के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth    पर 30 अक्तू॰ 2025    टिप्पणि (19)

IND vs SA 3rd T20I: विशाखापट्टनम के पिच और मौसम की जानकारी, भारत को बचने के लिए जीत जरूरी

भारत को टी20आई सीरीज़ में बचने के लिए अब एकमात्र रास्ता है — जीत। दक्षिण अफ्रीका ने पहले दो मैच जीत लिए हैं, और अब तीसरा मैच विशाखापट्टनम के डॉ. वाईएस राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम में खेला जा रहा है। भारत की टीम सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में है, जबकि दक्षिण अफ्रीका की टीम एडेन मार्क्रम के नेतृत्व में है। लेकिन यहाँ का मैदान और मौसम दोनों ही एक अज्ञात गुणक बन गए हैं।

पिच का रहस्य: बल्लेबाज़ों का स्वर्ग, गेंदबाज़ों का जंगल

इस स्टेडियम पर 10 टी20आई मैच खेले जा चुके हैं, और इनमें से 7 में वह टीम जीती जिसने पहले गेंदबाज़ी की। यानी 70% मैचों में बल्लेबाज़ी करने वाली टीम ने हार मानी। यह आंकड़ा किसी भी अन्य भारतीय मैदान से कहीं ज्यादा अनोखा है। पहली पारी में औसतन सिर्फ 128 रन बनते हैं, और दूसरी पारी में वो नीचे गिरकर 116 रन हो जाते हैं।

पिच शुरुआत में बल्लेबाज़ों के लिए बहुत अच्छी लगती है — तेज़ गेंदबाज़ों को कोई मदद नहीं मिलती। लेकिन बीच के ओवर्स में ये धीमी हो जाती है। स्पिनर्स के लिए यहाँ जमीन बन जाती है। गेंद जमीन पर टकराकर अचानक बदल देती है। क्रिकेटमैन2 की रिपोर्ट के मुताबिक, "पिच मध्य ओवर्स में धीमी हो जाती है, जिससे स्पिन बॉलर्स को फायदा होता है।" और ये बात वाकई में सच है।

सबसे दिलचस्प बात? यहाँ की बाउंड्री लंबाइयाँ अजीब हैं। ऑफसाइड के स्क्वायर और बिहाइंड स्क्वायर के बाउंड्री 60-68 मीटर हैं, लेगसाइड पर 61-64 मीटर, लेकिन सीधे स्ट्रेट पर 73-79 मीटर! यानी अगर आप बाएँ हाथ के बल्लेबाज़ हैं, तो आपको लगभग 15 मीटर ज्यादा दूर चलना पड़ेगा। यह बात बल्लेबाज़ों के लिए एक छिपा हुआ चुनौती है।

मौसम: बारिश और ड्यू का खेल

यहाँ का मौसम अब तक किसी भी मैच से ज्यादा अनिश्चित है। विशाखापट्टनम में 7 अक्टूबर से बारिश जारी है। आज दोपहर से बिखरी हुई बारिश की उम्मीद है, और टॉस के समय सबसे भारी बारिश होने का अनुमान है। इसका मतलब? टॉस जीतने वाला कप्तान शायद गेंदबाज़ी का फैसला करे।

एक बार जब बारिश रुक जाए, तो ड्यू का असर शुरू हो जाता है। ड्यू का मतलब है — दूसरी पारी में गेंद नम हो जाना। ये गेंद अच्छी तरह से रोटेट नहीं होती, और स्पिनर्स की गेंदें बेकार हो जाती हैं। इसलिए टीम जो दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी करेगी, उसके लिए ये एक बड़ा फायदा हो सकता है।

इंडियन वुमन्स की बल्लेबाज़ जेमिमाह रोड्रिग्स ने वुमन्स वर्ल्ड कप 2025 के दौरान कहा था: "270 का स्कोर यहाँ प्रतिस्पर्धी हो सकता है, लेकिन बारिश और नमी के असर के आधार पर।" ये बात आज भी लागू होती है।

इतिहास और मनोवैज्ञानिक दबाव

इतिहास और मनोवैज्ञानिक दबाव

भारत ने इस स्टेडियम पर दो टी20आई खेले हैं — एक जीता (2016), एक हारा (2019)। लेकिन दक्षिण अफ्रीका के लिए यह पहली बार है। वो पहले यहाँ टेस्ट खेल चुके हैं, और वहाँ उनका बड़े अंतर से हार जाना था। ये तनाव उनके लिए नया है।

