के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth    पर 30 अक्तू॰ 2025    टिप्पणि (0)

IND vs SA 3rd T20I: विशाखापट्टनम के पिच और मौसम की जानकारी, भारत को बचने के लिए जीत जरूरी

भारत को टी20आई सीरीज़ में बचने के लिए अब एकमात्र रास्ता है — जीत। दक्षिण अफ्रीका ने पहले दो मैच जीत लिए हैं, और अब तीसरा मैच विशाखापट्टनम के डॉ. वाईएस राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम में खेला जा रहा है। भारत की टीम सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में है, जबकि दक्षिण अफ्रीका की टीम एडेन मार्क्रम के नेतृत्व में है। लेकिन यहाँ का मैदान और मौसम दोनों ही एक अज्ञात गुणक बन गए हैं।

पिच का रहस्य: बल्लेबाज़ों का स्वर्ग, गेंदबाज़ों का जंगल

इस स्टेडियम पर 10 टी20आई मैच खेले जा चुके हैं, और इनमें से 7 में वह टीम जीती जिसने पहले गेंदबाज़ी की। यानी 70% मैचों में बल्लेबाज़ी करने वाली टीम ने हार मानी। यह आंकड़ा किसी भी अन्य भारतीय मैदान से कहीं ज्यादा अनोखा है। पहली पारी में औसतन सिर्फ 128 रन बनते हैं, और दूसरी पारी में वो नीचे गिरकर 116 रन हो जाते हैं।

पिच शुरुआत में बल्लेबाज़ों के लिए बहुत अच्छी लगती है — तेज़ गेंदबाज़ों को कोई मदद नहीं मिलती। लेकिन बीच के ओवर्स में ये धीमी हो जाती है। स्पिनर्स के लिए यहाँ जमीन बन जाती है। गेंद जमीन पर टकराकर अचानक बदल देती है। क्रिकेटमैन2 की रिपोर्ट के मुताबिक, "पिच मध्य ओवर्स में धीमी हो जाती है, जिससे स्पिन बॉलर्स को फायदा होता है।" और ये बात वाकई में सच है।

सबसे दिलचस्प बात? यहाँ की बाउंड्री लंबाइयाँ अजीब हैं। ऑफसाइड के स्क्वायर और बिहाइंड स्क्वायर के बाउंड्री 60-68 मीटर हैं, लेगसाइड पर 61-64 मीटर, लेकिन सीधे स्ट्रेट पर 73-79 मीटर! यानी अगर आप बाएँ हाथ के बल्लेबाज़ हैं, तो आपको लगभग 15 मीटर ज्यादा दूर चलना पड़ेगा। यह बात बल्लेबाज़ों के लिए एक छिपा हुआ चुनौती है।

मौसम: बारिश और ड्यू का खेल

यहाँ का मौसम अब तक किसी भी मैच से ज्यादा अनिश्चित है। विशाखापट्टनम में 7 अक्टूबर से बारिश जारी है। आज दोपहर से बिखरी हुई बारिश की उम्मीद है, और टॉस के समय सबसे भारी बारिश होने का अनुमान है। इसका मतलब? टॉस जीतने वाला कप्तान शायद गेंदबाज़ी का फैसला करे।

एक बार जब बारिश रुक जाए, तो ड्यू का असर शुरू हो जाता है। ड्यू का मतलब है — दूसरी पारी में गेंद नम हो जाना। ये गेंद अच्छी तरह से रोटेट नहीं होती, और स्पिनर्स की गेंदें बेकार हो जाती हैं। इसलिए टीम जो दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी करेगी, उसके लिए ये एक बड़ा फायदा हो सकता है।

इंडियन वुमन्स की बल्लेबाज़ जेमिमाह रोड्रिग्स ने वुमन्स वर्ल्ड कप 2025 के दौरान कहा था: "270 का स्कोर यहाँ प्रतिस्पर्धी हो सकता है, लेकिन बारिश और नमी के असर के आधार पर।" ये बात आज भी लागू होती है।

इतिहास और मनोवैज्ञानिक दबाव

इतिहास और मनोवैज्ञानिक दबाव

भारत ने इस स्टेडियम पर दो टी20आई खेले हैं — एक जीता (2016), एक हारा (2019)। लेकिन दक्षिण अफ्रीका के लिए यह पहली बार है। वो पहले यहाँ टेस्ट खेल चुके हैं, और वहाँ उनका बड़े अंतर से हार जाना था। ये तनाव उनके लिए नया है।

