के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth    पर 26 सित॰ 2025    टिप्पणि (10)

अफ़गानिस्तान ने बांग्लादेश को 17 रन से हराया: 5 जुलाई की पहली ODI में D/L मेथड ने तय किया परिणाम

मैच का सारांश

छत्तीसगढ़ के ज़ाहूर अहमद चौधरी स्टेडियम में 5 जुलाई, 2023 को शुरू हुई पहली वन‑डे अंतरराष्ट्रीय (ODI) सिरीज़ में अफ़गानिस्तान ने बांग्लादेश को 17 रन से परास्त किया। पहले टेस्ट में 546 रन से भारी हार झेलने के बाद अफ़गानिस्तान इस औपचारिक जीत से आत्मविश्वास हासिल करना चाहता था। टॉस में अफ़गानिस्तान ने पहले गेंदबाज़ी का विकल्प चुना और बांग्लादेश को 50 ओवरों में अपने लक्ष्य की तलाश करने दी।

टॉप‑ऑर्डर ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन लगातार ओवरों में बारिश के कारण खेल को रुकना पड़ा। इस बीच अफ़गानिस्तान ने अपने 50‑ओवर innings में एक मजबूत स्कोर सेट किया, जिसमें कप्तान आशफ़बाद कुप्पा ने 50 से अधिक रन बनाए और मिर्ज़ा ज़माली ने तेज़ी से सीम्य मैदानों में कुछ महत्वपूर्ण रन जोड़े। अंत में अफ़गानिस्तान ने 45 ओवर में 258 रन बनाकर पटरी पर था।

बांग्लादेश को टारगेट का पीछा करने के दौरान, तमिम इक्कबाल के नेतृत्व में 9 विकेट गिरते रहे। 43 ओवर पूरा होते-होते बारिश फिर से थाम गई और डकवर्थ‑लेविस मेथड लागू कर दिया गया। उस समय बांग्लादेश 169/9 पर था, जो लक्ष्य से 17 रन कम था। इस प्रकार, अफ़गानिस्तान बांग्लादेश ODI का पहला टक्कर अफ़गानिस्तान की जीत के साथ समाप्त हुआ।

मुख्य आँकड़े और प्रभाव

मुख्य आँकड़े और प्रभाव

  • फज़लहक फारुकी ने 4 ओवरों में 2 विकेट लेकर गेंदबाज़ी में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया और उन्हें खिलाड़ी‑ऑफ़‑द‑मैच का सम्मान मिला।
  • बांग्लादेश की सजा‑स्मृति में सबसे अधिक विकेट गिराने वाले बल्लेबाज़ लहान अहमद थे, जिन्होंने 34 रन बनाए।
  • अफ़गानिस्तान की बैटिंग लाइन‑अप ने कुल 258 रन बनाकर बैटिंग‑फ्रेंडली पिच को पूरी तरह इस्तेमाल किया, जबकि बांग्लादेश को बारिश‑प्रेरित रुकावटों ने काफी बाधित किया।
  • यह जीत अफ़गानिस्तान के लिए श्रृंखला में शुरुआती बढ़त बनाती है, जिससे उनके लिये सीरीज़ को 2‑1 जीतने का रास्ता आसान हो जाता है।
  • बांग्लादेश को अब अपना खेल पुनः व्यवस्थित करना होगा, क्योंकि उनका अर्ध‑स्थायी लक्ष्य 17 रन से कम रहा, जो इस वर्ज़ा‑परिचालित परिस्थितियों में भी उन्हें पीछे छोड़ गया।

आगे की दो मैचों में दोनों टीमों को अपने‑अपने रणनीति में सुधार करना पड़ेगा। अफ़गानिस्तान को अब बल्लेबाज़ी में निरंतरता बनाए रखनी होगी, जबकि बांग्लादेश को अपने बॉलिंग रेसॉर्स को जल्दी से सक्रिय करना होगा, ताकि वे इस प्रारंभिक नुकसान को पलट सकें।

10 Comments

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    Govind Reddy

    सितंबर 26, 2025 AT 19:07

    बारिश ने जीत को भी अपनी लहरों में घुमा दिया।

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    KRS R

    सितंबर 26, 2025 AT 21:06

    भाई, अफ़गानिस्तान की जीत तो बड़ी बात है, लेकिन बांग्लादेश ने भी अपनी पूरी कोशिश की, फिर भी D/L ने सबर तोड़ दिया। इस परिणाम से दिखता है कि खेल में मौसम कितना महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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    Uday Kiran Maloth