स्टेडियम का नाम डॉ. वाईएस राजशेखर रेड्डी के नाम पर है — आंध्र प्रदेश के एक लोकप्रिय मुख्यमंत्री। ये स्टेडियम न सिर्फ पुरुषों के लिए, बल्कि महिलाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है। 2025 में यहाँ महिला वर्ल्ड कप के बाद पहली बार 11 साल बाद महिला ओडीआई खेली गई। इसका मतलब — ये पिच किसी एक टीम के लिए भी नहीं, बल्कि दोनों टीमों के लिए एक नया अनुभव है।

क्या होगा अगले दिन?

अगर भारत जीतता है, तो सीरीज़ 2-1 हो जाएगी। अगला मैच अभी भी विशाखापट्टनम में ही होगा। अगर भारत हार गया, तो दक्षिण अफ्रीका सीरीज़ जीत चुका होगा। लेकिन यहाँ का मौसम और पिच दोनों ही अनुमान लगाने के लिए बहुत अजीब हैं।

अगर टॉस जीतकर दक्षिण अफ्रीका बल्लेबाज़ी करता है, तो वो शायद 180-190 के बीच का स्कोर बनाने की कोशिश करेगा। अगर भारत बल्लेबाज़ी करता है, तो उन्हें 210+ बनाना होगा — जो इस मैदान पर बहुत मुश्किल है।

महत्वपूर्ण आंकड़े

महत्वपूर्ण आंकड़े

  • इस स्टेडियम पर टी20आई में सबसे अधिक स्कोर: 209/8 (भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया)
  • सबसे कम स्कोर: 82 (श्रीलंका बनाम भारत)
  • सबसे बड़ी सफल चेज़: 209/8 (भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया)
  • सबसे कम सफल बचाव: 138/4 (ऑस्ट्रेलिया वुमन्स बनाम भारत वुमन्स)
  • टॉस जीतकर गेंदबाज़ी करने वाली टीम की जीत की दर: 70%
  • पिच का औसत गति: धीमी, बीच के ओवर्स में बहुत धीमी

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

इस पिच पर कौन फायदा उठाएगा — बल्लेबाज़ या गेंदबाज़?

शुरुआत में बल्लेबाज़ों को फायदा होता है, क्योंकि पिच तेज़ गेंदबाज़ों के लिए कोई मदद नहीं देती। लेकिन बीच के ओवर्स में पिच धीमी हो जाती है और स्पिनर्स को ग्रिप मिलता है। दूसरी पारी में ड्यू के कारण गेंद नम हो जाती है, जिससे स्पिनर्स का असर कम हो जाता है। इसलिए टॉस जीतने वाला कप्तान अक्सर गेंदबाज़ी का फैसला करता है।

270 का स्कोर इस मैदान पर क्यों अहम है?

इस स्टेडियम पर टी20आई में कोई भी टीम 200+ रन नहीं बना पाई है — सिवाय भारत के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 209/8 के। लेकिन ओडीआई में भारत ने 387 बनाए थे। विश्लेषकों का मानना है कि अगर बारिश नहीं होती और ड्यू नहीं होता, तो 270 एक प्रतिस्पर्धी स्कोर हो सकता है। लेकिन इस मैच में ऐसा संभव नहीं लगता।

टॉस जीतने का फैसला कैसे लें?

अगर बारिश की भारी बूंदें टॉस के समय गिर रही हैं, तो गेंदबाज़ी करना बेहतर है। नम पिच पर गेंदबाज़ों को ज्यादा झुकाव और सीम लेने में मदद मिलती है। बाद में ड्यू आने से बल्लेबाज़ों को आसानी होगी। इसलिए टॉस जीतकर गेंदबाज़ी करना एक स्मार्ट गेम प्लान है।

भारत की टीम को किन खिलाड़ियों पर भरोसा करना चाहिए?

