ने शेख हसीना का हैदराबाद हाउस में गर्मजोशी से स्वागत किया और इस बात पर ज़ोर दिया कि दोनों नेताओं की मुलाकात 2019 से अब तक दस बार हो चुकी है, जिससे उनके रिश्तों में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है।

बातचीत का मुख्य उद्देश्य

बातचीत का मुख्य उद्देश्य

इस महत्वपूर्ण बैठक का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा का संचार करना था। विशेष रूप से व्यापार, संचार और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की गई। बांग्लादेश प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बातचीत से पूर्व राजघाट का दौरा किया और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

पड़ोस में पहले नीति के तहत सहयोग

भारत के 'पड़ोस में पहले' नीति के तहत बांग्लादेश एक प्रमुख सहयोगी है। सुरक्षा, व्यापार, वाणिज्य, ऊर्जा, संचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, रक्षा और समुद्री मामलों में सहयोग का विस्तार हो रहा है। दोनों देशों के बीच 4096.7 किमी की सीमा साझा होती है, जो किसी भी पड़ोसी के साथ सबसे लंबी भूमि सीमा है।

सुरक्षा एजेंसियों के बीच अवैध गतिविधियों जैसे ड्रग तस्करी, नकली मुद्रा और मानव तस्करी से निपटने में सक्रिय सहयोग है। नई दिल्ली की क्रेडिट लाइन के तहत प्रतिबद्धता का लगभग एक चौथाई हिस्सा बांग्लादेश को दिया गया है, जो दर्शाता है कि भारत बांग्लादेश का सबसे बड़ा विकास भागीदार है।

व्यापारिक संबंधों की मजबूती

भारत और बांग्लादेश के व्यापारिक संबंध काफी मजबूत हैं। भारत एशिया में बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है जबकि बांग्लादेश, भारत का दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। 2022-23 में लगभग 2 अरब अमेरिकी डॉलर के बांग्लादेशी निर्यात भारत को हुए।

ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग

ऊर्जा क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण सहयोग है। भारत से बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति और साझा बिजली परियोजनाओं में भागीदारी के अलावा, जल संसाधनों के समुचित उपयोग और बाढ़ प्रबंधन पर भी दोनों देशों के बीच सहयोग है। यह सहयोग न केवल दोनों देशों के नागरिकों के लिए सुविधाजनक है, बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास को भी प्रोत्साहित करता है।

भविष्य की संभावनाएं

भविष्य की संभावनाएं

बातचीत के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी और शेख हसीना ने भविष्य की योजनाओं पर भी विचार विमर्श किया। सड़क और रेल परिवहन नेटवर्क को सुधारने, नई हवाई सेवाओं का परिचालन करने और जलमार्गों के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया गया। इसके अलावा, व्यापार के क्षेत्र में नए समझौतों को लागू करने और आर्थिक संबंधों को और सुदृढ़ करने की योजनाएं बनाई गईं।

इस बैठक से यह स्पष्ट होता है कि भारत और बांग्लादेश के बीच के संबंध सिर्फ कूटनीतिक नहीं, बल्कि दोनों देशों के लोगों के जीवन को प्रभावित करने की दिशा में निरंतर प्रगति पर हैं।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना की इस वार्ता ने निश्चित ही द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का काम किया है। लगातार हो रही इन बैठकों से दोनों देशों के बीच का विश्वास और मजबूत हुआ है और आपसी सहयोग के माध्यम से आगे भी उत्कृष्ट परिणाम मिलने की अपार संभावनाएं हैं।

11 Comments

  • Image placeholder

    Deepak Kumar

    जून 22, 2024 AT 21:38

    वाकई में भारत‑बांग्लादेश के सहयोग को बढ़ावा देना दोनों देशों के लोगों के लिए जीत‑जीत है। यह बातचीत भविष्य में कई नए प्रोजेक्ट्स की नींव रखेगी।

  • Image placeholder

    Chaitanya Sharma

    जून 25, 2024 AT 21:38

    प्रमुख बिंदुओं में व्यापार, ऊर्जा और संचार के क्षेत्र में विस्तृत समझौते शामिल थे; इनसे दोनों economies को लाभ होगा। साथ ही, सीमावर्ती सुरक्षा सहयोग को भी मजबूत किया गया, जिससे अवैध तस्करी पर कड़ी कार्रवाई संभव होगी।

  • Image placeholder

    Riddhi Kalantre

    जून 28, 2024 AT 21:38

    हमारी सभा में मोदी जी ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत की 'पहले पड़ोसी' नीति ही दक्षिण एशिया की शांति का मुख्य स्तंभ है; बांग्लादेश के साथ यह सहयोग भारत की महानता को सिद्ध करता है। इस संबंध को और गहरा करना हमारे राष्ट्रीय हित में है, और हमें इसे गर्व से समर्थन करना चाहिए।

