के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth    पर 30 सित॰ 2025    टिप्पणि (1)

MP लोकेयुक्ता रैड: सौरभ शर्मा की चार साल की ठगी, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभी ट्रांसपोर्ट चेकपॉस्ट बंद किए

जब सौरभ शर्मा, पूर्व आरटीओ कांस्टेबल के द्वारा चार साल तक राज्य के ट्रांसपोर्ट चेकपॉस्ट से अवैध रूप से मोटर वाहनों से ट्रांसपोर्ट चेकपॉस्ट का धन वसूला जा रहा था, तो मोहन यादव, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने एकदम निर्णय ले लिया – सभी स्थायी चेकपॉस्ट और आरटीओ बैरियर्स को 1 जुलाई 2024 से बंद कर देना। यह कदम एक दशक‑भर चल रही भ्रष्टाचार की जड़ को उखाड़ फेंकने के लिए था, और आज से ट्रक चालकों को लंबे इंतजार और अंधाधुंध कटौती से राहत मिल रही है।

पृष्ठभूमि: लोकेयुक्ता रैड और शिकायतों की बुवाई

अन्यथा कोई छोटा‑मोटा मामला नहीं था। स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट (SPE) ने मध्य प्रदेश लोकेयुक्ता के निर्देश पर कई ठहराव बिंदुओं पर तेज़ी से छापा मारा। शुरुआती सूचना तो इकॉनोमिक ऑफेंसेज़ विंग (EOW) और आयकर विभाग को मिली थी, जिससे पता चला कि सौरभ ने एक गाजर के लेन‑देन को लेकर अपने मुनाफे के लिए राउंड‑द‑क्लॉक साजिश रची थी।

सौरभ शर्मा की उधड़ती नेटवर्क

सौरभ ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक ‘वित्तीय जाल’ बुन दिया था, जो हर गुजरते ट्रक से 2,000 से 5,000 रुपये तक की रकम ले लेता था। वह खुद को निचले‑पैटर्न के रूप में पेश करता था, पर वास्तविक शक्ति उसके संपर्क में थे – कई आरटीओ ओफ़िसर, जिला अधिकारी और यहां तक कि कुछ स्थानीय राजनेता भी। उनका नेटवर्क इस तरह था कि कोई भी ट्रक ड्राइवर बिना डर के रूट नहीं बदल सकता था – ‘बेटा गाड़ी’ चलाने वाले भी इधर‑उधर के काली टोपी वाले गैंग से फटे नहीं।

पिछला प्रशासन और असफल कोशिशें

पहले कांग्रेस‑आधारित सरकार (डिग्विजय सिंह) और फिर शिवराज सिंह चौहान की भाजपा सरकार ने इस मसले को हल्के में लिया। ट्रांसपोर्ट असोसिएशन ने कई बार पेटीशन दायर किए, ट्रक ड्राइवरों ने कभी‑कभी बंदोबस्ती भी कर दी, पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। केंद्र के राजमार्ग एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी एक औपचारिक पत्र भेजा था, पर राज्य‑स्तर पर उसकी आवाज़ को ज़ोर नहीं मिला।

निर्णय: सभी चेकपॉस्ट का समापन

अंततः 1 जुलाई 2024 को सभी ट्रांसपोर्ट चेकपॉस्ट बंद करने का आदेशमध्य प्रदेश जारी किया गया। विशेष रूप से नीमचे के नायागांव बैरियर पर यह कदम स्पष्ट रूप से दिखा – वहाँ सुबह‑सुबह एक ‘खाली’ पोस्टर था, और जलडमरूमध्य में अब कोई भी ‘रुकावट’ नहीं थी।

नीमच जिले के कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन और एसपी अंकित जैसवाल ने अचानक जाँचों को लागू किया, ताकि बंद आदेश का सही‑सही पालन हो सके। अब एक राजस्व अधिकारी और पुलिस अधिकारी उसी जगह पर तैनात हैं, पर उनका काम अब ‘जबरदस्ती मुफ्त टैक्स’ नहीं, बल्कि नियम‑पालन की निगरानी है।

नए सिस्टम की योजना

अब स्थायी चेकपॉस्ट बंद हो गए हैं, पर पूरी प्रतिक्रिया यही नहीं रहने वाली। रीना किराडे, बारवानी रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर ने बताया कि विभाग मोबाइल चेकिंग यूनिट्स और रणनीतिक ‘जंक्शन‑पॉइंट’ बनाने की योजना पर काम कर रहा है। इस तरह से ट्रक दस्तावेज़ीकरण, लोड‑वेटिंग, और सुरक्षा जाँचें बिना किसी ‘गुप्त कर’ के पूरी हो सकेंगी।

ड्राइवरों का आवाज़ और सामाजिक असर

ड्राइवरों की प्रतिक्रियाएँ साक्ष्य‑सेतु जैसी हैं। धूलिया से इंदौर तक के ट्रक चालक दिलीप ने कहा, “अब हमें रास्‍ते में घंटों‑घंटों ठहरना नहीं पड़ता, और न ही अंधाधुंध पैसे देने पड़ते। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हम सबकी जिंदगी बदल दी।” जबकि कई ड्राइवर अभी‑भी सवाल उठा रहे हैं कि क्या नई मोबाइल यूनिट्स को भ्रष्टाचार‑रहित रखा जा सकता है, या फिर यह फिर से ‘पे‑पर‑प्लेट’ की साज़िश में बदल जाएगी।

भविष्य की दिशा: क्या पूरी तरह से भ्रष्ट‑रहित होगा?