    सितंबर 26, 2025 AT 23:53

    राष्ट्रीय स्तर पर D/L विधि का अनुप्रयोग, पुनरावृत्त वर्षा स्थितियों में, लक्ष्य निर्धारण की विश्वसनीयता को पुनः स्थापित करता है। इस पद्धति से दोनों टीमों को समान अवसर मिलता है, जबकि अनपेक्षित जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखा जाता है। इसके अलावा, पिच की स्थिति एवं गेंद की गति का विश्लेषण भी निर्णायक भूमिका निभाता है।

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    Agni Gendhing

    सितंबर 27, 2025 AT 01:16

    है ना कमाल!!! जैसे हरबार बारिश का बहाना बनता ही है... बांग्लादेश तो बस रो रहा था!!

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    Jay Baksh

    सितंबर 27, 2025 AT 04:03

    अरे देखो, अफ़गानिस्तान ने फिर दिखा दिया कि हमही असली क्रीज़ी बाउंसर्स हैं, हमारे जवानों की ताक़त से कोई नहीं टक्कर दे सकता! यही तो असली नेशनल प्राइड है।

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    Ramesh Kumar V G

    सितंबर 27, 2025 AT 05:26

    वास्तव में, इस जीत में पिच की तेज़ी, बॉलिंग फ़्लैंक और फ़ील्डिंग की सटीकता प्रमुख कारण थे। ये सभी तत्व मिलकर टीम की कुल मिलाकर सफलता को ठोस बनाते हैं।

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    Gowthaman Ramasamy

    सितंबर 27, 2025 AT 07:40

    टीम के आँकड़े देखें तो फज़लहक फारुकी ने शॉर्ट ऑवर में 2 विकेट लेकर मैच मोड़ दिया। 🏏📊

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    Navendu Sinha

    सितंबर 27, 2025 AT 09:36

    क्रिकेट केवल एक खेल नहीं, यह जीवन के कई पहलुओं को प्रतिबिंबित करता है।
    हर ओवर एक अध्याय की तरह है, जिसमें आपदा और विजय दोनों स्थान पाते हैं।
    जब बारिश अचानक रोक देती है, तो यह हमें सिखाती है कि अनिश्चितता में भी धैर्य रखना आवश्यक है।
    D/L पद्धति का प्रयोग, प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करने की एक कला है।
    अफ़गानिस्तान की जीत यह दर्शाती है कि दृढ़ संकल्प और रणनीति का मेल हमेशा फल देता है।
    बांग्लादेश ने भी अपनी क्षमता प्रदर्शित की, लेकिन कभी-कभी नियती के हाथ बदलते हैं।
    पिच की बनावट, गेंद के घुमाव और बॉलर की रफ़्तार, सब मिलकर खेल का संगीत बनाते हैं।
    यह संगीत तभी मीठा लगता है जब सभी संगीतकार एक स्वर में होते हैं।
    जब बॉलर बॉल को हवा में उड़ा देता है, तो वह मानो जीवन में चुनौतियों को चुनौती देता है।
    बेटरिंग में धैर्य और साहस दो स्तंभ होते हैं, जिनके बिना कोई शॉट नहीं टिकता।
    खेल के अंत में, विजयी और पराजित दोनों को सीखने का अवसर मिलता है।
    यह अवसर हमें अगले मैच की तैयारी में और मजबूत बनाता है।
    हर खिलाड़ी को चाहिए कि वह अपनी भूमिका को समझे और टीम के हित में काम करे।
    ऐसे क्षणों में, दर्शक भी अपने भीतर के उत्साह को जीवंत होते देखते हैं।
    इस प्रकार, खेल केवल अंक नहीं, बल्कि आत्मा की एक यात्रा है।

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    reshveen10 raj

    सितंबर 27, 2025 AT 11:33

    बांग्लादेश को अगली बार हवा की गति देखनी होगी, वरना फिर फँसेगा!

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    Navyanandana Singh

    सितंबर 27, 2025 AT 13:13

    हर मैच का एक अलग स्वाद होता है, कभी जीत की मिठास, कभी हार की कड़वाहट। आज की स्थिति ने हमें यह याद दिलाया कि खेल में हमेशा अनिश्चितता ही सच्चा साथी है। इसलिए, यदि बांग्लादेश अगली बार बेहतर तैयारी के साथ मैदान में उतरे, तो वह अपनी कीमत फिर साबित कर सकता है। परंतु, इसे समझने के लिए हमें सिर्फ आँकों से नहीं, बल्कि टीम की भावना से भी जुड़ना होगा। यही वह क्षण है जब उदासीनता को छोड़कर जुनून को अपनाया जाना चाहिए।

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