के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth पर 9 फ़र॰ 2025 टिप्पणि (5)

NEET UG 2025 के नए नियम
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने NEET UG 2025 के लिए टाई-ब्रेकिंग के नए मानदंड पेश किए हैं। इन मानदंडों का लक्ष्य बराबर अंकों वाले उम्मीदवारों के बीच रैंकिंग संबंधी अवरोधों को हल करना है। नए नियमों के अनुसार, सबसे पहले जैविकी (बॉटनी और जूलॉजी) के अंकों को प्राथमिकता दी जाएगी, इसके बाद रसायन विज्ञान और फिर भौतिक विज्ञान के अंकों को वरीयता दी जाएगी। ये बदलाव उन संभावित टाई स्थितियों के लिए हैं जो सामान्य प्रक्रियाओं से हल नहीं हो पातीं।
अगर उम्मीदवार इन चरणों के बाद भी टाई रहते हैं, तो एक विशेषज्ञ समिति के निर्देशानुसार एक यादृच्छिक प्रक्रिया का उपयोग करके निर्णय लिया जाएगा। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि परिणाम अधिक न्यायसंगत और पारदर्शी हो सकें।
परीक्षा की तिथियां और सीटें
NEET UG 2025 आवेदन प्रक्रिया 7 फरवरी, 2025 से शुरू हो चुकी है और इसकी अंतिम तिथि 7 मार्च रखी गई है। परीक्षा 4 मई, 2025 को 552 भारतीय शहरों और 14 विदेशी केंद्रों में आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा में लगभग 25-26 लाख उम्मीदवार भाग लेंगे। प्रवेश पत्र 1 मई, 2025 को जारी किए जाएंगे।
महत्वपूर्ण बदलावों में कोविड-19 महामारी के दौरान जोड़े गए वैकल्पिक प्रश्नों को हटाना शामिल है। पुराने मानदंड जैसे आवेदन संख्या और उम्र को भी अब हटाया जा चुका है। इस बार परीक्षा MBBS, BDS, BMS, BUMS, BHMS, BYMS, पशु चिकित्सा और नर्सिंग कोर्सों में सीटों की पेशकश करेगी। इस साल 1.17 लाख MBBS और 28,000 BDS सीटें उपलब्ध हैं।
नवीनतम तपक्रीड़ा का उद्देश्य मुख्य विषय के प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करके और इसके बाद की टाई ब्रेकिंग के लिए यादृच्छिक चयन प्रक्रिया का उपयोग करके पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है। इस बदलाव से उम्मीद की जा रही है कि परिणाम जोरदार और दोषरहित होंगे।
Jay Baksh
फ़रवरी 9, 2025 AT 03:17देश की शान बचाने के लिए नई टाई‑ब्रेकिंग नीति को पूरी तरह से अपनाया जाना चाहिए!
Agni Gendhing
फ़रवरी 16, 2025 AT 01:57ओह, अब NTA ने फिर से जाली खेल शुरू कर दिया है, नई टाई‑ब्रेकिंग मानदंडों के साथ, जैसे कोई रहस्य भण्डार खोल रहा हो!!! जैविकय़ी के अंक को पहली प्राथमिकता देना, क्या ये वही ‘गुप्त एजेंडा’ नहीं है जिसे हम सब जानते थे? अब यादृच्छिक प्रक्रिया? हाँ, बिल्कुल, क्योंकि सबको बराबर मौका देना हमारा सच्चा मिशन है, है ना?
Ramesh Kumar V G
फ़रवरी 23, 2025 AT 00:37टाई‑ब्रेकिंग के क्रम को समझने के लिए बायोलॉजी पहले, फिर केमिस्ट्री, अंत में फिजिक्स को प्राथमिकता देना वैज्ञानिक तर्क पर आधारित है। यह प्रणाली उन उम्मीदवारों को लाभ देती है जिन्होंने मुख्य विषयों में बेहतर प्रदर्शन किया है।
Gowthaman Ramasamy
मार्च 1, 2025 AT 23:17राष्ट्रीय स्तर पर NEET के नियम हमेशा से ही बहस का विषय रहे हैं।
2025 में प्रस्तुत टाई‑ब्रेकिंग मानदंडों ने कई जटिलताओं को सरल बनाने का प्रयास किया है।
सबसे पहले बॉटनी और जूलॉजी के स्कोर को प्राथमिकता देना एक तार्किक कदम है, क्योंकि ये विषय मेडिकल शिक्षा की नींव हैं।
इसके बाद रसायन विज्ञान और फिर भौतिक विज्ञान को वरीयता देना क्रमिक महत्व दर्शाता है।
यदि इन चरणों के बाद भी टाई रहती है, तो यादृच्छिक प्रक्रिया को लागू किया जाएगा, जो पारदर्शिता को बढ़ाता है।
यह यादृच्छिक चयन समिति की निर्देशन के तहत होगा, जिससे मानदंड में अनियमितता नहीं आएगी।
इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य परिणामों की निष्पक्षता सुनिश्चित करना है, जिससे उम्मीदवारों में भरोसा बना रहे।
परीक्षा की तारीखों को निर्धारित करने में भी यह नई प्रणाली मददगार साबित होगी।
आवेदन प्रक्रिया 7 फरवरी से शुरू हुई और 7 मार्च तक जारी रहेगी, जिससे उम्मीदवारों को पर्याप्त समय मिला।
परीक्षा 4 मई को 552 शहरों और 14 विदेशी केंद्रों में आयोजित होगी, जिससे पहुंच व्यापक होगी।
कुल मिलाकर 25-26 लाख उम्मीदवार इस परीक्षा में भाग लेंगे, जिससे प्रतिस्पर्धा तीव्र होगी।
MBBS, BDS सहित कई कोर्सों में सीटों की संख्या भी स्पष्ट की गई है, जिससे विकल्पों की विविधता बढ़ी है।
कोविड‑19 के दौरान जोड़े गए वैकल्पिक प्रश्नों को हटाना एक सकारात्मक कदम है, जिससे परीक्षा की गुणवत्ता सुधरी है।
यह सभी परिवर्तन राष्ट्रीय स्वास्थ्य शिक्षा की दिशा को दृढ़ता से आगे बढ़ाएंगे।
हमें इस नई प्रणाली को अपनाते हुए भविष्य की पीढ़ी के लिए एक सुदृढ़ आधार बनाना चाहिए 😊📚.
onpriya sriyahan
मार्च 8, 2025 AT 21:57नई नियमों से ताजगी महसूस होती है यह छात्रों को आत्मविश्वास देगा चलो मिलकर इस बदलाव को सराहें