विशेष रूप से यह देखना जरूरी है कि नई प्रणाली में ‘जुड़ाव’ किस तरह से बना रहेगा। यदि सेंसर, जीपीएस‑ट्रैकिंग और इलेक्ट्रॉनिक रेज़िस्टेंस के साथ एक पारदर्शी रिपोर्टिंग सिस्टम लागू हो, तो संभवतः भ्रष्टाचार के अवसर कम हो सकते हैं। फिर भी, संवेदनशील समय में राजनैतिक दबाव या वैधानिक अड़चनें फिर से सामने आ सकती हैं। इसलिये सतत निगरानी, नागरिक समाज की भागीदारी और केंद्रीकृत डेटा‑ऑडिट अत्यावश्यक है।

  • सौरभ शर्मा ने 4 साल में लगभग ₹2.5 करोड़ का अवैध राजस्व जुटाया।
  • नियुक्त कार्मिकों के अनुसार, अब तक 17,000 ट्रक ने बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के गुजराव किया है।
  • नयी मोबाइल यूनिट्स के लिए बजट ₹45 करोड़ निर्धारित किया गया है।
  • केंद्रीय सरकार ने ट्रांसपोर्ट चेकपॉस्ट बंद करने के लिए आधिकारिक आदेश जारी कर दिया था, जो जून 2024 में लागू हुआ।

Frequently Asked Questions

क्यों ट्रांसपोर्ट चेकपॉस्ट को बंद किया गया?

स्थायी चेकपॉस्ट के माध्यम से त्रि‑आधार (‘टैक्स’, ‘टिकट', ‘भ्रष्टाचार’) को लेकर लगातार शिकायतें आई थीं। इनसे ट्रक ड्राइवरों को आर्थिक नुकसान और समय की बर्बादी का सामना करना पड़ता था, इसलिए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इन्हें बंद कर नवीन मोबाइल जाँच प्रणाली शुरू करने का आदेश दिया।

सौरभ शर्मा की गिरफ़्तारी में किन दस्तावेज़ों का प्रयोग हुआ?

स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट ने वित्तीय लेन‑देन की फ़ॉरेंसिक रिपोर्ट, बैंक स्टेटमेंट, और चेकपॉस्ट पर वॉल्ट‑रीसीट के साथ-साथ कई ड्राइवरों के गवाहियों को एकत्र किया, जिससे सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों के खिलाफ अभियोजन मामला तैयार हुआ।

नया मोबाइल चेकिंग सिस्टम कैसे काम करेगा?

मोबाइल यूनिट्स में GPS‑ट्रैकिंग, इलेक्ट्रॉनिक डाक्यूमेंट वैरिफिकेशन और रियल‑टाइम डेटा लॉगिंग लगेगा। सतत मॉनिटरिंग टीम इन डेटा को केन्द्र में भेजेगी, जिससे किसी भी अनियमितता पर तुरंत कार्रवाई सम्भव होगी।

क्या राज्य में इस व्यवस्था के बाद भी भ्रष्टाचार की आशंका है?

संभावना हमेशा रहती है, लेकिन नई तकनीकी उपायों और स्वतंत्र ऑडिट द्वारा इसे घटाने की संभावना है। नागरिक समाज, व्यापार संघ और मीडिया की सतत निगरानी इस बात को सुनिश्चित करेगी कि नया सिस्टम पारदर्शी और निष्पक्ष रहे।

ट्रांसपोर्ट असोसिएशन ने इस कदम को कैसे देखा?

ट्रांसपोर्ट असोसिएशन ने इस निर्णय की ‘ऐतिहासिक जीत’ कहा है, क्योंकि अब ड्राइवरों को अंडर‑टेक्स के बिना सड़कों पर चलने का पूरा अधिकार मिलेगा, और उनका आर्थिक बोझ काफी हद तक घटेगा।

1 Comments

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    vikash kumar

    सितंबर 30, 2025 AT 22:09

    रिपोर्ट में उल्लेखित चार‑साल की धोखाधड़ी को एक व्यापक प्रणालीगत विफलता के रूप में देखना चाहिए। इस दृष्टिकोण से, राज्य के ट्रांसपोर्ट चेकपॉस्ट का दुरुपयोग केवल व्यक्तिगत भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि नियामक ढाँचे की असंतुलन का परिणाम है। अतः, नई मोबाइल जाँच प्रणाली के कार्यान्वयन के साथ, नीतिगत पुनर्समीक्षा अनिवार्य प्रतीत होती है।

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