स्टेडियम का नाम डॉ. वाईएस राजशेखर रेड्डी के नाम पर है — आंध्र प्रदेश के एक लोकप्रिय मुख्यमंत्री। ये स्टेडियम न सिर्फ पुरुषों के लिए, बल्कि महिलाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है। 2025 में यहाँ महिला वर्ल्ड कप के बाद पहली बार 11 साल बाद महिला ओडीआई खेली गई। इसका मतलब — ये पिच किसी एक टीम के लिए भी नहीं, बल्कि दोनों टीमों के लिए एक नया अनुभव है।

क्या होगा अगले दिन?

अगर भारत जीतता है, तो सीरीज़ 2-1 हो जाएगी। अगला मैच अभी भी विशाखापट्टनम में ही होगा। अगर भारत हार गया, तो दक्षिण अफ्रीका सीरीज़ जीत चुका होगा। लेकिन यहाँ का मौसम और पिच दोनों ही अनुमान लगाने के लिए बहुत अजीब हैं।

अगर टॉस जीतकर दक्षिण अफ्रीका बल्लेबाज़ी करता है, तो वो शायद 180-190 के बीच का स्कोर बनाने की कोशिश करेगा। अगर भारत बल्लेबाज़ी करता है, तो उन्हें 210+ बनाना होगा — जो इस मैदान पर बहुत मुश्किल है।

महत्वपूर्ण आंकड़े

महत्वपूर्ण आंकड़े

  • इस स्टेडियम पर टी20आई में सबसे अधिक स्कोर: 209/8 (भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया)
  • सबसे कम स्कोर: 82 (श्रीलंका बनाम भारत)
  • सबसे बड़ी सफल चेज़: 209/8 (भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया)
  • सबसे कम सफल बचाव: 138/4 (ऑस्ट्रेलिया वुमन्स बनाम भारत वुमन्स)
  • टॉस जीतकर गेंदबाज़ी करने वाली टीम की जीत की दर: 70%
  • पिच का औसत गति: धीमी, बीच के ओवर्स में बहुत धीमी

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

इस पिच पर कौन फायदा उठाएगा — बल्लेबाज़ या गेंदबाज़?

शुरुआत में बल्लेबाज़ों को फायदा होता है, क्योंकि पिच तेज़ गेंदबाज़ों के लिए कोई मदद नहीं देती। लेकिन बीच के ओवर्स में पिच धीमी हो जाती है और स्पिनर्स को ग्रिप मिलता है। दूसरी पारी में ड्यू के कारण गेंद नम हो जाती है, जिससे स्पिनर्स का असर कम हो जाता है। इसलिए टॉस जीतने वाला कप्तान अक्सर गेंदबाज़ी का फैसला करता है।

270 का स्कोर इस मैदान पर क्यों अहम है?

इस स्टेडियम पर टी20आई में कोई भी टीम 200+ रन नहीं बना पाई है — सिवाय भारत के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 209/8 के। लेकिन ओडीआई में भारत ने 387 बनाए थे। विश्लेषकों का मानना है कि अगर बारिश नहीं होती और ड्यू नहीं होता, तो 270 एक प्रतिस्पर्धी स्कोर हो सकता है। लेकिन इस मैच में ऐसा संभव नहीं लगता।

टॉस जीतने का फैसला कैसे लें?

अगर बारिश की भारी बूंदें टॉस के समय गिर रही हैं, तो गेंदबाज़ी करना बेहतर है। नम पिच पर गेंदबाज़ों को ज्यादा झुकाव और सीम लेने में मदद मिलती है। बाद में ड्यू आने से बल्लेबाज़ों को आसानी होगी। इसलिए टॉस जीतकर गेंदबाज़ी करना एक स्मार्ट गेम प्लान है।

भारत की टीम को किन खिलाड़ियों पर भरोसा करना चाहिए?

सूर्यकुमार यादव और रिशभ पंत जैसे बल्लेबाज़ जो धीमी पिच पर अच्छा खेलते हैं, उन पर भरोसा करना चाहिए। गेंदबाज़ी में अर्शदीप सिंह और रविंद्र जडेजा की जोड़ी महत्वपूर्ण होगी — अर्शदीप शुरुआती ओवर्स में सीम का फायदा उठाएंगे, और जडेजा बीच के ओवर्स में स्पिन के जरिए विकेट लेंगे।