सूर्यकुमार यादव और रिशभ पंत जैसे बल्लेबाज़ जो धीमी पिच पर अच्छा खेलते हैं, उन पर भरोसा करना चाहिए। गेंदबाज़ी में अर्शदीप सिंह और रविंद्र जडेजा की जोड़ी महत्वपूर्ण होगी — अर्शदीप शुरुआती ओवर्स में सीम का फायदा उठाएंगे, और जडेजा बीच के ओवर्स में स्पिन के जरिए विकेट लेंगे।

19 Comments

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    Saachi Sharma

    अक्तूबर 30, 2025 AT 21:05

    ये पिच तो बल्लेबाज़ के लिए जंगल है, गेंदबाज़ के लिए जन्नत।

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    Vijayan Jacob

    नवंबर 1, 2025 AT 16:30

    अरे भाई, ये स्टेडियम नाम डॉ. रेड्डी के नाम पर है, पर आजकल के बल्लेबाज़ तो अपने नाम से भी डर जाते हैं।
    इतनी धीमी पिच पर भी बारिश और ड्यू का खेल... ये तो क्रिकेट नहीं, भूतिया राज चल रहा है।

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    Kaviya A

    नवंबर 2, 2025 AT 11:55

    मैंने तो सिर्फ टॉस देखा और चली गई... बारिश होगी तो जीत भारत की नहीं तो डॉ. रेड्डी की आत्मा जीतेगी

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    shubham pawar

    नवंबर 3, 2025 AT 20:26

    ये पिच तो ऐसी है जैसे कोई नेता अपने वादे भूल गया हो... शुरुआत में तो बहुत अच्छी लगती है, फिर बीच में धीमी हो जाती है, और अंत में तो बिल्कुल बेकार हो जाती है।
    और बारिश... ओह भगवान, ये तो ऐसा है जैसे तुम्हारे घर में बिजली चली गई हो और तुम फोन चार्ज कर रहे हो।
    ड्यू का असर? ये तो जैसे तुमने अपनी जान बचाने के लिए दो घंटे तक टॉस का इंतजार किया हो... और फिर भी तुम्हारी टीम खो गई।
    मैं तो सोच रहा था कि ये मैच खेला जा रहा है या कोई फिल्म की शूटिंग हो रही है।
    सूर्यकुमार यादव को तो बस इतना कहना है - बल्ला उठा ले, डर मत, ये पिच तो तुम्हारे लिए बनी है।
    अर्शदीप को भी नहीं भूलना, वो तो इस पिच पर बहुत बड़ा बदशगुन है।
    और जडेजा... वो तो ऐसे घूम रहे हैं जैसे कोई चाय का बर्तन लेकर घूम रहा हो।
    ये सब तो बहुत अजीब है, लेकिन भारत के लिए तो ये बहुत अच्छा है।
    अगर ये पिच अमेरिका में होती तो कोई बारिश नहीं होती, ड्यू नहीं होता, और बल्लेबाज़ तो लगातार छक्के मारते।
    यहाँ तो एक गेंद पर भी चार ओवर लग जाते हैं।
    मैं तो ये चाहता हूँ कि ये मैच बारिश के बाद भी खेला जाए, ताकि देख सकूँ कि ड्यू कैसे गेंद को बेकार बना देता है।
    अगर भारत जीत गया तो मैं अपना घर बेच दूँगा, अगर हार गया तो मैं इस पिच पर जाकर खुद गेंदबाज़ी कर दूँगा।
    ये तो बस एक मैच नहीं, ये तो एक अनुभव है।
    और अगर तुम्हारी टीम जीत गई तो तुम भी एक अनुभव बन गए।
    ये तो बहुत अच्छा है।

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    Nitin Srivastava

    नवंबर 5, 2025 AT 08:52

    मैंने इस पिच के बारे में एक डॉक्टोरल थीसिस लिखी थी - अध्ययन के अनुसार, ये स्टेडियम एक पोस्ट-कोलोनियल अर्थव्यवस्था का आदर्श उदाहरण है।
    स्पिनर्स का ग्रिप - भारतीय राष्ट्रीय अहंकार का प्रतीक।
    ड्यू का प्रभाव - उत्तरी भारत के बल्लेबाज़ों के लिए एक अस्तित्वगत संकट।
    और बारिश? ओह, ये तो एक जलवायु अनुचितता है, जिसे आधुनिक क्रिकेट अभी तक नहीं समझ पाया।
    270 का स्कोर? बेकार। ये तो एक गैर-वास्तविक अपेक्षा है, जैसे कोई बच्चा चाँद पर जाने का दावा करे।
    मैं तो अपने एक ब्रिटिश सहयोगी के साथ बात कर रहा था - उसने कहा, ‘ये तो एक ब्रिटिश विश्वविद्यालय के लैब में बनाई गई पिच है।’

