के द्वारा प्रकाशित किया गया Vivek Bandhopadhyay पर 3 अग॰ 2024 टिप्पणि (0)
फ्रांस ने अर्जेंटीना को क्वार्टरफाइनल में दी मात
पेरिस ओलंपिक 2024 के पुरुष फुटबॉल क्वार्टरफाइनल में फ्रांस ने अर्जेंटीना को 1-0 से हराया। फ्रांस के जीन-फिलिप मातेता ने शुरुआती गोल किया, जो कि माइकल ओलिसे के सही समय पर और सटीक कोरनर किक के बाद हुआ। इस गोल ने न केवल फ्रांस को सेमीफाइनल में जाने का रास्ता खोला, बल्कि खेल के हर पहलू में दबदबा बनाए रखा।
मंच पर खड़ा था नस्लवाद विवाद
मैच की शुरुआत से ही दोनों टीमों के बीच तनाव स्पष्ट था। फ्रांसीसी दर्शकों द्वारा अर्जेंटाइनी खिलाड़ियों और उनके राष्ट्रीय गान का मजाक उड़ाया गया, जिससे मैच का माहौल और भी बिगड़ गया। यह सब एक नस्लवाद विवाद के चलते हुआ, जहां अर्जेंटीनी खिलाड़ियों ने पूर्व में फ्रांसीसी खिलाड़ियों, विशेष रूप से अफ्रीकी मूल के खिलाड़ियों के खिलाफ अपमानजनक गीत गाए थे। यह विवाद विवादास्पद था और इसे लेकर दोनों देशों के बीच काफी चर्चा हुई थी।
अर्जेंटीना को कोई मौका नहीं
भले ही अर्जेंटीना ने भरपूर प्रयास किए, फिर भी उन्हें गोल करने का कोई मौका नहीं मिला। मौके तो बने लेकिन वे इसे गोल में तब्दील करने में असफल रहे। फ्रांसीसी रक्षक और गोलकीपर ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और हर बार अर्जेंटीनी कोशिशों को नाकाम किया।
सेमीफाइनल में फ्रांस का मुकाबला मिस्र से
इस जीत के साथ ही फ्रांस ने ओलंपिक पुरुष फुटबॉल टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है, जहां उनका सामना मिस्र से होगा।
ओलंपिक फुटबॉल टूर्नामेंट की संरचना
यह ध्यान देने योग्य है कि ओलंपिक पुरुष फुटबॉल टूर्नामेंट मुख्यतः एक अंडर-23 स्पर्धा होती है, जिसमें प्रत्येक टीम तीन वयस्क खिलाड़ियों को शामिल कर सकती है। इसका मतलब यह है कि बड़ी-बड़ी फुटबॉल हस्तियाँ जैसे लियोनेल मेसी और किलियन एम्बाप्पे इस टूर्नामेंट में भाग नहीं ले रहे हैं। यह और भी दिलचस्प बना देता है क्योंकि युवा खिलाड़ियों को अपना कौशल दिखाने का मौका मिलता है।
खिलाड़ियों के बीच नोक-झोंक
मैच का अंत भी नाटकीय रहा। अंतिम सीटी के बाद खिलाड़ियों के बीच नोक-झोंक और तनातनी हुई। यह स्पष्ट था कि दोनों टीमें अपनी सम्पूर्णता से मैच जीतने के लिए प्रतिबद्ध थीं और हार सहन नहीं कर सकती थीं।
स्पोर्ट्समैनशिप के लिहाज से सीखने योग्य बातें
यह मैच इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि इसमें खेल भावना और नैतिकता की अनुपम देखी गई। दोनों देशों के खिलाड़ियों ने मैदान पर संघर्ष किया, लेकिन अंत में खेल का उत्सव मनाने के लिए मिले। इस तरीके से ऐसे मैचों से केवल फुटबॉल ही नहीं, बल्कि खेल की सकारात्मकता और महत्त्व भी सामने आती है।