के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth पर 12 जुल॰ 2025 टिप्पणि (6)
लॉर्ड्स टेस्ट में KL राहुल से हुई बड़ी चूक
टेस्ट क्रिकेट में कभी-कभी सिर्फ एक गलती पूरा मुकाबला पलट देती है। और इस बार ये गलती हुई KL राहुल से, जिनका छोड़ा गया आसान कैच भारत के लिए मुश्किलें बढ़ा गया। इंग्लैंड के खिलाफ लार्ड्स में तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन 87वें ओवर में जब मोहम्मद सिराज गेंदबाजी कर रहे थे, तब इंग्लैंड के युवा खिलाड़ी जेमी स्मिथ महज 5 रन पर थे। सिराज की गेंद पर बैक ऑफ लेंथ डिलीवरी ने स्मिथ के बल्ले का किनारा लिया और गेंद सीधा सेकंड स्लिप में राहुल के पास आई। वहां राहुल ने खुद को एकदम तैयार किया था, लेकिन बावजूद इसके गेंद उनके हाथों में नहीं टिक सकी। सिराज के चेहरे पर निराशा साफ झलक रही थी, वह क्षणभर के लिए स्तब्ध रह गए।
कैच का असर: इंग्लैंड ने बनाया 387 रन का विशाल स्कोर
राहुल के इस ड्रॉप कैच ने मैच का रुख पूरी तरह बदल दिया। जेमी स्मिथ को मिले इस जीवनदान का उन्होंने पूरा फायदा उठाया और तेजी से 51 रन बना डाले। साथ में निचले क्रम के बैट्समैन ब्राइडन कार्स (56 रन) से हाथ मिलाकर 84 रन की साझेदारी करके इंग्लैंड की पारी को संकट से बाहर निकाल लाए। भारत जहां 271/7 पर इंग्लैंड को झटका दे चुका था, वहीं यह जोड़ी इंग्लैंड को 387 रन तक ले आई।
लॉर्ड्स के मैदान पर कैच छोड़ना किसी भी टीम के लिए भारी साबित होता है और इस बात को भारतीय फील्डर्स भी जानते हैं। पहले से ही टीम इंडिया बुमराह की गेंदबाजी से अच्छी स्थिति में दिख रही थी—बुमराह ने बेन स्टोक्स और जो रूट जैसे अहम खिलाड़ियों को आउट किया था। मगर राहुल की एक गलती ने सारा समीकरण बदल दिया।
मैच के बाद कई फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट्स इस बात को मान रहे हैं कि अगर उक्त कैच पकड़ा जाता तो इंग्लैंड की पारी 300 के पार भी नहीं जाती। इस गलती ने गेंदबाजों का आत्मविश्वास डगमगा दिया और इंग्लैंड को वापसी का मौका दे दिया। सिराज इस मौके पर खासे हताश रहे—बॉलिंग एंड पर खड़े होकर कुछ देर तक केवल खाली देखते रहे। ऐसा पहली बार नहीं है जब एक छोटी सी गलती से नतीजे प्रभावित हुए हों, लेकिन इतने बड़े मैच में, उस पर लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर, गलती की कीमत दोगुनी हो जाती है।
अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि भारत अपनी पहली पारी में कितनी मजबूती दिखाता है और क्या राहुल अपनी बल्लेबाजी में इस गलती का प्रायश्चित कर पाएंगे। क्रिकेट में फील्डिंग की अहमियत को झुठलाया नहीं जा सकता, और लॉर्ड्स टेस्ट ने इसे फिर से सबके सामने रख दिया है।

Govind Reddy
जुलाई 12, 2025 AT 18:43अचानक फील्डिंग की कीमत पर विचार करना ही जीवन की सच्चाई है।
KRS R
जुलाई 12, 2025 AT 18:53भाई, राहुल की फील्डिंग काबू में नहीं थी, ऐसे लापरवाह मूव्स मैच को पलट सकते हैं।
लार्ड्स की दबाव वाली पिच पर हर छोटा कैच बड़ा मायने रखता है, और इस चूक से इंग्लैंड को राहत मिली।
अब भारत को बैटिंग से नहीं, फील्डिंग से भी जीत बनानी पड़ेगी।
Uday Kiran Maloth
जुलाई 12, 2025 AT 19:03आपकी दृष्टिकोण सराहनीय है।
वास्तव में, इस क्षणिक त्रुटि ने पहले से स्थापित बुमराह की लाइन‑अप को भी अस्थिर कर दिया।
सेकंड स्लिप जैसी रणनीतिक पोजिशन का अभाव, टीम की फ़ील्डिंग इक्विपमेंट के भीतर समन्वय को प्रश्नांकित करता है।
टेक्निकल टर्म्स जैसे 'कैंचॉँट्री स्लिप' और 'वेस्ट इंटर्नल' की भूमिका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
Deepak Rajbhar
जुलाई 12, 2025 AT 19:13वाह, राहुल ने तो सीधे फिल्म के क्लाइमैक्स जैसा किया, फिर भी एग्जीक्यूटिव प्रोडक्शन टीम ने इसे ड्रॉप कैच समझा।
अब तो इंग्लैंड की स्कोरबोर्ड भी नाच रही होगी :)।
Hitesh Engg.
जुलाई 12, 2025 AT 19:23मैं पूरी तरह सहमत हूँ कि यह घटना क्रिकेट का एक नाटकीय मोड़ बन गई।
पहले से ही टीम इंडिया की बम्पर फॉर्म पर नजरें टिकी थीं, लेकिन एक छोटा सा कैच अनपेक्षित रूप से सारी डाइनामिक बदल देता है।
खासकर जब वह सेकंड स्लिप में फंसा हो, जहाँ हर फील्डर को तीव्र ध्यान और तेज प्रतिक्रिया की जरूरत होती है।
राहुल का उस क्षण में हाथ फिसलना केवल व्यक्तिगत त्रुटि नहीं, बल्कि टीम की समग्र फील्डिंग मेकैनिज्म की कमजोरी भी दर्शाता है।
इंग्लैंड की पारी में जेमी स्मिथ ने जो तेज़ी से 51 रन बनाये, वही इस नज़रअंदाज़ का सीधा परिणाम था।
वह 5 रन पर थे और अचानक उन्हें एक जीवित मौका मिला, जिससे रिवर्सल की दिशा बदल गई।
बात यह है कि इस छोटी सी गलती ने बुमराह के बॉलिंग प्लैन को भी अस्थिर कर दिया, क्योंकि फील्डिंग को मजबूत माना जाता है तो बॉलर को मनोवैज्ञानिक दृढ़ता मिलती है।
सिराज, जो उस समय निराश दिख रहे थे, उनकी मांसपेशियों में तनाव स्पष्ट था, और यह तनाव आगे की बॉलिंग में कमी का कारण बना।
फील्डिंग में ऐसा छोटा लापरवाह कदम अक्सर टीम की आत्मविश्वास को हिला देता है, और यह भावनात्मक पहलू अक्सर आँकड़ों में नहीं दिखता।
क्रिकेट में अक्सर कहा जाता है 'भूले नहीं, निरंतरता ही जीत है', परन्तु निरंतरता तभी संभव है जब हर खिलाड़ी का फोकस टॉप लेवल पर रहे।
राहुल को इस गडबड़ी से सीख लेनी चाहिए और आगे के मैचों में अपनी फील्डिंग को परिपूर्ण बनाने की कोशिश करनी चाहिए।
दूसरी तरफ, कोचेज़ को भी इस तरह की स्थितियों में टीम को मानसिक रूप से तैयार कराना चाहिए, ताकि एकल गलती पूरे मैच को प्रभावित न करे।
भविष्य में अगर इस तरह के ड्रॉप को रोकने के लिए अभ्यास सत्रों में अधिक सिमुलेशन किया जाए, तो निश्चित ही फील्डिंग की दक्षता बढ़ेगी।
यह भी ध्यान देना जरूरी है कि कैचींग पॉज़िशन में संचार को सुधारना चाहिए, क्योंकि कई बार आवाज़ों का ओवरलैप भी फील्डर को भ्रमित कर सकता है।
आखिरकार, क्रिकेट सिर्फ बैटिंग और बॉलिंग नहीं, फील्डिंग भी बराबर की भूमिका निभाती है, और यही कारण है कि इस तरह की चूक को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
उम्मीद है कि अगली बार इस तरह की चूक नहीं होगी और भारत फिर से लॉर्ड्स में अपनी ताकत दिखा पाएगा।
Zubita John
जुलाई 12, 2025 AT 19:33चलो भाई, अगली बार कूदो और फील्डिंग में तेज़ी लाओ, अरे, भूल मत जाओ कि कॅच की प्रैक्टिस हर दिन करनी चाहिए।