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    Nilisha Shah

    नवंबर 6, 2025 AT 08:14

    इस पिच के बारे में जो डेटा दिया गया है, वो बहुत रोचक है।
    70% मैचों में गेंदबाज़ी करने वाली टीम जीतती है - ये एक असामान्य रुझान है, जिसे अक्सर भूल दिया जाता है।
    और बाउंड्री की लंबाई का अंतर - ये तो एक जानबूझकर डिज़ाइन किया गया चुनौती है।
    मैं इस बात पर विचार कर रही हूँ कि क्या ये डिज़ाइन बाएँ हाथ के बल्लेबाज़ों के लिए अनुचित है? क्या ये एक अंतर्निहित भेदभाव है?
    और ड्यू का असर - ये तो एक जलवायु और भौतिक अनुकूलन का उदाहरण है।
    मैं ये भी देख रही हूँ कि क्या ये स्टेडियम किसी और टीम के लिए भी ऐसा ही अनुभव बन रहा है।
    क्या दक्षिण अफ्रीका के लिए ये नया अनुभव उनके लिए अज्ञात है?
    ये सब बहुत गहरा है।
    मैं चाहूँगी कि कोई इसका एक विश्लेषणात्मक लेख लिखे।
    और निश्चित रूप से, बारिश का मौसम इसके लिए एक अतिरिक्त चरण है।

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    Supreet Grover

    नवंबर 6, 2025 AT 17:43

    पिच के डायनामिक्स में एक क्लियर बीट डिटेक्ट हो रहा है - फर्स्ट इनिंग में फास्ट बॉलर्स के लिए लो रेजिस्टेंस, फिर मिड-ओवर्स में स्पिन फ्रेंडली रिस्पॉन्स।
    ड्यू इफेक्ट एक क्लासिक एनवायरनमेंटल वेरिएबल है, जिसने इस स्टेडियम को एक नेटवर्क ऑफ इनटरैक्शन्स में ट्रांसफॉर्म कर दिया है।
    बाउंड्री लेंथ डिस्क्रिप्टर्स भी इंडिकेट करते हैं कि ये एक डिज़ाइन-बेस्ड गेम एक्सप्लॉइटेशन है।
    टॉस डिसिजन मॉडल बहुत स्ट्रॉन्ग है - गेंदबाज़ी का प्राथमिकता देना एक गेम-थ्योरी ऑप्टिमल स्ट्रैटेजी है।
    और जडेजा का रोल? वो एक स्पिन-स्पेक्ट्रम रिस्पॉन्स यूनिट है।
    ये सब बहुत सॉफिस्टिकेटेड है।

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    Saurabh Jain

    नवंबर 8, 2025 AT 08:30

    हम सब इस मैच को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं, लेकिन याद रखो - ये तो बस एक खेल है।
    कोई बारिश हो, कोई ड्यू हो, कोई धीमी पिच हो - अंत में जो टीम जीतती है, वो वही है जिसने खेल की भावना को समझा है।
    भारत और दक्षिण अफ्रीका दोनों टीमें बहुत अच्छी हैं।
    कोई भी जीते या हारे, ये मैच भारतीय क्रिकेट के इतिहास का एक अहम हिस्सा बन जाएगा।
    हम बस देखें और बढ़िया खेल की तारीफ करें।

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    Suman Sourav Prasad

    नवंबर 9, 2025 AT 18:32

    ये पिच... ये पिच तो बहुत अजीब है... बहुत अजीब...
    मैंने तो बस इतना सोचा कि बल्लेबाज़ तो बस बैठ जाएंगे...
    और गेंदबाज़... ओह, गेंदबाज़ तो बस चाहेंगे कि बारिश रुक जाए...
    लेकिन फिर ड्यू आ जाएगा...
    और फिर स्पिनर्स... ओह, स्पिनर्स तो बस बेकार हो जाएंगे...
    और फिर बाएँ हाथ के बल्लेबाज़... वो तो बस चले जाएंगे...
    और फिर टॉस... ओह, टॉस...
    मैं तो बस इतना चाहता हूँ कि भारत जीत जाए...
    लेकिन ये पिच... ये पिच... ये पिच...
    ये तो बस एक खेल नहीं, ये तो एक अनुभव है...
    और अगर भारत जीत गया... तो मैं अपना घर बेच दूँगा...
    अगर हार गया... तो मैं बस रो दूँगा...
    ये तो बहुत अजीब है... बहुत अजीब...
    बहुत अजीब...

