के द्वारा प्रकाशित किया गया Vivek Bandhopadhyay पर 10 अग॰ 2024 टिप्पणि (0)
भारतीय ओलंपिक संघ के केस में शीर्ष वकील हरीश साल्वे की नियुक्ति
भारत के प्रतिष्ठित और अनुभवी वकील हरीश साल्वे को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने एक उच्च-प्रोफाइल मामले में प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया है, जिसमें कुश्ती की अनोखी खिलाड़ी विनेश फोगाट की ओलंपिक से अयोग्यता का प्रश्न है।
विनेश फोगाट की ओलंपिक यात्रा का अंत
विनेश फोगाट, जो भारतीय कुश्ती की एक जाने-माने चेहरे हैं, उन्हें पेरिस ओलंपिक में भाग लेने से पहले 50 किलो की वजन सीमा से केवल 100 ग्राम अधिक होने के कारण अयोग्य ठहरा दिया गया था। यह एक बहुत ही दिल टूटने वाला अंत रहा उनके सुनहरे करियर के लिए।
विनेश फोगाट का संन्यास
इस अयोग्यता के बाद, विनेश फोगाट ने ट्विटर पर अपने भावुक शब्दों में अपने संन्यास की घोषणा की। उन्होंने अपने संदेश में अपने खेल करियर के दौरान मिले समर्थन और सहयोग के लिए दिल से आभार प्रकट किया।
राष्ट्र का समर्थन
WFI के अध्यक्ष संजय सिंह ने विनेश के इस कदम को पुनर्विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि विनेश का योगदान भारतीय कुश्ती के क्षेत्र में अकथनीय है और यह खेल उन्हें कभी नहीं भूल सकता।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की भूमिका
The Court of Arbitration for Sport (CAS) ने विशेष रूप से पेरिस में एक अद्जुडिकेशन डिवीजन स्थापित किया है, जिसमे अमेरिकी न्यायाधीश माइकल लेनार्ड अध्यक्ष हैं। यह डिवीजन न्यायिक सुनवाइयों के माध्यम से ओलंपिक के दौरान त्वरित निर्णय लेने का काम करेगा।
भारतीय वकील हरीश साल्वे की भूमिका
हरीश साल्वे, जो भारतीय कानूनी प्रणाली में एक प्रतिष्ठित नाम हैं और पूर्व सॉलिसिटर जनरल रहे हैं, उन्होंने पुष्टि की है कि IOA ने उन्हें CAS में विनेश फोगाट के मामले में प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया है।
समय और स्थान
यह सुनवाई पेरिस समयानुसार सुबह 9:00 बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर 12:30 बजे) शुक्रवार, 9 अगस्त को शुरू होगी।
चुनौतियों और सम्मान
विनेश फोगाट के चुनाव के बावजूद, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी ने फोगाट को एक सिल्वर पदक विजेता के सभी लाभ देने का वादा किया है, यह स्वीकार करते हुए कि उन्होंने अपने करियर में जितने भी संघर्ष और चुनौतियों का सामना किया है, उसके लिए उन्हें उच्च सम्मान मिलता है।
न्याय का अंत और भारतीय कुश्ती की उम्मीदें
यह मामला भारतीय खेल प्रेमियों और विशेष रूप से कुश्ती के प्रशंसकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल विनेश फोगाट के लिए न्याय की खोज है, बल्कि भारतीय खेल समुदाय के समर्थन और उनकी मेहनत और समर्पण के प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका भी है।
हम सब यही उम्मीद करते हैं कि भारतीय ओलंपिक संघ और हरीश साल्वे के प्रयासों के चलते विनेश फोगाट को अपने करियर का उचित अंत मिलेगा। चाहे परिणाम जो भी हो, यह मामला सुनिश्चित रूप से भारतीय खेल इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखेगा।
सपनों की दिशा में एक नया कदम
विनेश फोगाट के करियर ने न केवल उन्होंने खुद के लिए, बल्कि कई नई पीढ़ी की महिला पहलवानों के लिए भी एक बड़ी प्रेरणा दी है। उनके संघर्ष और उनकी उपलब्धियों की कहानी निश्चित रूप से युवा खिलाड़ियों को अपने सपनों की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगी।