के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth    पर 26 सित॰ 2025    टिप्पणि (7)

Narayan Jagadeesan ने बनाया इतिहास: 277 रन का विश्व रिकॉर्ड

277 रन की अद्वितीय इन्किंग और उसके बाद की शृंखलाबद्ध शतकों

विजय हजारे ट्रॉफी के एक शुरुआती मैच में तमिलनाडु ने आंध्र प्रदेश का सामना किया। जब Narayan Jagadeesan ने अपने बैट को उठाया, तो कोई नहीं सोच सकता था कि वह 277 रनों का अडिग टैरिफ बना देगा। 50‑ओवर के फॉर्मेट में इतना स्कोर पहले कभी नहीं हुआ था, और इस कारनामे ने List A क्रिकेट में सभी मौजूदा रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया।

जगदेवसन ने अपनी पावरहिट्स को बड़े ही नियंत्रित तरीके से चलाया। शुरुआती ओवर में उन्होंने फोकस बनाये रखा, फिर जैसे-जैसे गेंद उसकी हाथों में आई, वह स्विंग, कट और पुल शॉट्स से लगातार रन जोड़ते रहे। अपनी पचीसवें ओवर तक पहुँचते‑पहुँचते ही उनका स्कोर 200 के पार था, और अंत तक वह 277 पर पहुंचकर इतिहास में अपना नाम अमर कर दिया।

इस जबरदस्त इनिंग के बाद, जगदेवसन ने लगातार पाँच मैचों में शतकों की धूम मचाई। प्रत्येक शतक में उनका टोन थोड़ा अलग था – कभी तेज गति से, कभी रक्षक ढंग से, पर हमेशा वह नियंत्रित आक्रामकता ही दिखाते रहे। इस शृंखला ने उनकी फॉर्म और मानसिक मजबूती को स्पष्ट रूप से दर्शाया।

अन्य उल्लेखनीय रिकॉर्ड और राष्ट्रीय चयन में कदम

अन्य उल्लेखनीय रिकॉर्ड और राष्ट्रीय चयन में कदम

277 रन की इन्किंग के अलावा, जगदेवसन ने एक और रोमांचक उपलब्धि भी हासिल की – वह पहला खिलाड़ी बने जिन्होंने एक ओवर में सात फ़ोर लगाए। यह कारनामा उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी के क्वार्टर‑फ़ाइनल में राजस्थान के खिलाफ किया, जहाँ दो गेंदों पर चौके मारने के बाद उन्होंने लगातार पाँच और चौके लगाए, और इस तरह इतिहास में अपना नया अध्याय जोड़ा।

इन उपलब्धियों ने राष्ट्रीय चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा। चेयरमन अजीत अग्रकार ने बताया कि जगदेवसन के लगातार शतकों और विशेष रूप से डुलेप ट्रॉफी में 197 रन की इन्किंग ने उन्हें भारत की टेस्ट टीम में बैक‑अप विकेटकीपर‑बॅट्समैन के रूप में शामिल करने का भरोसा दिया। यह अवसर उन्हें रिषभ पंट के स्थान पर इंग्लैंड दौरे में चयनित करने में मददगार साबित हुआ।

IPL में भी उनका सफ़र रुचि का विषय रहा। चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स दोनों फ्रेंचाइजी में उन्होंने अपने अनुभव को निखारा, लेकिन 2025 के मेगा ऑक्शन में 1500+ नामांकित खिलाड़ियों में से केवल 182 को चुना गया, और वह अनसॉल्ड रह गए। यह आँकड़ा दर्शाता है कि घरेलू प्रदर्शन हमेशा IPL के पैसों में नहीं बदलता, पर उनकी विश्वसनीयता और निरंतरता को कभी कम नहीं किया जा सकता।

जगदेवसन की कहानी यह भी बताती है कि एक खिलाड़ी को कितनी मेहनत और धैर्य की जरूरत होती है। उनका पिता सी. जे. नारायण, जो स्वयं एक स्थानीय स्तर के खिलाड़ी थे, ने बचपन से ही उन्हें क्रिकेट की बुनियादी बातें सिखाई। शुरुआती दिनों में उन्होंने कोचों को कई बार चुनौती दी, पर निरंतर अभ्यास और खुद की आत्म‑विश्वास ने उन्हें शीर्ष पर पहुंचाया।

  • 277 रन – List A में सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर
  • पाँच लगातार शतक – निरंतरता का प्रतीक
  • एक ओवर में सात फ़ोर – अद्वितीय शक्ति प्रदर्शन
  • डुलेप ट्रॉफी में 197 रन – टेस्ट चयन के लिए मुख्य कारण

बेशक, टीम की सफलता हमेशा व्यक्तिगत प्रदर्शन से नहीं जुड़ी होती। क्वार्टर‑फ़ाइनल में 65 रन की तेज़ इन्किंग के बावजूद तमिलनाडु 268 लक्ष्य को नहीं पकड़ सका। यह बताता है कि क्रिकेट एक टीम खेल है और व्यक्तिगत रिकॉर्ड्स सिर्फ एक पहलू हैं। फिर भी, नआरायन की विश्वसनीयता और लगातार बेहतर प्रदर्शन ने उन्हें ‘मिस्टर रिलायबल’ की उपाधि दिलाई है, और भविष्य में वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी बड़े मंच पर अपनी पहचान बना सकते हैं।

7 Comments

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    Anushka Madan

    सितंबर 26, 2025 AT 03:28

    ऐसे रिकॉर्ड को बस बैठे‑बैठे सराहना नहीं चाहिए; यह युवा खिलाड़ियों को अनुचित आकाश छूने की लाली दे देता है। इस तरह के अति-प्रदर्शन से अक्सर टीम संतुलन बिगड़ जाता है। हमें यह सोचना चाहिए कि व्यक्तिगत आंकड़े टीम जीत में कैसे योगदान देते हैं।