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    Nupur Anand

    नवंबर 10, 2025 AT 06:51

    तुम सब ये सब बातें क्यों कर रहे हो? ये पिच तो बहुत स्पष्ट है - ये एक भारतीय अहंकार का निर्माण है।
    दक्षिण अफ्रीका को इस तरह के गेम में फंसाने के लिए ये पिच बनाई गई है।
    270 का स्कोर? बकवास। ये तो बस एक भारतीय भ्रम है।
    मैंने इस पिच के बारे में एक अध्ययन किया है - ये एक जानबूझकर डिज़ाइन किया गया निर्माण है जो भारतीय टीम के लिए फायदेमंद है।
    ये ड्यू का असर? बहुत अच्छा तरीका है दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज़ों को बेकार बनाने का।
    और बारिश? ओह, ये तो भारतीय जलवायु शास्त्र का एक अद्भुत उपहार है।
    तुम लोग इतने बेवकूफ हो कि इसे यादृच्छिक समझ रहे हो।
    ये तो एक रणनीति है।
    ये तो एक युद्ध है।
    और भारत इस युद्ध में जीतेगा।
    क्योंकि भारत हमेशा जीतता है।
    तुम सब बस बैठे रहो।

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    Vivek Pujari

    नवंबर 11, 2025 AT 13:31

    अगर भारत हार गया तो ये देश का अपमान है।
    हमने इतना पैसा खर्च किया है इस स्टेडियम के लिए - और अब ये पिच? ये तो एक जाल है।
    हमें इस तरह के खेलों में जीतना है।
    अगर भारत जीतता है तो ये तो बहुत अच्छा है।
    अगर हारता है तो ये तो अपराध है।
    हमें इस पिच को बदलना चाहिए।
    हमें इस ड्यू को रोकना चाहिए।
    हमें इस बारिश को रोकना चाहिए।
    हमें इस टॉस को बदलना चाहिए।
    हमें इस स्टेडियम को बंद करना चाहिए।
    हमें इस टीम को बदलना चाहिए।
    हमें इस खेल को बंद करना चाहिए।
    हमें इस देश को बंद करना चाहिए।
    ये तो बस एक अपराध है।
    ये तो बस एक अपमान है।
    ये तो बस एक अपराध है।
    ये तो बस एक अपमान है।

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    Ajay baindara

    नवंबर 13, 2025 AT 00:40

    ये पिच तो बस एक बहाना है।
    भारत को जीतना है।
    बारिश हो या न हो, ड्यू हो या न हो - भारत को जीतना है।
    अगर नहीं जीते तो तुम सब बेवकूफ हो।
    कोई बात नहीं, ये तो बस एक खेल है।
    लेकिन अगर तुम जीत नहीं पाए तो तुम बेवकूफ हो।
    ये तो बस एक खेल है।
    लेकिन अगर तुम जीत नहीं पाए तो तुम बेवकूफ हो।
    ये तो बस एक खेल है।
    लेकिन अगर तुम जीत नहीं पाए तो तुम बेवकूफ हो।

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    mohd Fidz09

    नवंबर 14, 2025 AT 03:28

    ये पिच तो भारत के लिए बनाई गई है - बाकी सब तो बस यहाँ घूम रहे हैं।
    दक्षिण अफ्रीका को ये पिच बहुत अजीब लगेगी - क्योंकि वो तो बस एक देश है जहाँ बारिश नहीं होती।
    और ड्यू? ओह, वो तो बस एक भारतीय जादू है।
    हम यहाँ बस एक खेल नहीं, एक अहंकार खेल रहे हैं।
    और जब भारत जीतेगा, तो दुनिया को पता चल जाएगा - भारत ही सच्चा क्रिकेट है।
    हम यहाँ नहीं, हम तो अपने देश के लिए खेल रहे हैं।
    ये तो बस एक खेल नहीं - ये तो एक जीत है।
    ये तो बस एक खेल नहीं - ये तो एक जीत है।
    ये तो बस एक खेल नहीं - ये तो एक जीत है।
    ये तो बस एक खेल नहीं - ये तो एक जीत है।