  • Image placeholder

    Jyoti Kale

    जुलाई 1, 2024 AT 21:38

    बांग्लादेश को भारत से धनी होना चाहिए।

  • Image placeholder

    Ratna Az-Zahra

    जुलाई 4, 2024 AT 21:38

    समझना चाहिए कि आर्थिक साझेदारी के साथ सामाजिक विविधताओं का सम्मान भी आवश्यक है; यह बात अक्सर अनदेखी रहती है।

  • Image placeholder

    Nayana Borgohain

    जुलाई 7, 2024 AT 21:38

    जब दो पड़ोसी देश दिल से जुड़े होते हैं, तो विकास की राह पर 🌟 चमकते सितारे बनते हैं 😊। इस प्रकार की सहयोग भावना ही हमें आगे ले जाती है।

  • Image placeholder

    Abhishek Saini

    जुलाई 10, 2024 AT 21:38

    मैं मानता हूँ की इस बातचीत से दोनों देश के युवाओं को नई नौकरियों के अवसर मिलेंगे, बस जनताक को सही दिशा में मार्गदर्शन देना होगा।

  • Image placeholder

    Parveen Chhawniwala

    जुलाई 13, 2024 AT 21:38

    वास्तव में, भारत‑बांग्लादेश सीमा पर शिपिंग लागत को 15 % तक घटाया जा सकता है, यदि नयी जलमार्ग प्रणाली लागू की जाए। यह आंकड़ा recent trade analysis में स्पष्ट है।

  • Image placeholder

    Saraswata Badmali

    जुलाई 16, 2024 AT 21:38

    वित्तीय शास्त्र के दृष्टिकोण से, द्विपक्षीय भूमि‑आधारित सहयोग पारस्परिक लाभ का एक क्लासिक केस स्टडी है। पहले, दोनो राष्ट्रों ने व्यापार-अधिसंरचना में कई मोड्यूल्स को पुनः आकार दिया। दूसरा, ऊर्जा ट्रांसफ़र प्रोटोकॉल को मानकीकृत करने से ग्रिड स्थिरता में सुधार हुआ। तीसरा, संचार नेटवर्क का विस्तार सूचना असिमेट्री को घटाता है। चौथा, सीमा‑पर सुरक्षा सहयोग ने नॉन‑कस्टोडियल डेटा शेयरिंग को सुलभ बनाया। पाँचवाँ, जल संसाधन प्रबंधन में कोऑपरेटिव मॉडल ने हाइड्रो‑ट्रांसफ़ॉर्मर एफिशिएंसी को 20 % तक बढ़ाया। छठा, मानव संसाधन विनिमय कार्यक्रम ने विशेषज्ञता के इंटेग्रेशन को तेज किया। सातवाँ, व्यापार वॉल्यूम की ग्रेडिएंट वृद्धि ने GDP ग्रोथ को 1.2 % पॉज़िटिव इम्पैक्ट दिया। आठवाँ, निर्यात‑आधारित SMEs को नई कॉम्पिटिटिव एजेंडा मिला। नौवाँ, बुनियादी ढांचा फाइनेंसिंग में कॉकस सिंगल‑लैंडर फंड ने लीकेज को घटाया। दसवाँ, कस्टम्स प्रोसेस ऑटोमेशन ने ट्रांज़िट टाइम को आधा कर दिया। ग्यारहवाँ, डिजिटल सिग्नेचर इंटीग्रेशन ने डेटा इंटेग्रिटी को मजबूती दी। बारहवाँ, सामुदायिक ऊर्जा प्रोजेक्ट्स ने रेन्युएबल सोर्सेज़ को बढ़ावा दिया। तेरहवाँ, भविष्य‑उन्मुख शिपिंग लॉजिस्टिक्स ने बाइड्रॉप कैरियर ऑप्टिमाइज़ेशन को सक्षम बनाया। चौदहवाँ, इन सभी पहलुओं को देख कर एक निष्पक्ष निष्कर्ष यह निकलता है कि सहयोग की गहराई को कभी भी कम नहीं आँका जा सकता। पंद्रहवाँ, हालांकि, कुछ विश्लेषक कहते हैं कि ये सभी आँकड़े एक परिप्रेक्ष्य में ही सार्थक हैं। सोलहवाँ, अंततः, यदि हम इस द्विपक्षीय साझेदारी को रणनीतिक रूप से देखते हैं तो यह एशिया‑पैसिफ़िक आर्थिक संरचना को पुनः आकार देगा।

  • Image placeholder

    sangita sharma

    जुलाई 19, 2024 AT 21:38

    मेरे हिसाब से, इस प्रकार की बातचीत से केवल आर्थिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक नैतिकता भी उन्नत होती है; हमें इसे सराहते हुए सकारात्मक ऊर्जा फैलानी चाहिए।

  • Image placeholder

    PRAVIN PRAJAPAT

    जुलाई 22, 2024 AT 21:38

    ऐसी बैठकों में अक्सर दिखावट ज्यादा होती है; असली मुद्दे को नहीं छुआ जाता।

एक टिप्पणी लिखें