इस वर्ष गुजरात माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के द्वारा आयोजित कक्षा 10 की परीक्षा में कुल 82.56 प्रतिशत छात्रों ने सफलता प्राप्त की है। यह परिणाम स्वयं एक बड़ी उपलब्धि का संकेत है, जिसे GSEB ने 11 मार्च से 22 मार्च, 2024 तक राज्य भर में स्थापित विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर आयोजित किए गए परीक्षाओं के माध्यम से संपन्न किया।
परीक्षा आयोजन और छात्र प्रदर्शन
परीक्षा की रूपरेखा
इस वर्ष परीक्षा को व्यापक रूप से सजगता के साथ संचालित किया गया था, जिसमें विद्यार्थियों ने अपनी क्षमता और समझ के अनुसार उत्तर पुस्तिका में अपने ज्ञान को प्रदर्शित किया। GSEB ने सुचारू रूप से परीक्षा की व्यवस्था की थी, जिसमें सुरक्षा और नकल विरोधी उपाय काफी कठोर थे।
छात्रों का प्रदर्शन
परिणाम स्वरूपन की बात करें तो इस वर्ष 82.56% विद्यार्थियों ने परीक्षा में पास होने का लक्ष्य हासिल किया, जो कि पहले के वर्षों की तुलना में अच्छी खबर है। यह स्पष्टता दिखाती है कि शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों की तैयारी में सुधार हो रहा है।
परीक्षा परिणामों की उपलब्धता
GSEB ने न केवल परीक्षा परिणामों को घोषित किया है, बल्कि विद्यार्थियों को उनके परिणाम आसानी से प्र�_container=com.atlassian.fugue.Either$Right@5d486816

Jyoti Kale
मई 11, 2024 AT 09:36यह अंक तालिका सिर्फ अभिमान की झलक है असली पढ़ाई कहीं और होनी चाहिए
Ratna Az-Zahra
मई 11, 2024 AT 10:46डाटा दिखाता है कि सुधार हुआ है लेकिन सतह पर ही नहीं। वास्तविक बदलाव के लिए बुनियादी ढांचा मजबूत होना चाहिए।
Nayana Borgohain
मई 11, 2024 AT 11:58परिणाम देखकर दिल खुश हुआ 😄 शिक्षा में ये प्रगति सराहनीय है।
Shivangi Mishra
मई 11, 2024 AT 13:06हम सबको गर्व है, लेकिन अभी भी कई छात्र पीछे रह गए हैं! मेहनत जारी रखो!
ahmad Suhari hari
मई 11, 2024 AT 14:20यह परिणाम वास्तव मेँ शैक्षिक नीतियों के सुधार का प्रमाण है। परन्तु कुछ क्षेत्रों मेँ अभी भी असमानता देखी जा रही है।
shobhit lal
मई 11, 2024 AT 15:30मैं कहूँ तो यह बढ़ोतरी मुख्यत: ऑनलाइन ट्यूशन के कारण है, बोर्ड ने अपनी भूमिका कम की है।
suji kumar
मई 11, 2024 AT 16:41गुज़रते सालों में शिक्षा प्रणाली ने कई पहलें शुरू कीं, जैसे डिजिटल पाठ्यक्रम, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, और कौशल-आधारित मूल्यांकन; इन सभी ने छात्रों की समझ को गहरा किया, लेकिन साथ ही चुनौतियां भी बढ़ीं, क्योंकि हर स्कूल में समान संसाधन नहीं थे, जिससे असमानता का एक नया दौर शुरू हुआ।
सेवा क्षेत्र में सुधार के कारण शिक्षक प्रशिक्षण में वृद्धि हुई, परन्तु व्यावहारिक अभ्यास की कमी अभी भी महसूस की जाती है; यह अंतरिक्षीय अंतर स्थानीय स्तर पर बड़ी समस्या बन गया।
परिणामस्वरूप, परीक्षा परिणाम में सुधार दिख रहा है, लेकिन यह सतत नहीं कहा जा सकता, क्योंकि केवल आँकड़े वास्तविक ज्ञान को नहीं दर्शाते।
हर छात्र की पृष्ठभूमि अलग होती है, इसलिए एक समान पाठ्यक्रम सभी को समान रूप से लाभ नहीं पहुंचा सकता।
भविष्य में अगर हम विविधता को सराहेंगे और व्यक्तिगत सीखने के मॉड्यूल अपनाएँगे, तो सफलता की दर और बढ़ सकती है।
वर्तमान में, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का सही उपयोग कई स्कूलों में नहीं हो पा रहा, जिससे डिजिटल डिवाइड और गहरा हो रहा है।
सरकार ने कई स्कीम लागू की हैं, पर उनका कार्यान्वयन अक्सर धीमा रह जाता है, जिसके कारण ग्रेड में वास्तविक उछाल नहीं दिखता।
उच्च प्रदर्शन वाले छात्रों ने अक्सर निजी ट्यूशन या अतिरिक्त कक्षाएं ली होती हैं, जिससे उनका स्कोर औसत से ऊपर आता है।
इसके विपरीत, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों के लिए यह लाभ सीमित रहता है।
इसलिए हमें न केवल प्रतिशत पर गौर करना चाहिए, बल्कि समग्र शिक्षा के स्तर को भी समझना चाहिए।
ऐसे में, बोर्ड को अधिक पारदर्शी मूल्यांकन प्रणाली और निरंतर फीडबैक प्रदान करने की आवश्यकता है।
शिक्षकों को भी निरंतर प्रशिक्षण देना चाहिए, ताकि वे नवीनतम शिक्षण पद्धतियों को अपनाएँ।
स्थानीय समुदाय की भागीदारी भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनका सहयोग बिना नहीं हो सकता।
अंततः, यदि हम सभी पक्षों के सहयोग से कार्य करेंगे, तो सफलता की दर न सिर्फ बढ़ेगी, बल्कि सतत भी रहेगी।
Ajeet Kaur Chadha
मई 11, 2024 AT 17:50ओह, अब तो बोर्ड ने भी जादू कर दिया, बस पंद्रह मिनट में परिणाम!
Vishwas Chaudhary
मई 11, 2024 AT 19:00देश के भविष्य को देखते हुए यह अंक गर्व की बात है हमें ऐसी उपलब्धियों से प्रेरणा लेनी चाहिए
Rahul kumar
मई 11, 2024 AT 20:10सफलता का प्रतिशत बढ़ना अच्छा है पर असली परीक्षा तो जीवन की है, इस आँकड़े में गड़बड़ी जरूर है।
indra adhi teknik
मई 11, 2024 AT 21:20यदि आप परिणाम देखना चाहते हैं तो आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ, अपना रोल नंबर डालें और PDF डाउनलोड करें। सभी छात्रों को आगे बढ़ते रहने की शुभकामनाएँ।