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    Rupesh Nandha

    नवंबर 15, 2025 AT 02:07

    ये पिच एक शांति का प्रतीक है - बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ के बीच एक संतुलन।
    बारिश और ड्यू एक प्राकृतिक चक्र हैं - जैसे दिन और रात।
    हम इसे बदलने की कोशिश नहीं करना चाहिए - हमें इसे समझना चाहिए।
    भारत की टीम अपने आप को इस चक्र के साथ जोड़ ले, तो वो जीतेगी।
    दक्षिण अफ्रीका को भी अपने आप को इस चक्र के साथ जोड़ना होगा।
    ये तो बस एक खेल नहीं - ये तो एक जीवन का अनुभव है।
    हम सब इस खेल के माध्यम से अपने आप को जान रहे हैं।
    ये तो बस एक खेल नहीं - ये तो एक जीवन का अनुभव है।
    ये तो बस एक खेल नहीं - ये तो एक जीवन का अनुभव है।

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    suraj rangankar

    नवंबर 16, 2025 AT 07:47

    सूर्यकुमार यादव, तू बस बल्ला उठा ले - ये पिच तो तेरे लिए बनी है!
    रिशभ पंत, तू भी बस एक छक्का मार दे - ये बारिश तेरे लिए है!
    अर्शदीप, तू तेज़ गेंद से उनके बल्लेबाज़ को डरा दे!
    जडेजा, तू बीच में जाकर उनकी टीम को उल्टा कर दे!
    ये मैच जीतना है - बस इतना ही!
    हम सब तुम्हारे साथ हैं!
    ये तो बस एक मैच नहीं - ये तो हमारी जीत है!
    हम तुम्हें जीतने के लिए जी रहे हैं!
    तू जीत जा, भाई - हम तुम्हारे लिए रो रहे हैं!
    तू जीत जा - हम तुम्हारे लिए नाच रहे हैं!
    तू जीत जा - हम तुम्हारे लिए गाना गा रहे हैं!
    तू जीत जा - हम तुम्हारे लिए जी रहे हैं!

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    Nadeem Ahmad

    नवंबर 17, 2025 AT 11:15

    मैं बस देख रहा हूँ।
    बारिश हो रही है।
    पिच धीमी है।
    टॉस हुआ।
    गेंदबाज़ी शुरू हुई।
    बल्लेबाज़ बैठे हैं।
    मैं बस देख रहा हूँ।

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    Akshat goyal

    नवंबर 18, 2025 AT 10:18

    जीत जरूरी है।

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    bharat varu

    नवंबर 19, 2025 AT 19:01

    ये पिच तो बस एक अवसर है - भारत के लिए नहीं, बल्कि हर उस खिलाड़ी के लिए जो अपने आप को बदल सकता है।
    मैं तो सोच रहा था कि अगर भारत जीत गया तो क्या होगा? क्या हम सब खुश हो जाएंगे?
    लेकिन अगर हार गए तो क्या होगा? क्या हम सब बेकार हो जाएंगे?
    नहीं।
    ये तो बस एक खेल है।
    हमें ये समझना चाहिए कि जीत और हार दोनों ही खेल का हिस्सा हैं।
    हमें बस इतना करना है - खेल को देखना, समझना, और उसका आनंद लेना।
    भारत के लिए जीत जरूरी है - लेकिन जीत का मतलब ये नहीं कि हम अपने आप को बेवकूफ बना लें।
    हमें बस इतना करना है - खेल को देखना।
    और अगर भारत जीत गया, तो उसकी तारीफ करें।
    अगर हार गया, तो उसका सम्मान करें।
    ये तो बस एक खेल है।
    और हम इसका हिस्सा हैं।

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    Saachi Sharma

    नवंबर 19, 2025 AT 21:23

    अरे यार, अगर भारत जीत गया तो तुम लोग तो रात भर नाचोगे।
    अगर हार गया तो तुम लोग तो बस बैठ जाओगे।
    ये तो बस एक खेल है।

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