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    nayan lad

    अक्तूबर 2, 2025 AT 13:04

    जगदेवसन की पावरहिट्स देख कर तेज़ स्मृति मिलता है, लेकिन लगातार शतक वही दिखाते हैं जो कड़ी मेहनत का फल है। ये आंकड़े युवा बट्टे के लिए प्रेरणा हैं।

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    Govind Reddy

    अक्तूबर 8, 2025 AT 22:40

    विचार करो कि एक अंक केवल अंक नहीं, बल्कि आत्मा की गहराई है। इस रिकॉर्ड से हमें शारीरिक क्षमता के साथ मानसिक दृढ़ता का भी संदेश मिलता है। हर पारी में एक नई दार्शनिक यात्रा छुपी होती है।

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    KRS R

    अक्तूबर 15, 2025 AT 08:16

    सही कहा, लेकिन सिर्फ प्रेरणा नहीं, हमें इस बात को भी देखना चाहिए कि ये प्रदर्शन टीम के समग्र परिदृश्य को कैसे बदलते हैं। व्यक्तिगत चमक कभी-कभी सामूहिक एकता को धुंधला कर देती है। फिर भी, ऐसे खिलाड़ीयों से पूरी लीग को ऊर्जा मिलती है।

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    Uday Kiran Maloth

    अक्तूबर 21, 2025 AT 17:52

    निर्मला के चौराहे पर इस उपलब्धि को सामाजिक परिवर्तन की पराकाष्ठा माना जा सकता है। भारत की क्रिकेट संस्कृति में इस तरह के आंकड़े लहरें उत्पन्न करते हैं, जो युवा पीढ़ी के भीतर प्रतिस्पर्धात्मक भावना को पोषित करते हैं। साथ ही, राष्ट्रीय टीम के चयन में विविधता और समावेशिता को भी नया आयाम मिलता है।

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    Deepak Rajbhar

    अक्तूबर 28, 2025 AT 03:28

    वाह, अरे भाई, अब तो इतना भीड़-भाड़ नहीं होगा कि चयनकर्ता अपनी आँखों से देख ना पाएँ 😏। 277 रन का रिकॉर्ड बना तो, पर असली खेल तो IPL में दिखो, वहाँ तो पैंतीस लाख की बोली में क्या मिलता है! फिर भी, हमेशा की तरह, मीडिया में झूमते रहो।

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    Hitesh Engg.

    नवंबर 3, 2025 AT 13:04

    नारायण जगदेवसन की 277 रन की पारी वास्तव में भारतीय लिस्ट A क्रिकेट के इतिहास में एक मील का पत्थर है।
    यह आँकड़ा न केवल व्यक्तिगत कौशल को दर्शाता है, बल्कि रणनीतिक सोच की गहराई को भी उजागर करता है।
    इस इन्किंग में उन्होंने विभिन्न शॉट्स का संतुलन बनाए रखा, जिससे गेंदबाजों को हराव नहीं हुआ।
    शुरुआती ओवरों में उन्होंने सतर्कता बरती, जबकि बाद के ओवरों में आक्रमणात्मक रिफ़ॉर्म दिखाया।
    उनके शुरुआती 50 रन सिर्फ शुरुआती गति नहीं थे, बल्कि कलात्मक नियंत्रण का प्रमाण थे।
    जब स्कोर 150 के पार पहुँचा, तो दर्शकों में उत्साह की लहर दौड़ गई, और स्टेडियम का माहौल तनाव और आशा के मिश्रण में बदल गया।
    इस पारी में उन्होंने कुल 34 चौके और 15 छक्के लगाए, जिससे उनकी पावरहिटिंग का स्तर स्पष्ट हो गया।
    उनके द्वारा खेली गई प्रत्येक पिच पर बॉल की गति और बाउंस का गहन विश्लेषण हुआ, और उन्होंने उसी के अनुसार अपनी स्टंट बदलें।
    यह केवल शक्ति नहीं, बल्कि शारीरिक फिटनेस, दिमागी ताज़गी और टैक्टिकल समझ का संगम था।
    यह रिकॉर्ड ने कई युवा एंट्री लेवल खेलने वालों को यह विश्वास दिलाया कि अगर मेहनत और आत्मविश्वास हो तो बड़े आंकड़े हासिल किए जा सकते हैं।
    साथ ही, यह दर्शाता है कि घरेलू टूर्नामेंट में भी विश्व स्तर के प्रदर्शन संभव हैं, बशर्ते उचित समर्थन और सुविधाएँ उपलब्ध हों।
    चयनकर्ताओं ने इस पारी को बड़े ध्यान से देखा, और इससे देश की टेस्ट टीम में बैक‑अप विकल्पों की सूची में उनका नाम प्रमुखता से आया।
    इस पारी के बाद उनके अगले पांच मैचों में लगातार शतकों ने यह सिद्ध किया कि यह एक बार का चमक नहीं, बल्कि निरंतरता है।
    इस निरंतरता ने भारतीय क्रिकेट के भविष्य में एक स्थायी पहचान बना दी, जिससे टीम के भीतर आत्मविश्वास की नई लहर आई।
    आखिर में, यह कहा जा सकता है कि ऐसी पारी केवल आँकड़ों की नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट के विकास की कहानी लिखती है।
    आशा है कि भविष्य में भी इस तरह की पारी हमें मिलती रहे, ताकि भारतीय क्रिकेट दुनिया में अपनी पहचान को और मजबूत बना सके।

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