के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth पर 21 सित॰ 2025 टिप्पणि (0)

पहले दिन का ऐतिहासिक परिदृश्य
लेड्स के हेडिंगले स्टेडियम में भारत ने टेस्ट मैच की शुरुआत में ही इंग्लैंड को चकित कर दिया। घर के कप्तान बेन स्टोक्स ने भारतीय टीम को पहले बल्लेबाज़ी करने के लिए बुलाया, और भारत ने 359/3 के मजबूत स्कोर पर सत्र समाप्त किया। इस खतरनाक पिच पर शुरुआती पारी के पत्थर Yashasvi Jaiswal ने ही तोड़े, जब उन्होंने 159 गेंदों में 101 रन जमा किए। उनकी पारी में 16 चार और एक छक्का शामिल था, जिससे वह भारत के पहले खिलाड़ी बन गए जिन्होंने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दोनों में डेब्यू टेस्ट में शतक लगाए।
जब जॉन्स कले के साथ हाफ-टाइम में साझेदारी 91 रन बन रही थी, तो दोनो ने इंग्लैंड के तेज बॉलरों को निरंतर मारते हुए टीम को एक मजबूत नींव दे दी। इस साझेदारी ने भारतीय पिच को और भी स्थिर बना दिया, जिससे बाद में शुबमान गिल को भी अपना शतकों का अवसर मिला।

रिकॉर्ड‑ब्रेकिंग शतक और भविष्य की राह
गिल, जो इस मैच में भारत के नए टेस्ट कप्तान थे, ने अपने पहले कप्तानी अंके को ही 100 रनों से परे ले जाकर इतिहास में अपना नाम दर्ज किया। यह उनका छठा टेस्ट शतक था और वह पाँचवें भारतीय बन गए जो अपने पहले कप्तानी टेस्ट में शतक बनाते हैं। उनके इस झटके का असर केवल स्कोरबोर्ड पर नहीं, बल्कि टीम के मनोबल पर भी गहरा रहा।
जायसवाल की पाँचवां टेस्ट शतक और गिल की शानदार अंके दोनों ने यह सिद्ध कर दिया कि भारतीय बैटिंग लाइन‑अप इस सीरीज़ में पूरी तरह से तैयार है। गिल के साथ केएल राहुल की शुरुआती साझेदारी ने 2024 में हुए घरेलू श्रृंखला में 712 रन बनाने वाले जायसवाल की फ़ॉर्म को दोहराया, जो एक साल पहले पर्थ में भारत की जीत का मुख्य कारण था।
इस टूर में अब तक 12 शतक बन चुके हैं, जो 1978 में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ घर में बटाए 11 शतकों का नया रिकॉर्ड तोड़ता है। इस रिकॉर्ड‑ब्रेकिंग सिलसिले ने भारतीय बल्लेबाज़ों की निरंतर पनपती शक्ति को उजागर किया है। अगर इस गति को बनाए रखा गया, तो भारत के पास न केवल पहला इनिंग मजबूत होगा, बल्कि पाँच‑मैच वाली ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप श्रृंखला में जीत के मजबूत अवसर भी होंगे।
अभी भी तीन विकेट बचे हैं, लेकिन भारतीय कप्तान गिल ने पहले ही टीम को एक ऐसा मंच प्रदान कर दिया है जहाँ से वे खेल को अपने पक्ष में मोड़ सकते हैं। बॉलिंग विभाग को अभी भी इंग्लैंड के तेज गेंदबाज़ों को काबू में लाने का काम है, लेकिन यदि वे मध्यकाल में भी इस रफ्तार को बनाए रखते हैं, तो भारतीय टीम को जीत की ओर एक बड़ा कदम और बढ़ाने में मदद मिलेगी।